राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
सुरक्षित
अपील सं0-१७९१/२०१५
(जिला मंच, फिरोजाबाद द्वारा परिवाद सं0-१३७/२०१३ में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक ३०-०७-२०१५ के विरूद्ध)
श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, ई-८, ईपीआईपी, रीको इण्डस्ट्रियल एरिया, सीतापुर, जयपुर (राजस्थान)-३०२०२२ ब्रान्च आफिस १६, चिन्तल हाउस, स्टेशन रोड, लखनऊ द्वारा मैनेजर।
................. अपीलार्थी/विपक्षी सं0-१.
बनाम्
१. सीताराम शर्मा पुत्र श्री मन भावन लाल शर्मा निवासी गॉंधी मण्डी, सिरसागंज, जिला फिरोजाबाद (यू.पी.)। .................. प्रत्यर्थी/परिवादी।
२. संजीव कुमार गुप्ता पुत्र स्व0 राम स्वरूप गुप्ता निवासी थारा रोड, सिरसागंज जिला फिरोजाबाद (यू.पी.)-२८३१५१, कार्यालय – साईं बीमा घर, पालिका बाजार, सिरसागंज, जिला फिरोजाबाद (यू.पी.)।
.................. प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-२.
समक्ष:-
१. मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य।
२. मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्य।
अपीलार्थी ओर से उपस्थित :- श्री दिनेश कुमार विद्वान अधिवक्ता द्वारा अधिकृत
श्री आनन्द भार्गव विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित:- कोई नहीं।
दिनांक : २६-०२-२०१९.
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, जिला मंच, फिरोजाबाद द्वारा परिवाद सं0-१३७/२०१३ में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक ३०-०७-२०१५ के विरूद्ध योजित की गयी है।
संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि प्रत्यर्थी/परिवादी के कथनानुसार परिवादी मारूति स्विफ्ट कार सं0-यू पी ८० बी एन-१०४४ का पंजीकृत स्वामी है। परिवादी का यह वाहन अपीलार्थी बीमा कम्पनी से दिनांक १८-०४-२०११ से दिनांक १७-०४-२०१२ तक की अवधि के लिए बीमित था। दिनांक २२-१०-२०११ को ८.३० बजे थाना सिरसागंज के क्षेत्र में राष्ट्रीय राज्य मार्ग सं0-२ इटावा-आगरा रोड पर किलोमीटर सं0-२७६ एवं २७७ के मध्य आर0डी0 कोल्ड स्टोरेज के पास परिवादी जब अपनी इस कार से अपने पुत्र श्याम
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भारद्वाज के साथ इटावा की ओर से सिरसागंज की ओर आ रहा था तथा वाहन वैध लाइसेंसधारी चालक श्री शैलेन्द्र अग्रवाल द्वारा चलाया जा रहा था तब यह कार कुत्ते को बचाते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गई तथा रोड के डिवाइडर से टकराकर पलट गई। सौभाग्य से कार में बैठे व्यक्तियों को चोटें नहीं आयीं। दुर्घटना की सूचना बीमा कम्पनी को २४-१०-२०११ को दी गई तथा बीमा दावा बीमा कम्पनी को निर्धारित प्रारूप पर प्रेषित किया गया। बीमा कम्पनी द्वारा सर्वेयर की नियुक्ति की गई। इस कार की मरम्मत में ७०,५९६/- रू० खर्च हुआ। कार की मरम्मत मधुसूदन मोटर्स प्रा0लि0, आगरा द्वारा की गई। उपरोक्त खर्च से सम्बन्धित रसीद अपीलार्थी बीमा कम्पनी को भेजी गई किन्तु बीमा कम्पनी द्वारा कार की मरम्मत में आये खर्च का भुगतान नहीं किया गया। अत: अपीलार्थी बीमा कम्पनी द्वारा सेवा में कमी किया जाना अभिकथित करते हुए कार की मरम्मत में हुए खर्च का भुगतान मय ब्याज प्राप्त करने तथा क्षतिपूर्ति की अदायगी हेतु परिवाद जिला मंच में योजित किया गया।
अपीलार्थी बीमा कम्पनी द्वारा प्रतिवाद पत्र जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अपीलार्थी बीमा कम्पनी ने प्रश्नगत कार का बीमित होना स्वीकार किया। अपीलार्थी के कथनानुसार प्रश्नगत प्रकरणमें दावे की सूचना मिलने पर परिवादी को पत्र दिनांकित १०-०१-२०१२ एवं १८-०१-२०१२ लिखे गये। पुन: अनुस्मारक दिनांक ०३-०२-२०१२ को भेजा गया किन्तु परिवादी द्वारा उत्तर नहीं दिया गया, अत: उसका दावा समाप्त कर दिया गया। अपीलार्थी का यह भी कथन है कि प्रश्नगत प्रकरण से सम्बन्धित दावे की जांच हेतु श्री अनूप पोरवाल सर्वेयर की नियुक्ति की गई। सर्वेयर ने ५६,०००/- रू० की क्षति का निर्धारण किया।
विद्वान जिला मंच ने प्रश्नगत निर्णय द्वारा परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए अपीलार्थी बीमा कम्पनी को निर्देशित किया कि अपीलार्थी बीमा कम्पनी परिवादी को ९८,४०२/- रू० तथा २५००/- रू० वाद व्यय के रूप में निर्णय की तिथि से १५ दिन में अदा करे अन्यथा इस धनराशि पर निर्णय की तिथि से वास्तविक अदायगी तक ११ प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज भी अदा करे।
