(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-363/2010
मैसर्स ग्रीनलैण्ड्स (ए एण्ड एम) कारपोरेशन, 20 महात्मा गांधी मार्ग, जिला इलाहाबाद तथा एक अन्य
बनाम
श्रीमती इसरावती पत्नी सत्यदेव मिश्रा, निवासिनी कम्हरिया, थाना तिलौली, जिला सोनभद्र
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री एम.एच. खान।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 03.05.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-282/2001, इसरावती बनाम प्रबंधक ग्रीन लैण्ड (ए एण्ड एम) कारपोरेशन तथा दो अन्य में विद्वान जिला आयोग, सोनभद्र द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 30.01.2010 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री एम.एच. खान को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
2. विद्वान जिला आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए प्रथम आदेश यह पारित किया है कि परिवादी को विक्रय प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाए, इसके बाद शारीरिक, मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना की मद में अंकन 20,000/-रू0 और परिवाद व्यय के रूप में अंकन 2,000/-रू0 अदा करने का आदेश पारित किया है।
-2-
3. परिवाद के तथ्यों के अवलोकन से जाहिर होता है कि परिवादी द्वारा एक ट्रैक्टर विपक्षी संख्या-2 के यहां से विपक्षी संख्या-3 के माध्यम से क्रय किया गया था। ट्रैक्टर क्रय करने के पश्चात ट्रैक्टर के हेड से मोबिऑयल लीकेज होने लगा, ट्रैक्टर का रंग दोबारा पेंट होने की वजह से कलर की खराबी थी, यह ट्रैक्टर पहले से ही किसी काश्तकार को कृषि कार्य हेतु दिया गया था और बाद में लौटा दिया गया और यही पुराना ट्रैक्टर परिवादी को नया बताकर दे दिया गया, जिसकी शिकायत पर विपक्षी संख्या-2 एवं 3 द्वारा यह कहा गया कि विपक्षी संख्या-1 के यहां से जब नया ट्रैक्टर आएगा तब ट्रैक्टर उपलब्ध करा दिया जाएगा, परन्तु ट्रैक्टर उपलब्ध नहीं कराया गया और अंकन 78,000/-रू0 की मांग की गयी, जो सेल्स मैन सुशील कुमार दुबे को दे दिए गए, परन्तु आज तक ट्रैक्टर उपलब्ध नहीं कराया गया और न ही पुराना ट्रैक्टर वापस किया और रसीद/कागजात भी उपलब्ध नहीं कराए।
4. विपक्षीगण का कथन है कि ट्रैक्टर पुराना नहीं है। ट्रैक्टर में कोई खराबी नहीं है। विपक्षी केवल नया ट्रैक्टर विक्रय करता है। किसी कृषक को विक्रय किए बिना ट्रैक्टर देने का प्रश्न ही नहीं उठता। मोबिऑयल लीकेज की कोई कमी नहीं है। अंकन 78,000/-रू0 कभी भी सुशील कुमार दूबे नामक कर्मचारी को नहीं दिए गए, इस राशि की कोई रसीद विपक्षीगण द्वारा जारी नहीं की गयी।
5. पक्षकारों की साक्ष्य पर विचार करने के पश्चात विद्वान जिला आयोग द्वारा यह निष्कर्ष दिया गया कि विपक्षीगण को ट्रैक्टर के कागजात रखने का कोई अधिकार प्राप्त नहीं है। तदनुसार विद्वान जिला आयोग ने उपरोक्त वर्णित निर्णय/आदेश पारित किया।
-3-
6. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि केवल 2,25,000/-रू0 प्राप्त हुए हैं। अंकन 82,180/-रू0 परिवादी पर बकाया हैं, परन्तु इस स्थिति के बावजूद कि परिवादी पर कोई रकम बकाया है विक्रय संबंधी दस्तावेज परिवादी को उपलब्ध कराया जाना चाहिए, इसलिए इस निष्कर्ष में हस्तक्षेप का कोई आधार नहीं है। अत: विक्रय संबंधी दस्तावेज दिए जाने का आदेश रहने योग्य है, सिवाय क्षतिपूर्ति की राशि अंकन 20,000/-रू0 के स्थान पर अंकन 10,000/-रू0 किया जाना उचित है। तदनुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
7. प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 30.01.2010 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक क्षति के रूप में अंकन 20,000/-रू0 के स्थान पर अंकन 10,000/-रू0 देय होंगे। शेष निर्णय/आदेश यथावत् रहेगा।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाय।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2