(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1731/2011
Bajaj Allianz General Insurance Company Ltd.
Versus
Sita Ram S/O Munshi Lal r/o village Jalalabad
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री दिेनेश कुमार, विद्धान अधिवक्ता के
सहयोगी अधिवक्ता श्री आनन्द भार्गव
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक :06.02.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-7/2010, सीता राम बनाम बजाज एलियांज जनरल इं0कं0लि0 में विद्धान जिला उपभोक्ता आयोग, कन्नौज में पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 07.05.2010 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से नोटिस की तामीला के बावजूद कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी ने अपनी मोटर साइकिल सं0 यू0पी0 74 सी 5209 का बीमा विपक्षी बीमा कम्पनी से दिनांक 05.10.2008 से 04.10.2009 तक की अवधि के लिए कराया था। दिनांक 05.03.2009 को मोटर साइकिल चोरी हो गयी, जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट 24.03.2009 को दर्ज करायी। विवेचना के पश्चात अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी जो स्वीकार कर ली गयी परंतु बीमा क्लेम नहीं दिया गया। जिला उपभोक्ता मंच ने परिवाद के कथन को स्वीकार करते हुए बीमित राशि अदा करने का आदेश पारित किया है।
3. अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि चोरी की घटना दिनांक 05.03.2009 की है जबकि प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 24.03.2009 को लिखायी गयी है, इसलिए बीमा पॉलिसी की शर्त का उल्लंघन किया गया है। अत: कोई बीमा क्लेम देय नहीं है। विधि का यह सिद्धांत बीमा संबंधित मामलों में स्थापित है कि बीमित वाहन के चोरी होने पर पुलिस रिपोर्ट त्वरित रूप से दर्ज करानी चाहिए या दर्ज कराने का प्रयास किया जाना चाहिए। ताकि वाहन को खोजने का प्रयास पुलिस द्वारा किया जा सके और बीमा कम्पनी को क्षति की पूर्ति करने का दायित्व से बचाया जा सके। प्रस्तुत केस में पैरा सं0 2 में परिवादी ने स्पष्ट कथन किया है कि मोटर साइकिल की चोरी दिनांक 05.03.2009 को हुई है और रिपोर्ट दिनांक 24.03.2009 को दर्ज करायी गयी है। दिनांक 24.03.2009 से पूर्व रिपोर्ट दर्ज कराने के किसी प्रयास का कथन तक नहीं किया गया है। अत: स्पष्ट है कि बीमा पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन करते हुए एक लम्बी अवधि व्यतीत होने के पश्चात प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी। जिसका परिणाम यह हुआ है कि बीमित वाहन को तलाश नही किया जा सकता है।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्त किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3