(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-876/2008
The New India Assurance Co. Ltd & others
Versus
Smt. Munni Begum & others
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित: श्री जफर अजीज, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक :12.03.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-142/1998, श्रीमती मुन्नी बेगम व अन्य बनाम न्यू इण्डिया एश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड व अन्य में विद्वान जिला आयोग, बदायूँ द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 29.03.2008 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री जफर अजीज के तर्क को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. जिला उपभोक्ता मंच ने बीमित वाहन के दुर्घटना होने पर क्षतिपूर्ति के लिए अंकन 3,90,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया है। परिवाद पत्र में यह उल्लेख है कि परिवादिनी द्वारा मिनी ट्रक कॉमर्शियल बरेली से क्रय किया गया था, जो जीविकोपार्जन के लिए था, जिसका बीमा 10.09.1996 को कराया गया था। यह ट्रक दिनांक 22.01.1997 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में ट्रक ड्राइवर ट्रक से कूदकर भाग गया एवं क्लीनर जाकिर के दोनों पैर व अशरफ का एक पैर कट गया। विपक्षी बीमा कम्पनी के समक्ष क्लेम प्रस्तुत किया गया, जिनके द्वारा सर्वेयर नियुक्त किया गया, परंतु सर्वेयर रिपोर्ट की कोई सूचना परिवादी को नहीं दी गयी। इस दुर्घटना की सूचना वजीरगंज थाने में दी गयी, परंतु बीमा क्लेम अदा नहीं किया गया। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा परिवाद स्वीकार करते हुए क्लेम अदा करने का आदेश पारित किया है।
3. अपीलार्थी बीमा कम्पनी का केस यह है कि दुर्घटना के समय वाहन चालक गुलाम नवी नाम का व्यक्ति था और उसके पास दुर्घटना के समय वाहन चलाने का वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था। दुर्घटना के समय 6 व्यक्ति वाहन में बैठे हुए थे, इसलिए बीमा पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन किया गया है। सर्वेयर रिपोर्ट के अनुसार क्षति का आंकलन 3,13,500/-रू0 का दिया गया है। इस सर्वेयर रिपोर्ट के विपरीत अंकन 3,90,000/-रू0 की क्षति देने के लिए समुचित रूप से राशि का आंकलन जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा नहीं किया गया है, इसलिए सर्वेयर रिपोर्ट के आधार पर ही क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया जाना चाहिए था। यहां यह भी स्पष्ट किया जाता है कि ड्राइवर के संबंध में बीमा कम्पनी द्वारा इस आशय का कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया कि बाबू खॉ नाम का व्यक्ति वाहन चला रहा था। पुलिस द्वारा भी बाबू खॉं के विरूद्ध लापरवाही से वाहन चलाने का आरोप पत्र प्रेषित किया गया है। अत: अपील इस सीमा तक स्वीकार होने योग्य है कि बीमित राशि 3,90,000/-रू0 के स्थान पर 3,13,500/-रू0 देय होंगे। साथ ही इस राशि पर परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत ब्याज के साथ दिया जाना उचित है।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है क्षतिपूर्ति की राशि अंकन 3,13,500/-रू0 तथा इस राशि पर परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अपीलार्थीगण द्वारा प्रत्यर्थी/परिवादी को अदा किया जायेगा। शेष निर्णय/आदेश पुष्ट किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3