Uttar Pradesh

StateCommission

A/2008/540

IFFCO Tokio General Insurance - Complainant(s)

Versus

Smt Laxmi Ponia - Opp.Party(s)

Ashok Mehrotra

19 Jan 2019

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2008/540
( Date of Filing : 13 Mar 2008 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. IFFCO Tokio General Insurance
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Smt Laxmi Ponia
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Gobardhan Yadav MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 19 Jan 2019
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील सं0-५४०/२००८

 

(जिला मंच (प्रथम), आगरा द्वारा परिवाद सं0-३२६/२००४ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १७-०१-२००८ के विरूद्ध)

 

इफको टोकियो जनरल इंश्‍योरेंस कं0लि0, पाम कोर्ट, चतुर्थ तल, प्‍लॉट नं0-२०/०४, सुखराली चौक, मेहरौली, गुड़गॉंव – १२२००१ (हरियाणा).

                                            ............. अपीलार्थी/विपक्षी सं0-१.

बनाम

१. श्रीमती लक्ष्‍मी पूनिया पत्‍नी स्‍व0 कृष्‍णवीर सिंह,

२. सुभेन्‍द्र पूनिया पुत्र स्‍व0 कृष्‍ण वीर सिंह,

३. कु0 हेम लता पुत्री स्‍व0 कृष्‍ण वीर सिंह,

   तीनों निवासीगण ग्राम बाद, तहसील व जिला आगरा।

                                           ............   प्रत्‍यर्थीगण/परिवादीगण।

४. ककुआ क्षेत्रीय सहकारी समिति लि0, ग्राम ककुआ, पोस्‍ट-खास, तहसील व जिला आगरा।                                       ............   प्रत्‍यर्थी/विपक्षी सं0-२.

 

समक्ष:-

१-  मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य।

२-  मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित  : श्री अशोक मेहरोत्रा विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण की ओर से उपस्थित : श्री सुशील कुमार शर्मा विद्वान अधिवक्‍ता         

                        द्वारा अधिकृत विद्वान अधिवक्‍ता श्रीमती नीलम यादव।

प्रत्‍यर्थी सं0-२ की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।  

 

दिनांक :- २०-०२-२०१९.

 

मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील, जिला मंच (प्रथम), आगरा द्वारा परिवाद सं0-३२६/२००४ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १७-०१-२००८ के विरूद्ध योजित की गयी है।

संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार हैं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण के कथनानुसार प्रत्‍यर्थी सं0-१/परिवादिनी के पति एवं प्रत्‍यर्थी सं0-२ व ३ के पिता स्‍व0 कृष्‍णवीर सिंह ने प्रत्‍यर्थी सं0-४ के माध्‍यम से इफको कम्‍पनी का ०४ बोरा एन0पी0के0 खाद तथा २० बोरा यूरिया

 

 

-२-

खाद ६,५३४/- रू० में दिनांक २९-१०-२००१ को क्रय किया था। यह क्रय अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी द्वारा संचालित संकट हरण बीमा पालिसी से आच्‍छादित था। उक्‍त बीमा पालिसी के अन्‍तर्गत इफको कम्‍पनी की ०१ बोरा खाद क्रय करने पर क्रेता की दुर्घटना में मृत्‍यु हो जाने पर ४,०००/- रू० प्रति बोरा के हिसाब से क्षतिपूर्ति की अदायगी नामित व्‍यक्ति को की जानी थी। प्रत्‍यर्थी सं0-१/परिवादिनी मृतक कृष्‍णवीर सिंह की पत्‍नी है एवं प्रत्‍यर्थी सं0-२ व ३ मृतक कृष्‍णवीर सिंह की सन्‍तानें हैं। उपरोक्‍त खाद क्रेता स्‍व0 कृष्‍णवीर सिंह की मृत्‍यु दिनांक २०-०७-२००२ को ग्राम बाद, थाना-मलपुरा में छत से पैर फिसलने के कारण हो गई। स्‍व0 कृष्‍णवीर सिंह की मृत्‍यु के उपरान्‍त उक्‍त बीमा पालिसी के अन्‍तर्गत क्षतिपूर्ति की अदायगी हेतु दावा अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी में प्रत्‍यर्थी सं0-१ लगायत ३ द्वारा प्रस्‍तुत किया गया किन्‍तु अपीलार्थी द्वारा परिवादीगण का बीमा दावा स्‍वीकार नहीं किया गया। अत: क्षतिपूर्ति की मय ब्‍याज अदायगी हेतु परिवाद जिला मंच के समक्ष योजित किया गया।

