राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-68/2015
लाइफ इंश्योरेंस कारपोरेशन आफ इंडिया ब्रांच आफिस, बलिया
द्वारा असिस्टेन्ट सेक्रेटरी, जेड.ओ. लीगल सेल, लाइफ इंश्योरेंस
कारपोरेशन आफ इंडिया हजरतगंज, लखनऊ। .....अपीलार्थी@विपक्षी
बनाम
श्रीमती उर्मिला देवी पत्नी स्व0 बब्बन सिंह निवासी ग्राम बोहरा खुर्द
पोस्ट सराय कोटा जिला बलिया। .......प्रत्यर्थी/परिवादिनी
समक्ष:-
1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री वी0एस0 बिसारिया, विद्वान
अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक 14.10.2022
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या 67/2012 श्रीमती उर्मिला देवी बनाम भारतीय जीवन बीमा निगम में पारित निर्णय व आदेश दिनांक 25.11.2014 के विरूद्ध यह अपील इस आधार पर प्रस्तुत की गई है कि जिला उपभोक्ता मंच ने इस तथ्य को विचार में नहीं लिया कि बीमा पालिसी प्रस्ताव के पूर्व से ही बीमाधारक किडनी की बीमारी से ग्रसित थे।
2. केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय व पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
3. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि पृष्ठ संख्या 31 एवं 32 पर यह साक्ष्य मौजूद है कि बीमाधारक एक वर्ष पूर्व से बीमार है। यह उल्लेख एक वर्ष की सुनिश्चित अवधि को विचार में लेने के लिए पर्याप्त नहीं है। यह उल्लेख केवल एक अनुमान पर आधारित है। इस
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दस्तावेज में अंकित शर्त एक वर्ष के बारे में यह सुनिश्चित दिया जाना संभव नहीं है, बीमा प्रस्ताव भरते समय बीमाधारक को इस तथ्य की जानकारी थी कि वह किडनी की बीमारी से ग्रसित है। बीमा प्रस्ताव भरने से पूर्व बीमाधारक द्वारा किसी अस्पताल में किडनी का इलाज कराया गया हो ऐसा कोई सबूत पत्रावली पर मौजूद नहीं है, इसलिए जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय में इस बिन्दु पर कोई हस्तक्षेप किया जाना विधिसम्मत नहीं है।
4. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह बहस की गई कि बीमित राशि पर 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अदा करने का आदेश दिया है, जो अत्यधिक उच्च श्रेणी का है। यह पीठ विद्वान अधिवक्ता के इस तर्क से सहमत है। बीमित धनराशि केवल 6 प्रतिशत ब्याज सहित देने का आदेश विधिसम्मत है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
5. अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि ब्याज दर 12 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज के स्थान पर 06 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज देय होगा। शेष निर्णय पुष्ट किया जाता है।
अपीलार्थी द्वारा धारा-15 के अंतर्गत जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित जिला उपभोक्ता आयोग को निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार) सदस्य सदस्य
राकेश, पी0ए0-2 कोर्ट-2