Uttar Pradesh

StateCommission

A/1363/2016

Central Bank Of India - Complainant(s)

Versus

Siya Ram Yadav and another - Opp.Party(s)

Sharad Kumar Shukla

02 Dec 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1363/2016
( Date of Filing : 06 Jul 2016 )
(Arisen out of Order Dated 19/02/2016 in Case No. C/247/2011 of District Faizabad)
 
1. Central Bank Of India
Branch Sohawal Distt. Faizabad
...........Appellant(s)
Versus
1. Siya Ram Yadav and another
Vill. Kot Deeh Pargana Khandasa Tehsil Milkipppur Distt .Faizabad
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 02 Dec 2022
Final Order / Judgement

(मौखिक)

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1363/2016

ब्रांच मैनेजर, सेण्‍ट्रल बैंक आफ इंडिया, ब्रांच सोहावल, जिला फैजाबाद।

                             अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1

बनाम्  

1.    सिया राम यादव पुत्र श्री गनपत यादव, निवासी कोट डीह, परगना खण्‍डासा, तहसील मिल्‍कीपुर, जिला फैजाबाद।

2.    ब्रांच मैनेजर, स्‍टेट बैंक इंडिया, चंद्रपुर ब्रांच, चंद्रपुर, महाराष्‍ट्र।

                      प्रत्‍यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी सं0-2

समक्ष:-                                                              

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सद्‍य

2. माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित                 : श्री शरद कुमार शुक्‍ला।

प्रत्‍यर्थी सं0-1 की ओर से उपस्थित           : श्री आनन्‍द भार्गव।

प्रत्‍यर्थी सं0-2 की ओर से उपस्थित           : कोई नहीं।

दिनांक:  02.12.2022 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.                    परिवाद संख्‍या-247/2011, सियाराम यादव बनाम शाखा प्रबंधक, सेण्‍ट्रल बैंक आफ इंडिया तथा एक अन्‍य में विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग, फैजाबाद द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 19.02.2016 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है। इस निर्णय एवं आदेश द्वारा विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवादी द्वारा विपक्षी संख्‍या-1 को सुपुर्द किए गए चेक संख्‍या-750929 धनराशि 38,871/- रूपये का भुगतान प्राप्‍त न होने पर इस राशि को 30 दिन के अंदर अदा करने का आदेश विपक्षी संख्‍या-1 को दिया है और समय के अंदर धनराशि अदा न करने पर इस राशि पर ब्‍याज 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से अदा करने हेतु भी आदेशित किया है। अंकन 03 हजार रूपये वाद व्‍यय एवं अंकन 05 हजार रूपये मानसिक क्षतिपूर्ति भी अदा करने हेतु आदेशित किया है।

 

-2-

2.          अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री शरद कुमार शुक्‍ला तथा प्रत्‍यर्थी संख्‍या-1 के विद्वान अधिवक्‍ता श्री आनन्‍द भार्गव उपस्थित आए। प्रत्‍यर्थी संख्‍या-2 की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। अत: केवल अपीलार्थी एवं प्रत्‍यर्थी संख्‍या-1 के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

