(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील सं0 :-2283/2007
(जिला उपभोक्ता आयोग, उन्नाव द्वारा परिवाद सं0-99/2005 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 21/02/2007 के विरूद्ध)
M/S Bajaj Auto Limited Service Department, Akurdi, Pune-411 035 Through its Asstt. Manager.
- Appellant
Versus
- Smt. Tamanna Tabassum W/O Sri Iqbal Khaliq R/O 116, Opp. Central Bank, Taqi Nagar District-Unnao.
- M/S Amit Deep Automobiles 4/58, Shivbaran lal Road Viseswar Cinema, District-Allahabad Through its Manager/Proprietor
- M/S Chaturbhuj Motors Chaturbhuj nagar Shekhpur, District Unnao
- Respondents
समक्ष
- मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य
- मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य
उपस्थिति:
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता:-श्री बदरूल हसन
प्रत्यर्थीगण की ओर विद्वान अधिवक्ता:- कोई नहीं
दिनांक:-18.11.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- यह अपील जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग, उन्नाव द्वारा परिवाद सं0-99/2005 श्रीमती तमन्ना तबस्सुम बनाम अमित दीप आटो मोबाइल्स व अन्य में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 21/02/2007 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है।
- जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए परिवादी केा मोटर साइकिल उपलब्ध कराने, विकल्प में मोटर साइकिल का मूल्य अंकन 27,470/-रू0 18 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने का आदेश पारित किया है।
- परिवाद के तथ्यों के अनुसार विपक्षी सं0 1 से एक मोटर साइकिल सं0 यू0पी0 35डी 08629, अंकन 27,470/-रू0 में दिनांक 11.08.2003 को क्रय की गयी थी, जिसमें पहले दिन से ही असामान्य आवाज इंजन से आने लगी थी। विविध प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होने लगी, जिसकी जानकारी विपक्षी सं0 1 को दी गयी, जिनके द्वारा समय बीतने के साथ सही होने का कथन किया गया। इसके बाद 660 किमी के बाद सर्विस करायी गयी, परंतु गाड़ी की कमी दूर नहीं हुई, इसके बाद विपक्षी सं0 3 को भी सूचित किया गया, जिनके द्वारा गाड़ी का निरीक्षण करने के लिए मैसर्स अमित दीप आटोमोबाइल्स को कहा गया, दिनांक 31.12.2003 को सूचना दी गयी, परंतु कोई कार्यवाही नहीं की गयी। इंजन में कमी कभी भी दूर नहीं हुई न ही सर्विस के बाद इंजन भी ठीक हुआ।
- विपक्षी सं0 2 का कथन है कि सर्विस के दौरान जो कमी बतायी गयी, उनकको दुरूस्त कर दिया गया। विपक्षी सं0 1 एवं 3 द्वारा प्रतिवाद पत्र दाखिल नहीं किया गया, उनके विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही करते हुए तथा साक्ष्य की व्याख्या करते हुए यह निष्कर्ष दिया कि वारण्टी अवधि के दौरान मोटर साइकिल को दुरूस्त नहीं किया गया, इसलिए विपक्षी सं0 1 एवं 3 उत्तरदायी है।
- इस निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता को सुना, जिनका तर्क है कि प्रश्नगत वाहन में निर्माण संबंधी त्रुटि का कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है, इसलिए वाहन को बदलने का आदेश अनुचित है। स्वयं जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय के अवलोकन से ज्ञात होता है कि जिला उपभोक्ता आयोग ने वाहन में निर्माण संबंधी त्रुटि पर कोई विशेषज्ञ साक्ष्य प्राप्त नहीं की है, इसलिए निर्माण संबंधी त्रुटि स्थापित नहीं है। निर्माण संबंधी त्रुटि स्थापित हुए बिना मोटर साइकिल को बदलने या मोटर साइकिल की कीमत वापस किये जाने का आदेश दिया जाना उचित नहीं था। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा केवल मोटर साइकिल को दुरूस्त अवस्था में एवं परिवादी की पूर्ण संतुष्टि में मरम्मत के साथ उपलब्ध कराने का आदेश पारित करना चाहिए था। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि विपक्षी सं0 1 लगायत 3 का दायित्व है कि वह परिवादी की मोटर साइकिल को पूर्णता दुरूस्त अवस्था में कराकर उपलब्ध कराये और यदि मोटर साइकिल अब से 3 माह के अंदर पूर्ण अवस्था में तथा परिवादी की संतुष्टि में पूर्ण मरम्मत के साथ उपलब्ध नही करायी जाती तब जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश पुन: बहाल रहेगा।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
उभय पक्ष अपीलीय वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट नं0 2