अपीलार्थी द्वारा प्रतिवाद पत्र जिला मंच के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया। अपीलार्थी के कथनानुसार परिवादीगण ने प्रश्‍नगत खाद के क्रय के सम्‍बन्‍ध में बीमा पालिसी की शर्तों के अन्‍तर्गत वांछित साक्ष्‍य प्रस्‍तुत नहीं की। अपीलार्थी की ओर से यह तर्क भी प्रस्‍तुत किया गया कि स्‍व0 कृष्‍णवीर सिंह की कथित दुर्घटना में मृत्‍यु होना साबित नहीं है क्‍योंकि इस सन्‍दर्भ में कोई साक्ष्‍य जिला मंच के समक्ष परिवादीगण द्वारा प्रस्‍तुत नहीं की गई। अपीलार्थी का यह भी कथन है कि दुर्घटना में मृत्‍यु की तिथि को साबित किए जाने हेतु प्रश्‍नगत पालिसी की शर्तों के अनुसार शव विच्‍छेदन आख्‍या तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति दावाकर्ताओं द्वारा प्रस्‍तुत की जानी थी किन्‍तु ऐसी कोई साक्ष्‍य परिवादीगण/दावाकर्ताओं द्वारा प्रस्‍तुत नहीं की गई। अत: परिवादीगण का बीमा दावा अस्‍वीकार करके अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी द्वारा सेवा में कोई त्रुटि कारित नहीं की गई।

प्रत्‍यर्थी सं0-४ की ओर से जिला मंच के समक्ष कोई प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत नहीं किया गया।

जिला मंच ने परिवादीगण का परिवाद अपीलार्थी के विरूद्ध आंशिक रूप से

 

 

-३-

स्‍वीकार करते हुए अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी को निर्देशित किया कि वह परिवादीगण को निर्णय के ४५ दिन के अन्‍तर्गत बीमित धनराशि ०१.०० लाख रू० का भुगतान करे तथा वाद व्‍यय के भी २,०००/- रू० इसी समय में अदा करे। समयावधि में भुगतान न किए जाने पर समस्‍त धनराशि पर निर्णय के दिनांक से अदायगी तक ०९ प्रतिशत ब्‍याज भी देय होगा।

इस निर्णय से क्षुब्‍ध होकर यह अपील योजित की गई।

हमने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री अशोक मेहरोत्रा तथा प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री सुशील कुमार शर्मा द्वारा अधिकृत विद्वान अधिवक्‍ता श्रीमती नीलम यादव के तर्क सुने तथा अभिलेखों का अवलोकन किया। प्रत्‍यर्थी सं0-४ की ओर से की ओर से तर्क प्रस्‍तुत करने हेतु कोई उपस्थित नहीं हुआ।  