3.          दोनों पक्षकारों को यह तथ्‍य स्‍वीकार है कि परिवादी द्वारा अंकन 38,871/- रूपये की राशि का एक चेक विपक्षी संख्‍या-1 को सुपुर्द किया गया था, इस चेक में वर्णित राशि स्‍टेट बैंक आफ इंडिया, चंद्रपुर, महाराष्‍ट्र से आहरित कर उनके खाते में जमा नहीं हुई है। मुख्‍य विवाद का विषय यह है कि जहां अपीलार्थी बैंक का यह तर्क है कि स्‍टेट बैंक आफ इंडिया, चंद्रपुर, महाराष्‍ट्र से उन्‍हें कभी भी चेक राशि का भुगतान प्राप्‍त नहीं हुआ है, इसलिए परिवादी के खाते में धनराशि जमा नहीं की जा सकी, वहीं परिवादी/प्रत्‍यर्थी संख्‍या-1 का यह तर्क है कि विपक्षी संख्‍या-2, स्‍टेट बैंक आफ इंडिया ने अपने लिख‍ित कथन में स्‍पष्‍ट रूप से इंकार किया है कि उन्‍हें कभी भी चेक भुगतान के लिए प्राप्‍त नहीं हुआ। यद्यपि पत्रावली पर साक्ष्‍य के अवलोकन से किसी भी स्थिति पर स्‍पष्‍ट निष्‍कर्ष दिया जाना संभव नहीं है। यह तथ्‍य स्‍थापित है कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी संख्‍या-1 को कभी भी अंकन 38,871/- रूपये की धनराशि प्राप्‍त नहीं हुई। यह तथ्‍य भी स्‍थापित है कि इस राशि का आहरण कभी भी नहीं किया गया। अत: चेक जारी करने वाली संस्‍था के पास यह राशि अभी भी मौजूद है, इस स्थिति में परिवादी/प्रत्‍यर्थी संख्‍या-1 चेक जारी करने वाली संस्‍था से दूसरा चेक प्राप्‍त कर अपीलार्थी बैंक में जमा कर सकता है। अपीलार्थी बैंक द्वारा इस राशि की प्राप्ति न होने का प्रमाण पत्र परिवादी/प्रत्‍यर्थी संख्‍या-1 को उपलब्‍ध कराए, इस प्रमाण पत्र के आधार पर ही परिवादी/प्रत्‍यर्थी संख्‍या-1 को दूसरा चेक उपलब्‍ध हो सकता है, परन्‍तु चूंकि प्रथम चेक का भुगतान नहीं हुआ है। अत: अपीलार्थी बैंक का यह उत्‍तरदायित्‍व है कि अंकन 38,871/- रूपये की धनराशि पर चेक उपलब्‍ध कराने की प्रथम तिथि से ही वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर  से ब्‍याज अदा किया जाएगा तथा परिवादी को मानसिक प्रताड़ना की मद में

-3-

अधिरोपित राशि की भी अदायगी की जाएगी। अपील तदनुसार आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

4.             प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती हैं। अपीलार्थी बैंक को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादी को इस आशय का प्रमाण पत्र जारी किया जाए कि चेक संख्‍या-750929, में अंकित धनराशि 38,871/- रूपये का भुगतान कभी भी प्राप्‍त नहीं हुआ है, इस प्रमाण पत्र को प्राप्‍त करने के पश्‍चात परिवादी चेक प्रदाता संस्‍था के समक्ष उपस्थित हों और दूसरा चेक प्राप्‍त करने के लिए अनुरोध करें। दूसरा चेक प्राप्‍त करने के पश्‍चात अपीलार्थी बैंक में आहरण हेतु उपलब्‍ध कराए।

            अपीलार्थी बैंक द्वारा परिवादी को वाद व्‍यय के रूप में अंकन 03 हजार रूपये एवं मानसिक प्रताड़ना की मद में अंकन 05 हजार रूपये भी अदा किए जाए साथ ही अंकन 38,871/- रूपये की राशि पर प्रथम चेक प्रस्‍तुत करने की तिथि से ही वास्‍तविक अदायगी की तिथि तक 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्‍याज भी अदा किया जाए। यदि अपीलार्थी बैंक द्वारा उपरोक्‍त प्रमाण पत्र नहीं दिया जाता है तब यह माना जाएगा कि अपीलार्थी बैंक के स्‍तर से यह राशि प्राप्‍त की जा चुकी है और तदनुसार परिवादी के खाते में जमा करा दी जाए।

            प्रत्‍यर्थी संख्‍या-2, स्‍टेट बैंक आफ इंडिया, चंद्रपुर, महाराष्‍ट्र भी उक्‍त भुगतान प्राप्‍त न होने के संबंध में प्रमाण पत्र प्रदत्‍त करने के विवरण पर अपनी आख्‍या स्‍पष्‍ट रूप से अपीलार्थी बैंक को उपलब्‍ध कराए।

            उपरोक्‍त समस्‍त कार्यवाही इस निर्णय एवं आदेश की ति‍थि से 03 माह के अन्‍दर सुनिश्‍चित की जाए।

      आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

(विकास सक्‍सेना)                        (सुशील कुमार)

   सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

लक्ष्‍मन, आशु0, कोर्ट-2

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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