Uttar Pradesh

StateCommission

A/2010/53

M/s Poorvanchal and Engineering - Complainant(s)

Versus

Smt Gayatri Singh - Opp.Party(s)

Manoj Mohan

12 Dec 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2010/53
( Date of Filing : 11 Jan 2010 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. M/s Poorvanchal and Engineering
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Smt Gayatri Singh
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 12 Dec 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-53/2010

मेसर्स पूर्वांचल मोटर्स एण्‍ड इंजीनियरिंग व अन्‍य  

बनाम  

श्रीमती गायत्री सिंह व अन्‍य  

समक्ष:-                                                            

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री मनोज मोहन विद्धान अधिवक्‍ता के

                 सहायक अधिवक्‍ता श्री संजय कुंतल, विद्धान अधिवक्‍ता  

प्रत्‍यर्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित: श्री ए0के0 जैदी, विद्धान अधिवक्‍ता

दिनांक :12.12.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

  1.         परिवाद संख्‍या-269/2006, श्रीमती गायत्री सिंह बनाम यशपाल यादव व अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, जौनपुर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 08.12.2009 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना गया। प्रश्‍नगत निर्ण्‍य/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
  2.       जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए अंकन 11,000/-रू0 तथा परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से 06 प्रतिशत ब्‍याज के साथ अदा करने का आदेश पारित किया है, उसी प्रकार अंकन 600/-रू0 प्रकीर्ण खर्च के लिए अदा करने के लिए आदेशित किया गया है।
  3.     परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादिनी ने सिंचाई हेतु सबमर्सिबुल सेट विपक्षी सं0 1 से क्रय किया था। परिवादिनी ने विपक्षी सं0 1 को अंकन 10,000/-रू0 नकद उक्‍त क्रय हेतु जमा किया। मु0 10,000/-रू0 जमा करने के बाद मु0 13,735/-रू0 शेष बचे, जिसके बदले में परिवादिनी से अपने लड़के की हीरोहोण्‍डा को दिनांक 27.04.2005 को अंकन 18,000/-रू0 में परिवादिनी के लड़के राजीव सिंह ने तिलकधारी योदव मौजा दरियावगंज से खरीदा था, मात्र 14,000/-रू0 में देने को कहा और मोटर साइकिल उसी दिन दे दिया। विपक्षी सं0 1 ने आश्‍वासन दिया कि वह बकाया मु0 13,735/-रू0 छोड़ देगा तथा शेष 1,000/-रू0 परिवादिनी को लौटा देगा। दिनांक 24.01.2006 को परिवादिनी एक मैक्‍स पूलो मोटरव पम्‍प एम.एम. 90605 खरीद कर ले गयी और शेष सामान लेकर उनका मिस्‍त्री दूसरे दिन गया और मौके पर फिट किया। लगभग 2 महीने ही उक्‍त मोटर व पम्‍प चली और परिवादिनी केवल गन्‍ना की ही भराई कर सकी, फिर उसके बाद मोटर चलना बन्‍द कर दी और फिर नहीं चल पायी, जिस कारण परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।
  4.      विपक्षी सं0 3 का कथन है कि परिवादी ने सबमर्सिबुल पम्‍प सेट विक्रय करना स्‍वीकार किया है। परिवादी द्वारा सम्‍पूर्ण कीमत अदा नहीं की गयी है और केवल 11,000/-रू0 जमा कराये गये हैं, इसके बाद पम्‍प खराब होने का बहाना खोजा गया है।
  5.     पक्षकारों के साक्ष्‍य पर विचार करने के पश्‍चात जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा निष्‍कर्ष दिया गया है कि पम्‍प त्रुटिपूर्ण है, इसलिए परिवादी द्वारा जो राशि अदा की गयी है, उसे वापस लौटायी जाए।
  6.     अपील में वर्णित आधारों तथा मौखिक बहस का सार यह है कि परिवादी द्वारा सम्‍पूर्ण मूल्‍य अदा नहीं किया गया और अदायगी से बचने के लिए झूठा परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।
  7.    जिला उपभोक्‍ता आयोग ने इस बिन्‍दु पर साक्ष्‍य की विस्‍तृत व्‍याख्‍या करते हुए निष्‍कर्ष दिया है कि पम्‍प त्रुटिपूर्ण था और पम्‍प में उत्‍पाद संबंधी कमी मौजूद थी, इसलिए केवल उस राशि को वापस करने का आदेश दिया गया, जो परिवादिनी द्वारा जमा की गयी है और जिसे स्‍वयं विपक्षी ने स्‍वीकार किया है।
  8.     अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता द्वारा यह भी बहस की गयी है कि जो पम्‍प परिवादी को दिया गया था, उस पम्‍प को नहीं लौटाया गया, जो पम्‍प लौटाया गया, उसका क्रमांक वह नहीं है, जो पम्‍प परिवादिनी को दिया गया था। कोई पुराना पम्‍प दे दिया गया है। अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि पृष्‍ठ सं0 61 पर विक्रीत पम्‍प का विस्‍तृत उल्‍लेख है, जिसका सीरियल नम्‍बर 30908 है, परंतु जो पम्‍प लौटाया गया वह इस क्रमांक का नहीं है, परंतु यथार्थ में पत्रावली पर ऐसा कोई साक्ष्‍य मौजूद नहीं है, जिसके आधार पर यह निष्‍कर्ष दिया जा सके कि जो पम्‍प लौटाया गया है वह पम्‍प क्रय किये गये पम्‍प के क्रमांकनुसार नहीं है। पम्‍प प्राप्‍त करने को स्‍वयं अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता द्वारा बहस में स्‍वीकार किया गया है, परंतु परिवर्तित पम्‍प दिया गया हो, इसका कोई सबूत पत्रावली पर नहीं है। प्रत्‍यर्थी एक गरीब एवं निरक्षर महिला है, इसलिए एक निरक्षर महिला ऐसा कार्य नहीं कर सकती, जैसा एक व्‍यापारी करता है। अत: जिला उपभोक्‍ता  आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में हस्‍तक्षेप करने का कोई आधार नहीं बनता।    

आदेश

        अपील खारिज की जाती है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।

           उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

    आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

         

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

 

      संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

  

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.