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि प्रस्‍तुत प्रकरण में प्रत्‍यर्थीगण/परिवादीगण ने स्‍व0 कृष्‍णवीर सिंह द्वारा कथित रूप से दिनांक २९-१०-२००१ को की गई खाद की क्रय के सम्‍बन्‍ध में प्रश्‍नगत बीमा पालिसी के अन्‍तर्गत अपेक्षित साक्ष्‍य प्रस्‍तुत नहीं की है किन्‍तु प्रश्‍नगत निर्णय के अवलोकन से यह विदित होता है कि जिला मंच के समक्ष प्रत्‍यर्थीगण/परिवादीगण ने स्‍व0 कृष्‍णवीर सिंह द्वारा दिनांक २९-१०-२००१ को एन0पी0के0 एवं यूरिया खाद क्रय के सम्‍बन्‍ध में कैश मेमो दाखिल किया गया जिसमें बैग की दर तथा कितने बैग लिए गये अंकित है। इस पर मृतक स्‍व0 कृष्‍णवीर सिंह के हस्‍ताक्षर अंकित थे तथा दिनांक व धनराशि का विवरण एवं स्‍व0 कृष्‍णवीर सिंह के पिता का नाम भी अंकित थी। प्रश्‍नगत निर्णय में जिला मंच द्वारा यह भी उल्लिखित किया गया है कि अपीलार्थी ने कैश मेमो पर स्‍व0 कृष्‍णवीर सिंह के हस्‍ताक्षर पर प्रश्‍न चिन्‍ह लगाया किन्‍तु स्‍व0 कृष्‍णवीर सिंह के हस्‍ताक्षर न होने के सम्‍बन्‍ध में कोई विशेषज्ञ आख्‍या प्रस्‍तुत किए जाने हेतु कोई अनुरोध नहीं किया गया, जबकि परिवाद के अभिकथनों के समर्थन में परिवादिनी श्रीमती लक्ष्‍मी पूनिया का शपथ पत्र प्रस्‍तुत किया गया। ऐसी परिस्थिति में हमारे विचार से जिला मंच ने स्‍व0 कृष्‍णवीर

 

 

-४-

सिंह द्वारा क्रय किए गये खाद से सम्‍बन्धित कैश मेमो की विश्‍वसनीयता को स्‍वीकार करके कोई त्रुटि नहीं की।

अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क भी प्रस्‍तुत किया गया कि प्रश्‍नगत बीमा पालिसी के अन्‍तर्गत दिनांक ०१-०४-२००२ को जारी किए गये सर्कुलर के अनुसार दुर्घटना में मृत्‍यु को साबित किए जाने हतु शव विच्‍छेदन आख्‍या तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट दाखिल किया जाना आवश्‍यक था किन्‍तु प्रस्‍तुत प्रकरण में परिवादीगण ने स्‍व0 कृष्‍णवीर सिंह की दुर्घटना में मृत्‍यु होना प्रमाणित करने हेतु बीमा पालिसी की शर्तों के अन्‍तर्गत शव विच्‍छेदन आख्‍या तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रस्‍तुत नहीं की। अत: बीमा पालिसी की शर्तों के अन्‍तर्गत बीमाधारक/खाद क्रेता की मृत्‍यु दुर्घटना में होनी प्रमाणित नहीं मानी जा सकती। अपीलार्थी की ओर से यह तर्क भी प्रस्‍तुत किया गया कि परिवादीगण ने स्‍व0 कृष्‍णवीर सिंह की दिनांक २०-०७-२००२ को मृत्‍यु के सम्‍बन्‍ध में  मृत्‍यु प्रमाण पत्र की फोटोप्रति प्रस्‍तुत की है किन्‍तु इस अभिलेख में मृतक की मृत्‍यु दुर्घटना में होना दर्शित नहीं है।

उल्‍लेखनीय है कि स्‍वयं अपीलार्थी द्वारा अपील मेमो के साथ प्रश्‍नगत प्रकरण के सम्‍बन्‍ध में प्रेषित बीमा दावे की नोटरी द्वारा प्रमाणित प्रति दाखिल की है जिसके अवलोकन से यह विदित होता है कि बीमा दावे में स्‍व0 कृष्‍णवीर सिंह की मृत्‍यु दिनांक २०-०७-२००२ को छत से गिरकर होना दर्शित है। इस सन्‍दर्भ में श्रीमती लक्ष्‍मी पूनिया का शपथ पत्र जिला मंच के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया। अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी द्वारा कथित दुर्घटना में बीमाधारक की मृत्‍यु के सत्‍यापन हेतु कोई जांच नहीं कराई गई। यह भी उल्‍लेखनीय है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण ने अपने लिखित तर्क के साथ प्रस्‍तुत अभिलेखों में प्रधान ग्राम पंचायत बाद द्वारा तैयार किये गये पंचायतनामा प्रमाण पत्र की फोटोप्रति तथा थाना मलपुरा आगरा द्वारा कथित दुर्घटना के सन्‍दर्भ में जांच के उपरान्‍त प्रस्‍तुत की गई आख्‍या की फोटोप्रति दाखिल की है। इस पंचायतनामा तथा थाना मलपुरा द्वारा प्रस्‍तुत की गई आख्‍या में स्‍व0 कृष्‍णवीर सिंह की मृत्‍यु अचानक छत से पैर फिसल जाने के कारण होनी बताई गई है।

