Uttar Pradesh

StateCommission

A/2010/506

P N B - Complainant(s)

Versus

Smt Hina Parween - Opp.Party(s)

S M Bajpai

27 Nov 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2010/506
( Date of Filing : 23 Mar 2010 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. P N B
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Smt Hina Parween
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 27 Nov 2024
Final Order / Judgement

                                                                                                                              (मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-506/2010

Punjab National Bank

Vs.

Smt. Hina Parween Wife of Shri Taleemuddin Khan

समक्ष:-                                                            

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री एस0एम0 बाजपेयी, विद्धान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री उमेश कुमार श्रीवास्‍तव, विद्धान

                        अधिवक्‍ता

दिनांक :27.11.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

  1.          परिवाद संख्‍या-125/2009, श्रीमती हिना परवीन बनाम पंजाब नेशनल बैंक में विद्वान जिला आयोग, गोण्‍डा द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 24.02.2010 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना गया। पत्रावली एवं प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश का अवलोकन किया गया।
  2.      जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते निम्‍नलिखित आदेश पारित किया है:-
  3.         परिवाद स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी याचिनी द्वारा जमा धनराशि मु0 30,000/-रू0 पर परिपक्‍वता तिथि तक परिपक्‍व धनराशि आवर्ती खाते के शर्तानुसार एवं परिपक्‍वता तिथि दिनांक 01.03.2006 के बजाए वित्‍तीय वर्ष की शुरूआत 01.04.2006 से भुगतान की तिथि तक परिपक्‍व धनराशि पर 09 प्रतिशत ब्‍याज सहित परिवादिनी को एक माह में अदा करे। सांकेतिक क्षतिपूर्ति मु0 2,000/-रू0 व वाद व्‍यय अंकन 500/-रू0 भी विपक्षी परिवादिनी को देवें। उक्‍त आदेश का अनुपालन एक माह में सुनिश्चित करें।''
  4.           परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादिनी ने विपक्षी बैंक में स्थित खाता सं0 2997 में 500 रूपये प्रतिमाह की दर से जमा किया था। यह अवधि दिनांक 01.03.2001 थी, जिसका भुगतान दिनांक 01.03.2006 को मिलना था। इस अवधि के पूर्ण होने पर भी परिपक्‍व राशि परिवादिनी को प्रदान नहीं करायी गयी। परिवादिनी ने अनेक बार सम्‍पर्क किया, परंतु विपक्षी बैंक द्वारा वापस लौटा दिया गया और दिनांक 28.03.209 को अंतिम रूप से परिवादिनी की प्रार्थना को अस्‍वीकार कर दिया गया।
  5.          विपक्षी बैंक का कथन है कि परिवादिनी द्वारा मार्च 2001 से मु0 500/-रू0 जमा किया गया है। जमा अवधि 05 वर्ष अर्थात 60 माह थी तथा परिपक्‍वता अवधि 01.03.2006 थी। परिवादिनी स्‍वयं जमा राशि लेने नहीं आयी। परिवादिनी की परिपक्‍वता द्वारा कुल 28,500/-रू0 जमा कराये गये हैं और परिपक्‍वता राशि 37,429/-रू0 बनती है।
  6.        साक्ष्‍य की व्‍याख्‍या करते हुए जिला उपभोक्‍ता आयोग ने यह निष्‍कर्ष दिया है कि परिवादिनी द्वारा अंकन 30,000/-रू0 जमा कराये गये हैं। अत: विपक्षी दिनांक 01.04.2006 से भुगतान की तिथि तक 09 प्रतिशत की दर इस राशि को वापस लौटाये।
