जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, प्रथम, लखनऊ
परिवाद संख्या:-125/2016
उपस्थित:-श्री अरविन्द कुमार, अध्यक्ष।
श्रीमती स्नेह त्रिपाठी, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-30/03/2016
परिवाद के निर्णय की तारीख:-18/02/2020
डॉ0 मोहित पाण्डेय पुत्र श्री हरि शंकर पाण्डेय, उम्र 32 वर्ष निवासी-2/39 विपुल खण्ड गोमती नगर लखनऊ।
................परिवादी।
बनाम
1-श्रीमती वीना अग्रवाल प्रबन्ध निदेशक गोल्डरश सर्विस सेन्टर (सर्विस एण्ड स्पेयर्स) टाटा मोटर्स 2-A & B HAL Ancillary Estate Opp SBI Ismailganj, Faizabad Road. Lucknow.
2-राजेश वर्मा कस्टमर रिलेशन मैनेजर (टाटा मोटर्स) गोल्डरश सर्विस एण्ड स्पेयर्स 2-A & B HAL Ancillary Estate इस्माइलगंज, फैजाबाद रोड, लखनऊ।
...................विपक्षीगण।
आदेश द्वारा-श्री अरविन्द कुमार, अध्यक्ष।
निर्णय
परिवादी ने प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण से परिवादी के वसूल किये गसे 17,140.00 रूपये तथा बतौर हर्जा 50,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने विपक्षी संख्या-01 के शोरूम से एक कार संख्या–यू0पी0 32 डीवी 6800 मेक इण्डिया EV 2 LX CR4 मॉडल टाटा कार दिनॉंक:-23/08/2011 को क्रय की थी। परिवादी द्वारा नियमानुसार अपनी कार का इंश्योरेंस समय-समय पर वार्षिक रूप से नवीनीकृत कराता रहा एवं सर्विस आदि भी विपक्षी संख्या-01 के अधिकृत सर्विस सेन्टर से कराता रहा। दिनॉंक-24/11/2015 को परिवादी ने अपनी गाड़ी की पूरी चेकिंग व मरम्मत करायी तथा विपक्षी संख्या-01 द्वारा परिवादी से 11876.00 रूपये का भुगतान लिया गया। दिनॉंक-26/11/2015 को पुन: गाड़ी की सम्पूर्ण चेकिंग की गयी तथा सर्विस सेन्टर पर विभिन्न कमियॉं दिखाते हुए 23620.00 रूपये का भुगतान परिवादी द्वारा किया गया। दिनॉंक-25/03/2016 को परिवादी को गोरखपुर जाना था, अत: टेस्ट चेक हेतु वह गाड़ी लेकर विपक्षी संख्या-01 के सर्विस सेन्टर पर गया, जहॉं विपक्षी संख्या-02 एवं 03 से मिला तथा उन्होंने गाड़ी का परीक्षण किया तथा स्टीयरिंग ऑयल की कमी बतायी और कुछ खर्च बताकर गाड़ी गैरेज में ले गये। परिवादी को बाद में बताने पर गाड़ी लेकर जाने का आश्वासन दिया। अत: परिवादी अपने घर वापस लौट आया। शाम को विपक्षी संख्या-03 द्वारा अवगत कराया गया कि गाड़ी ठीक है, आकर ले जाइये। परिवादी जब गाड़ी लेने विपक्षी संख्या-02 एवं 03 के पास पहुँचा तो उनके द्वारा 65.40 पैसे का बिल देकर परिवादी को गाड़ी सौंप दी। परिवादी जब वर्कशाप से गाड़ी लेकर गोरखपुर की ओर चला तो चार-पॉंच किलोमीटर चलने पर ही गाड़ी में घड़घड़ाहट होने लगी, स्टीयरिंग हिल रही थी। परिवादी पुन: गाड़ी लेकर सर्विस सेन्टर पर पहुँचा। तब कस्टमर एडवाइजर विपक्षी संख्या-03, श्री देवांग सिंह एवं राजेश वर्मा विपक्षी संख्या-02 ने पुन: गाड़ी का परीक्षण करने हेतु समय मॉंगा। परिवादी को अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी। दिनॉंक-26/03/2016 को परिवादी अपनी गाड़ी की पूछताछ के लिये पहुँचा तब उसे बताया गया कि स्टेयरिंग फेल हो गयी है। अत: पावर रैक एण्ड पिनियन बदलनी होगी। परिवादी से 17140.00 रूपये वसूलने के उपरान्त उसे गाड़ी वापस की गयी। दिनॉंक-25/03/2016 को जब परिवादी की गाड़ी का चेकअप हुआ था इसके पूर्व भी टेस्टिंग में कभी भी स्टीयरिंग फेल होने संबंधी तकनीकी कमी को चिन्हित नहीं किया गया, बल्कि जानबूझकर परिवादी की मजबूरी का फायदा उठाते हुए स्टीयरिंग में तेल डालने के नाम पर गाड़ी को गैरेज में ले जाकर खराब पावर रैक एण्ड पिनियन लगा दी गयी तथा गाड़ी ठीक बताते हुए वापस की गयी। ऐसी दशा में वही स्टीयरिंग व्हील सर्विस सेन्टर से गाड़ी लेने के बाद खराब कैसे हो गयी, तथा दिनॉंक-26/03/2016 को उसे बदलने की जरूरत कैसे उत्पन्न हो गयी। उक्त कृत्य हेतु तथा परिवादी से अवैध वसूली करने एवं उसे हैरान व परेशान कर उत्पीड़न करने हेतु विपक्षी संख्या-01, 02 एवं 03 द्वारा एक सुनियोजित षड़यंत्र के अन्तर्गत परिवादी की गाड़ी का ठीक पार्ट जानबूझ कर खराब कर दिया गया जिससे परिवादी को 17,140.00 रूपये भुगतान करना पड़ा। उक्त कृत्य कर विपक्षीगण ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन किया, जिससे परिवादी को आर्थिक, एवं मानसिक आघात पहुँचा।