 

 

-५-

जहॉं तक दुर्घटना की तिथि को प्रमाणित करने हेतु शव विच्‍छेदन आख्‍या तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति बीमा दावे के साथ दाखिल किए जाने का प्रश्‍न है स्‍वयं अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी यह स्‍वीकार करती है कि इस सन्‍दर्भ में बीमा पालिसी की शर्तों में परिवर्तन दिनांक ०१-०४-२००२ को जारी किए गये सर्कुलर द्वारा किया गया। प्रस्‍तुत प्रकरण में स्‍व0 कृष्‍णवीर सिंह की मृत्‍यु दिनांक २९-१०-२००१ को होने के सन्‍दर्भ में साक्ष्‍य जिला मंच के समक्ष प्रस्‍तुत की गई है, अत: दिनांक ०१-०४-२००२ से प्रभावी शर्त प्रस्‍तुत प्रकरण के सन्‍दर्भ में प्रभावी नहीं मानी जा सकती। ऐसी परिस्थिति में परिवादीगण का बीमा दावा अस्‍वीकार करके अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी द्वारा सेवा में त्रुटि की गई है।

प्रश्‍नगत निर्णय द्वारा जिला मंच ने ०१.०० लाख रू० क्षतिपूर्ति के रूप में दिलाए जाने हेतु आदेशित किया है जबकि निर्विवाद रूप से कुल २४ बोरा खाद ही क्रेता स्‍व0 कृष्‍णवीर सिंह द्वारा दिनांक २९-१०-२००१ को क्रय किया गया। यह तथ्‍य भी निर्विवाद है कि प्रश्‍नगत बीमा योजना के अन्‍तर्गत खाद क्रय किए जाने की स्थिति में क्रेता की दुर्घटना में मृत्‍यु हो जाने पर क्षतिपूर्ति के रूप में ४,०००/- रू० प्रति बोरा के हिसाब से भुगतान किया जाना था। इस प्रकार हमारे विचार से परिवादीगण कुल ९६,०००/- रू० बतौर क्षतिपूर्ति प्राप्‍त करने के अधिकारी माने जा सकते हैं। अपील तद्नुसार आंशिक रूप से स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।   

आदेश

      अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला मंच (प्रथम), आगरा द्वारा परिवाद सं0-३२६/२००४ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १७-०१-२००८ अपास्‍त किया जाता है। परिवादीगण का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। अपीलार्थी को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादीगण को संकट हरण पालिसी के अन्‍तर्गत ९६,०००/- रू० निर्णय की प्रति प्राप्ति की तिथि से ४५ दिन के अन्‍दर     भुगतान करे। इस धनराशि पर परिवादीगण परिवाद योजित किए जाने की तिथि से सम्‍पूर्ण धनराशि की अदायगी तक ०८ प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज भी प्राप्‍त करने की

 

 

-६-

अधिकारी होंगे। अपीलार्थी को यह भी निर्देशित किया जाता है कि परिवादीगण को २,०००/- रू० वाद व्‍यय के रूप में भी निर्धारित अविध के मध्‍य अदा करे।

      इस अपील का व्‍यय-भार उभय पक्ष अपना-अपना स्‍वयं वहन करेंगे।

      उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

 

                                    

                                                (उदय शंकर अवस्‍थी)

                                                  पीठासीन सदस्‍य

 

 

                                                  (गोवर्द्धन यादव)

                                                      सदस्‍य

 

 

 

 

प्रमोद कुमार

वैय0सहा0ग्रेड-१,

कोर्ट नं.-१.  

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Gobardhan Yadav]
MEMBER

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