  7.          इस निर्णय के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील के ज्ञापन तथा मौखिक तर्कों का सार यह है कि पासबुक के अनुसार कुल 28,500/-रू0 जमा कराये गये हैं और यह राशि दिनांक 19.04.2006 तक जमा करायी गयी है न कि फरवरी 2006 तक। बैंक की दूसरी शाखा में दिनांक 03.01.2003 एवं 24.05.2005 को क्रमश: अंकन 500/-रू0 एवं 1,000/-रू0 जमा कराने का तथ्‍य असत्‍य है क्‍योंकि उस समय Core Banking Service अस्तित्‍व में नहीं थी, इसलिए दूसरी शाखा में जमा राशि पर कोई विचार नहीं किया जा सकता। परिवादिनी कभी भी स्‍वयं धनराशि प्राप्‍त करने के लिए नहीं आयी, इसलिए बैंक का कोई दोष नहीं है। बैंक द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है।
  8.         परिवादी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि परिवाद नियमित रूप से बैंक में चक्‍कर लगाती रही, परंतु धन अदा नहीं किया गया।
  9.         पक्षकारों की बहस सुनने तथा पत्रावली का अवलोकन करने के पश्‍चात यह तथ्‍य जाहिर होता है कि बैंक में उपस्थित होने की कोई लिखित सबूत पत्रावली पर नहीं है, परंतु परिवादिनी ने सशपथ कथन किया है कि परिपक्‍वता राशि प्राप्‍त करने के लिए वह बैंक में गयी थी। अत: इस सशपथ कथन को अस्‍वीकार करने का कोई आधार नहीं है, इसलिए परिवादिनी की जो राशि बैंक मे जमा है, उस राशि को वापस लौटाने का आदेश विधिसम्‍मत है, परंतु ब्‍याज अत्‍यधिक उच्‍च दर से निर्धारित किया गया है, ब्‍याज की राशि 09 प्रतिशत के स्‍थान पर सेविंग बैंक एकाउण्‍ट मे जो ब्‍याज देय होता है, उसी के अनुसार ब्‍याज निर्धारित किया जाना चाहिए।
  10.         अपीलार्थी की ओर यह भी बहस की गयी है कि परिवादिनी ने केवल 28,500/-रू0 जमा किया है न कि 30,000/-रू0। स्‍वयं परिवादिनी ने कथन किया है कि अंकन 500/-रू0 एवं 1,000/-रू0 बैंक की दूसरी शाखा में जमा किया गया था, इस जमा को अपीलार्थी बैंक के खाते मे जमा नहीं माना जा सकता। परिवादिनी इस राशि को संबंधित बैंक शाखा से वापस प्राप्‍त कर सकती है क्‍यों‍कि तत्‍समय 2 शाखाओं के मध्‍य कोर बैंकिंग सर्विस लागू नहीं था। इस प्रकार परिवादिनी को कुल 28,500/-रू0 जमा राशि पर सम्‍पूर्ण परिपक्‍वता राशि तथा इसके पश्‍चात दिनांक 01.04.2006 से अदायगी की तिथि तक सेविंग एकाण्‍ट के अनुसार ब्‍याज राशि प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत है।  

आदेश

           अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता  मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि परिवादिनी, बैंक से कुल 28,500/-रू0 की परिपक्‍वता राशि प्राप्‍त करेगी, जिसका भुगतान बैंक द्वारा आज से एक माह के अंदर किया जायेगा। परिपक्‍वता तिथि के पश्‍चात बैंक द्वारा जमा राशि पर सेविंग खाते में देय ब्‍याज के अनुसार ब्‍याज की गणना करते हुए भुगतान किया जायेगा। परिवादिनी को अधिकार होगा कि वह अंकन 500/-रू0 एवं 1000/-रू0 जो पंजाब नेशनल बैंक की किसी दूसरी शाखा में जमा किये हैं, उस शाखा से प्राप्‍त कर ले, यह राशि परिवादिनी को अपीलार्थी बैंक द्वारा 30 दिन के अंदर सेविंग खाते में जमा राशि के ब्‍याज के अनुसार उपलब्‍ध करायी जायेगी।  

          उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

 आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

         

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

 

   संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

 

 

 

 

 

         

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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