(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-605/2008
बुकिंग क्लर्क बुकिंग आफिस आचार्य नरेन्द्र देव नगर रेलवे स्टेशन, फैजाबाद व अन्य
बनाम
श्रीमती दया पत्नी स्व0 राम मिलन व अन्य
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री पी0पी0 श्रीवास्तव, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक :27.03.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-55/1999, राम मिलन (मृतक) उत्तराधिकारी बनाम बुकिंग क्लर्क व अन्य में विद्वान जिला आयोग, फैजाबाद में दिनांक 13.02.2008 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोन किया गया।
2. परिवाद के तथ्यों के अनुसार दिनांक 31.01.1999 को परिवादी द्वारा सियालदाह गाड़ी से लखनऊ के लिए यात्रा की गयी। लखनऊ स्टेशन पर जब टिकट चेक किया गया तो पाया गया कि टिकट 11.01.1999 का है, जिसके कारण परिवादी से दण्ड वसूला गया, इसके पश्चात परिवादी द्वारा उपभोक्ता परिवाद इस आधार पर प्रस्तुत किया गया कि बुकिंग क्लर्क ने 31.01.1999 के टिकट के स्थान पर 11.01.1999 का टिकट जारी कर दिया। इस तथ्य को सही मानते हुए जिला उपभोक्ता मंच ने टिकट की कीमत तथा 10,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति के रूप में अदा करने का आदेश पारित किया गया।
3. स्वयं परिवादी द्वारा वर्णित तथ्यों से साबित होता है कि उसके पास दिनांक 11.01.1999 का टिकट था, परंतु यात्रा 31.01.1999 को की गयी, इसलिए यह निष्कर्ष देने के लिए कोई साक्ष्य पत्रावली पर मौजूद नहीं है कि दिनांक 11.01.1999 की तिथि को बुकिंग क्लर्क द्वारा त्रुटिपूर्ण ढंग से अंकित की गयी, तत्समय टिकट मशीन से पंच होकर बाहर निकलता था, जिसमें एक तिथि को निकलने वाले सभी टिकट पर एक जैसी तिथि अंकित रहेगी। कोई एक टिकट गलती से दूसरी तिथि के लिए नहीं निकाल सकता, इसलिए जिला उपभोक्ता मंच द्वारा दिया गया यह निष्कर्ष साक्ष्य के विपरीत है कि दिनांक 31.01.1999 के स्थान पर रेलवे के बुकिंग क्लर्क द्वारा 11.01.1999 की तिथि का टिकट दे दिया गया, जबकि यह तथ्य स्थापित है कि परिवादी के पास जो टिकट था, वह 11.01.1999 की तिथि का था, जिस पर परिवादी द्वारा 31.01.1999 को यात्रा की गयी। चूंकि टिकट पूर्व की तिथि तक का था, इसलिए अनुमान यह निकाला जाना चाहिए कि पूर्व की तिथि के टिकट पर 31.01.1999 को यात्रा की गयी है न कि इसके विपरीत। यदि इसके विपरीत निष्कर्ष दिया जाना था तब इसके लिए अकाट्य साक्ष्य मौजूद होना चाहिए, जो पत्रावली पर मौजूद नहीं था। अत: जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्त होने योग्य है।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्त किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3