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इस निर्णय से क्षुब्ध होकर यह अपील योजित की गयी।
हमने अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री दिनेश कुमार द्वारा अधिकृत श्री आनन्द भार्गव विद्वान अधिवक्ता के तर्क सुने तथा अभिलेखों का अवलोकन किया। नोटिस की तामीला के बाबजूद प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि जिला मंच ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य का उचित परिशीलन न करते हुए प्रश्नगत निर्णय पारित किया है। अपीलार्थी की ओर से यह तर्क भी प्रस्तुत किया गया कि प्रस्तुत प्रकरण में बीमा दावे की सूचना प्राप्त होने पर सर्वेयर की नियुक्ति की गई। सर्वेयर ने प्रश्नगत वाहन के निरीक्षण के उपरान्त वाहन में क्षति का आंकलन ५६,०००/- रू० निर्धारित किया किन्तु जिला मंच ने सर्वेयर आख्या की अनदेखी करते हुए प्रश्नगत निर्णय पारित किया।
हमने प्रश्नगत निर्णय का अवलोकन किया। निर्विवाद रूप से प्रस्तुत प्रकरण के सन्दर्भ में प्रश्नगत वाहन से सम्बन्धित बीमा दावे की जांच हेतु सर्वेयर श्री अनूप पोरवाल की नियुक्ति की गई। सर्वेयर द्वारा प्रेषित जांच आख्या की छायाप्रति जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत की गई। सर्वे आख्या की छायाप्रति अपील मेमो के साथ भी दाखिल की गई है। सर्वेयर द्वारा प्रस्तुत की गई जांच आख्या निश्चित रूप से क्षति आंकलन के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण अभिलेख होता है किन्तु क्षति निर्धारण हतु यह अभिलेख अन्तिम निर्णायक साक्ष्य के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता। प्रश्नगत निर्णय के अवलोकन से यह विदित होता है कि जिला मंच ने सर्वे आख्या में उल्लिखित तथ्यों का तर्कसंगत आधारों पर परिशीलन करने के उपरान्त क्षति की धनराशि ६१,५१६/- रू० निर्धारित की है। जिला मंच द्वारा जिन बिन्दुओं पर सर्वे आख्या के तथ्य स्वीकार नहीं किये गये तथा इस सन्दर्भ में जो आधार प्रस्तुत किया गया, अपील के आधारों में उस सम्बन्ध में कोई स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया गया है। हमारे विचार से तर्कसंगत आधारों पर जिला मंच द्वारा क्षति आंकलन ६१,५१६/- रू० स्वीकार किया गया है। इस धनराशि पर सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने की तिथि से निर्णय की तिथि तक १२ प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज दिलाए जाने हेतु आदेशित किया गया है। इसके अतिरिक्त १०,०००/- रू० मानसिक वेदना
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की क्षतिपूर्ति के रूप में दिलाए जाने हेतु भी आदेशित किया गया है। हमारे विचार से ब्याज की निर्धारित दर अधिक है। मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों के आलोक में परिवाद योजित किए जाने की तिथि से सम्पूर्ण धनराशि की अदायगी तक ०८ प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज दिलाया जाना न्यायोचित होगा। क्योंकि क्षतिपूर्ति की अदायगी मय ब्याज कराई जा रही है, अत: मानसिक उत्पीड़न के मद में अलग से धनराशि की अदायगी किए जाने हेतु आदेशित किए जाने का कोई औचित्य नहीं होगा। अपील तद्नुसार आंशिक रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला मंच, फिरोजाबाद द्वारा परिवाद सं0-१३७/२०१३ में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक ३०-०७-२०१५ अपास्त किया जाता है। परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। अपीलार्थी बीमा कम्पनी को निर्देशित किया जाता है कि निर्णय की प्रति प्राप्ति की तिथि से ३० दिन के अन्दर प्रत्यर्थी/परिवादी को ६१,५१६/- रू० मय ब्याज अदा करे। इस धनराशि पर परिवादी, परिवाद योजित किए जाने की तिथि से सम्पूर्ण धनराशि की अदायगी तक ०८ प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा। अपीलार्थी को यह भी निर्देशित किया जाता है कि निर्धारित अवधि में परिवादी को २,५००/- रू० वाद व्यय के रूप में भी अदा करे।
उभय पक्ष इस अपील का व्यय-भार स्वयं अपना-अपना वहन करेंगे।
उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
(उदय शंकर अवस्थी)
पीठासीन सदस्य
(गोवर्द्धन यादव)
सदस्य
प्रमोद कुमार
वैय0सहा0ग्रेड-१,
कोर्ट-२.