परिवाद की कार्यवाही विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय चल रही है।
परिवादी ने शपथ पर अपना साक्ष्य प्रस्तुत किया है।
अभिलेख का अवलोकन किया जिससे प्रतीत होता है कि परिवादी ने विपक्षी संख्या-01 से कार संख्या-यू0पी0 32 डी वी 6800 दिनॉंक-23.08.2011 को क्रय किया, जिसका बीमा भी समय समय पर होता रहता था। परिवादी विपक्षी संख्या-01 के सर्विस सेन्टर से वाहन की सर्विसिंग तथा चेकिंग नियमित रूप से कराता था। दिनॉंक-24.11.2015 को परिवादी ने चेकिंग और सर्विस के लिये 11876.00 रूपये का भुगतान किया। पुन: दिनॉंक-26.12.2015 को परिवादी की गाड़ी की चेकिंग तथा मरम्मत विपक्षी संख्या-01 के सर्विस सेन्टर पर की गयी। परिवादी द्वारा 23620.00 रूपये का भुगतान भी किया गया। दिनॉंक-25.03.2016 को परिवादी को गोरखपुर जाना था। अत: वह दिनॉंक 25/03/2016 को गाड़ी को टेस्ट चेकिंग हेतु विपक्षी संख्या-01 के सर्विस सेन्टर पर ले गया तथा पॉवर स्टेयरिंग में तेल की कमी बतायी गयी। परिवादी का वाहन विपक्षी संख्या-01 के सर्विस सेन्टर में लिया गया। परिवादी से 65.40 पैसे लेकर उसे गाड़ी वापस सौंप दी गयी। गोरखपुर जाने के क्रम में चार-पॉंच किलोमीटर चलने पर ही गाड़ी में घड़घड़ाहट की आवाज होने लगी तथा स्टेयरिंग हिलने लगा। परिवादी वाहन को लेकर पुन: सर्विस सेन्टर पर गया और परीक्षण करने हेतु समय मॉंगा। दिनॉंक-26.03.2016 को परिवादी को बताया गया कि स्टेयिरिंग फेल हो गया है और पॉवर रैक तथा पिनियन बदलना होगा। मरम्मत कर वाहन परिवादी को वापस किया गया तथा परिवादी से 17,140.00 रूपये लिया गया। वाहन में पॉवर रैक तथा पिनियन खराब लगा दिया गया। जब नियमित रूप से गाड़ी की चेकिंग विपक्षी संख्या-01 के सर्विस सेन्टर द्वारा की जा रही थी, तब वाहन में खराबी नहीं आनी चाहिये थी और यदि खराबी आ रही थी तब सभी खराबियों को विपक्षी द्वारा ठीक किया जाना चाहिए था। विपक्षीगण ने वाहन चेकिंग और मरम्मत के लिये अनुचित व्यापार प्रक्रिया का रूख अख्तियार किया है। यदि वाहन में कोई खराबी थी तो उन सभी को विपक्षी संख्या-01 के सर्विस सेन्टर द्वारा ठीक किया जाना चाहिये था। ऐसी परिस्थिति में विपक्षी संख्या-01 के सेवा केन्द्र द्वारा उचित सेवा नहीं देकर सेवा में कमी की गयी है। परिवादी के शपथ पर अविश्वास का कोई कारण भी नहीं है। ऐसी परिस्थिति में परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है, तथा विपक्षी संख्या-01 एवं 02 को निर्देश दिया जाता है कि वे परिवादी ये लिये गये मुबलिग-17,140.00(सत्रह हजार एक सौ चालीस रू0 मात्र) का भुगतान 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ दिनॉंक-26.03.2016 से भुगतेय होगा 45 दिनों के अन्दर अदा करेंगे, तथा शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक क्षति एवं वाद व्यय के लिये मुबलिग-20,000.00 (बीस हजार रूपया मात्र) का भुगतान भी निर्धारित अवधि में विपक्ष्ीगण करेंगे। यदि आदेश का पालन निर्धारित अवधि में नहीं किया जाता है, तो उपरोक्त सम्पूर्ण राशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भुगतेय होगा।
(स्नेह त्रिपाठी) (अरविन्द कुमार)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, प्रथम,
लखनऊ।