(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1065/2007
उपाधि महाविद्यालय, पीलीभीत, द्वारा प्रिंसिपल।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1
बनाम्
श्रीमती अर्चना जैसवार पत्नी चन्द्र पाल पुत्री सुरेन्द्र कुमार जैसवार, निवासिनी मोहल्ला गोपाल सिंह, तहसील व जिला पीलीभीत, वर्तमान निवास मोहल्ला दुर्गा प्रसाद, कसबा व जिला बिसलपुर, जिला पीलीभीत।
प्रत्यर्थी/परिवादिनी
एवं
अपील संख्या-1414/2008
वाइस चांसलर, एम.जे.पी. रूहेलखण्ड यूनिवर्सिटी, बरेली।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2
बनाम्
1. श्रीमती अर्चना जैससवार पत्नी चन्द्र पाल, निवासिनी मोहल्ला गोपाल सिंह, वर्तमान निवास मोहल्ला दुर्गा प्रसाद, कसबा व जिला बिसलपुर, जिला पीलीभीत।
2. प्रिंसिपल, उपाधि महाविद्यालय, पीलीभीत।
प्रत्यर्थीगण/परिवादिनी/विपक्षी सं0-1
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
परिवादिनी की ओर से उपस्थित : श्री अरूण टण्डन।
विपक्षीगण की ओर से उपस्थित : श्री राजेश चड्ढा।
दिनांक: 20.09.2022
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. उपरोक्त दोनों अपीलें, अर्थात अपील संख्या-1065/2007 तथा अपील संख्या-1414/2008, परिवाद संख्या-12/1997, श्रीमती अर्चना जैसवार
-2-
बनाम प्रधानाचार्य उपाधि महाविद्यालय तथा एक अन्य में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, पीलीभीत द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 13.03.2007 के विरूद्ध क्रमश: विपक्षी संख्या-1 एवं विपक्षी संख्ख्या-2 द्वारा प्रस्तुत की गई हैं। चूंकि दोनों अपीलें एक ही निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध योजित की गई हैं, इसलिए दोनों अपीलों का निस्तारण एक साथ किया जा रहा है, इस हेतु अपील संख्या-1065/2007 अग्रणी अपील होगी।
2. उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावलियों का अवलोकन किया गया।
3. उपरोक्त निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध दोनों अपीलें इन आधारों पर प्रस्तुत की गई हैं कि परिवादिनी तथा विश्वविद्यालय के मध्य उपभोक्ता तथा सेवाप्रदाता का संबंध नहीं है। विद्यालय एक स्वंतत्र शैक्षिक संस्थान है। इस संस्थान में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों के संबंध में उपभोक्ता परिवाद संधारणीय नहीं है। यह तर्क विधिसम्मत है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश अपास्त होने और उपरोक्त दोनों अपीलें स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
4. अपील संख्या-1065/2007 तथा अपील संख्या-1414/2008 स्वीकार की जाती हैं। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 13.03.2007 अपास्त किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगें।
इस निर्णय एवं आदेश की मूल प्रति अपील संख्या-1065/2007 में रखी जाए एवं इसकी एक सत्य प्रति संबंधित अपील में भी रखी जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-3