(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1070/2014
मैसर्स एस.आर.जी.पी. इण्डस्ट्रीज लि0
बनाम
श्रीमती अनीता राज पत्नी श्री भगवानदीन
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
दिनांक : 14.08.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-636/2010, श्रीमती अनीता राज बनाम एस.आर.जी.पी. कार्पोरेशन लि0 में विद्वान जिला आयोग, कानपुर नगर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 17.4.2014 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री आलोक सिन्हा को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्िथत नहीं है, जबकि प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री अरविन्द तिलहरी का वकालतनामा पत्रावली पर उपलब्ध है, किंतु वह भी उपस्थित नहीं है।
2. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादिनी द्वारा अंकन 6,05,000/-रू0 में एक दुकान संख्या-60 विपक्षी के भवन परिसर में अंकन 30,250/-रू0 जरिए चेक भुगतान करके बुक करायी थी, जिसका आवंटन दिनांक 28.5.2007 को किया गया था। परिवादिनी द्वारा दिनांक 3.10.2007 को अंकन 30,250/-रू0, दिनांक 11.4.2009 को अंकन 30,250/-रू0 तथा दिनांक 14.11.2009 को
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अंकन 60,500/-रू0 कुल 1,51,250/-रू0 जमा किए गए, परन्तु कब्जा सुपुर्द नहीं किया गया। अत: विद्वान जिला आयोग द्वारा जमा राशि 10 प्रतिशत ब्याज क साथ वापस लौटाने का आदेश पारित किया गया।
3. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि कुल 1,21,000/-रू0 जमा किए गए, जबकि विद्वान जिला आयोग ने अंकन 1,51,250/-रू0 वापस लौटाने का आदेश पारित किया है तथा ब्याज भी अत्यधिक उच्च दर से निर्धारित किया है। यह भी कथन किया गया कि जमा राशि 10 प्रतिशत कटौती के पश्चात ही वापस की जा सकती है।
4. परिवाद पत्र के अवलोकन से जाहिर होता है कि परिवादिनी द्वारा परिवाद पत्र के पैरा संख्या-2 में जिस राशि को जमा करने का उल्लेख किया गया है, उसको मिलाकर कुल योग अंकन 1,51,250/-रू0 ही होता है, इसलिए इस तर्क में कोई बल नहीं है कि अंकन 1,21,000/-रू0 परिवादिनी द्वारा जमा किए गए। अत: विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है, सिवाय 10 प्रतिशत ब्याज के स्थान पर 08 प्रतिशत ब्याज निर्धारित किए जाने के। तदनुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
5. प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश 17.04.2014 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि ब्याज दर 10 प्रतिशत के स्थान
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पर 08 प्रतिशत संशोधित की जाती है। शेष निर्णय/आदेश यथावत् रहेगा।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-3