राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, लखनऊ उ0प्र0
अपील संख्या- 658/2002 सुरक्षित
(जिला उपभोक्ता फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद सं0 323/1997 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 13-08-2001 के विरूद्ध)
सेंट्रल बैंक आफ इंडिया आर्य नगर ब्रान्च कानपुर द्वारा ब्रान्च मैनेजर।
अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
श्रीमती सुशीला गुप्ता पत्नी श्री माधव राम गुप्ता निवासी 112/222 स्वरूपनगर, कानपुर। (मृतक)
1/1 अखिलेश कुमार गुप्ता पुत्र स्व0 श्री माधव राम गुप्ता निवासी112/222 स्वरूपनगर, कानपुर। प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
माननीय श्री आर0सी0 चौधरी, पीठासीन सदस्य।
माननीय श्री संजय कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थिति : श्री सी0के0 सेठ, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थिति : कोई नहीं।
दिनांक 28-03-2017
माननीय श्री आर0सी0 चौधरी, पीठासीन सदस्य, द्वारा उद्घोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील जिला उपभोक्ता फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद सं0 323/1997 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 13-08-2001 के विरूद्ध योजित की गई है, जिसमें जिला उपभोक्ता फोरम के द्वारा निम्न आदेश पारित किया गया है:-
वादी का यह उपभोक्ता वाद आज्ञप्त किया जाता है। विपक्षी को आदेश दिया जाता हैकि वादी को स्टाक एक्सचेंज इनवेस्ट का मूल्य 14000-00 रूपये वादी द्वारा स्टाक एक्सचेंज इनवेस्ट क्रय करने के दिनांक से 15 प्रतिशत ब्याज सहित निर्णय के दिनांक से दो माह के अन्दर भुगतान करें।
संक्षेप में केस के तथ्य इस प्रकार से है कि परिवादिनी श्रीमती सुशीला देवी का 160 सेविंग खाता सेंट्रल बैंक में है, उसने विपक्षी से अपने खाता 160 के जरिए डेबिट कराकर 2500-00 में0 बनारस बीड्स लि0 के शेयर तथा 5500-00 के एम0सी0आई0एल0 के शेयर खरीदने के लिए स्टॉक एक्सचेंज से क्रय किये। में0 भुवन त्रिपुरा के 2500-00 के शेयर खरीदे, 3000-00 में में0 कोचीन रिफाइनरी के शेयर खरीदे। कुल मिला 14,000-00 रूपये के शेयर विपक्षी बैंक से क्रय किए। जब विपक्षी को कोई शेयर नहीं मिले तो उसने विपक्षी से स्टाक एक्सचेंज इनवेस्ट में निवेशित धन अपने खाते में वापस मांगा, परन्तु विपक्षी ने धन नहीं दिया। अत: वादी ने वाद प्रस्तुत करके 14,000-00 स्टाक एक्सचेंज इन्वेस्ट की कीमत तथा ब्याज सहित मूल्य की अभियाचना की है।
(2)
जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष विपक्षी द्वारा प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत किया गया, जिसमें कहा गया है कि उसने कोई स्टाक एक्सचेंज इन्वेस्ट खरीदने के लिए कोई धनराशि वादी के खाता नं0-160 से डेविट नहीं की। वादी द्वारा कथित स्थितियों पर कोई धनराशि जमा नहीं है। वादी की सारी कहानी मनगढन्त है। वादी कोई अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है।
इस केस में अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री सी0के0 सेठ, उपस्थित है। प्रत्यर्थी को नोटिस दिनांक 15-03-16 को भेजी गई थी, लेकिन प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रत्यर्थी पर नोटिस का तामीला माना जा चुका है। प्रत्यर्थी मृत्यु हो चुकी है, उनके स्थान पर उनके वारिसान अखिलेश गुप्ता को पक्षकार बनाया जा चुका है। आदेश पत्र दिनांक 18-11-2014 से स्पष्ट है कि प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री मनोज मोहन, आते थे और पत्रावली से यह भी स्पष्ट है कि दिनांक 08-07-2002 को मोहन अग्रवाल का प्रार्थना पत्र भी प्रत्यर्थी की ओर से लगा हुआ है और पत्रावली में श्री अखिलेश कुमार गुप्ता का वकालतनामा प्रत्यर्थी के तरफ से लगा है, लेकिन बहस के समय प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया। इस सम्बन्ध में अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया। पत्रावली का परिशीलन किया गया तथा जिला उपभोक्ता फोरम के निर्णय/आदेश दिनांक 16-03-2002 का अवलोकन किया गया एवं अपील आधार का अवलोकन किया गया।
अपीलार्थी के तरफ से बहस में कहा गया कि यह शेयर का मामला है और उसमें कामर्शियल ट्रांजक्शन है और शेयर के मामले में कोई अधिकार जिला उपभोक्ता फोरम को सुनवाई का नहीं है और निम्न रूलिंग दाखिल की गई-
।।। (2013) सी0पी0जे0 203 (एन0सी0) राम लाल अग्रवाल बनाम एलांइज लाइफ इंश्योरेंस कं0 एवं अन्य प्रस्तुत किया, जिसमें कहा गया है कि-
- Jurisdiction- Insurance Policy- Policy having been taken for investment of premium amount in share market which is for speculative gain, complainant not comes within purview of Consumer Protection Act, 1986 – Complaint not maintainable.
इस प्रकार से अपीलकर्ता को सुनने तथा केस के तथ्यों परिस्थितियों में तथा उपरोक्त रूलिंग को देखते हुए हम यह पाते हैं कि मौजूदा केस में जिला उपभोक्ता फोरम के द्वारा जो
(3)
निर्णय/आदेश दिनांक 13-08-2001 पारित किया गया है, वह विधि सम्मत् नहीं है और निरस्त किये जाने योग्य है। अपीलकर्ता की अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
अपीलकर्ता की अपील स्वीकार की जाती है तथा जिला उपभोक्ता फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद सं0 323/1997 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 13-08-2001 निरस्त किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना अपीलीय व्यय भार स्वयं वहन करेंगे।
(आर0सी0 चौधरी) (संजय कुमार)
पीठासीन सदस्य सदस्य
आर.सी.वर्मा, आशु. कोर्ट नं0-2