(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-508/2006
दि सेक्रेटरी, राय बरेली डेवलपमेंट अथारिटी, निकट सुपर मार्केट, रायबरेली।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1
बनाम्
श्रीमती उर्मिला सिंह पत्री श्री डी.पी. सिंह, निवासिनी एलआईजी-एल 312, इंदिरा नगर एक्सटेंशन, आर.डी.ए. कालोनी, सिटी व जिला रायबरेली तथा दो अन्य।
प्रत्यर्थी/परिवादिनी/विपक्षी सं0-2 व 3
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री ललित किशोर पाण्डये।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 02.12.2022
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-186/2002, श्रीमती उर्मिला सिंह बनाम सचिव विकास प्राधिकरण रायबरेली तथा दो अन्य में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, रायबरेली द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 03.02.2006 के विरूद्ध यह अपील विपक्षी संख्या-1 द्वारा प्रस्तुत की गई है। इस निर्णय एवं आदेश द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने आवंटन पत्र में वर्णित राशि तथा अंतिम मूल्य निर्धारण के मध्य की राशि अंकन 26,371/- रूपये परिवादिनी को वापस लौटाने का आदेश विपक्षी संख्या-1 को दिया है।
2. इस निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध अपील इन आधारों पर प्रस्तुत की गई है कि आवंटन पत्र में अनुमानित कीमत का उल्लेख किया गया था न कि अंतिम कीमत का। अंतिम कीमत का निर्धारण होने के पश्चात ही अंतिम मूल्य सुनिश्चित किया जा सका, इसलिए अनुमानित कीमत एवं अंतिम मूल्य की राशि के मध्य की राशि को वापस किए जाने का आदेश विधि विरूद्ध है।
-2-
3. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री ललित किशोर पाण्डेय उपस्थित आए। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
4. हायर परचेज एग्रीमेंट संलग्नक-1 के रूप में पत्रावली पर मौजूद है, जिसके पृष्ठ संख्या-2 के पैरा संख्या-9 में अंतिम एवं अनुमानित मूल्य का उल्लेख मौजूद है। यह भी स्पष्ट अंकित है कि यदि कोई अंतर निकलता है तब इसका भुगतान आवंटी द्वारा किया जाएगा। अत: इस करार के अनुसार अनुमानित कीमत तथा अंतिम मूल्य के अंतर की राशि अदा करने का दायित्व उपभोक्ता/परिवादी पर है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने पक्षकारों के मध्य विक्रय करार के विपरीत निर्णय एवं आदेश पारित किया है, जो अपास्त होने और अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
5. प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 03.02.2006 अपास्त किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय स्वंय वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-3