जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 71 सन् 2016
प्रस्तुति दिनांक 01.04.2016
निर्णय दिनांक 26.07.2021
विजयनाथ शर्मा पुत्र स्वo रामशकल शर्मा उम्र तखo 55 साल निवासी साकिन मौजा गुलउर पोस्ट- बनकट परगना/तहसील- सगड़ी जनपद- आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
- सिंघल मोटर्स अथराइज्ड डीलर टाटा मोटर्स लिo केदारपुरम् हर् की चुंगी, आजमगढ़ जरिए प्रबन्धक।
- टाटा मोटर्स लिo 20वां तल टावल जे.ए.वन इण्डिया सेनापति बापत मार्ग एलपिन स्टोन स्टोन मुम्बई- 400013 जरिए प्रबन्धक।
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उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह विपक्षी संख्या 01 के एजेन्सी से टाटा ACEEX BSS III दिनांक 21.04.2014 को क्रय किया था और सारे दिशा-निर्देश का पालन किया था। उस मोटर का रजिस्ट्रेशन नं. यू.पी. 50ए.टी.08218 था। दिनांक 30.10.2014 को परिवादी ने अपनी गाड़ी विपक्षी संख्या 01 के एजेन्सी में दुरुस्त करने के लिए दिया तो उसी दिन उसे 1564/- रुपया व 225/- रुपया जमा किया और मैकेनिक द्वारा कुछ बनाकर वापस कर दिया गया और कहा कि गाड़ी दुरुस्त हो गयी है। गाड़ी लेकर आने के बाद गाड़ी में जो खराबी थी वह उसी तरह बनी रही। तीन दिन बाद एजेन्सी पर लेकर गया तो उन्होंने यह कह कर वापस कर दिया कि गाड़ी चलाते रहिए यह ज्यादा मोबिल खाने की वजह से है यह समस्या अपने आप ठीक हो जाएगी। परन्तु समस्या जस की तस बनी रही। परिवादी ने दिनांक 28.07.2014 को अपनी गाड़ी लेकर पुनः एजेन्सी पर गया तो वर्कशाप के मिस्त्री ने गाड़ी देखकर बताया कि मोबिल डालना पड़ेगा तो 750 ग्राम मोबिल डाला गया तब मिस्त्री ने बताया कि आपकी गाड़ी 4479 किलोमीटर चल चुकी है इसलिए यह मोबिल डाला गया है। तत्पश्चात् परिवादी अपनी गाड़ी वापस लेकर चला गया और गाड़ी चलाने लगा लेकिन वह मोबिल खाने की समस्या व मोबिल गिरने की समस्या समाप्त नहीं हुई। परिवादी ने अपनी गाड़ी लेकर शुरू से ही काफी परेशानी का सामना किया लेकिन उस गाड़ी में जो मोबिल खाने व गिरने की समस्या थी, समाप्त नहीं हुई। परिवादी इस तरह बार बार एजेन्सी जाता रहा लेकिन मोबिल खाने व गिरने की कमी ठीक नहीं हुई। दिनांक 16.08.2014 को परिवादी ने जब गाड़ी लेकर एजेन्सी गया तो मिस्त्री ने बताया कि 5609 गाड़ी चल चुकी है अब इसका मोबिल बदलना पड़ेगा तो 1400/- रुपए लेकर मोबिल बदला गया, लेकिन समस्या में कोई भी सुधार नहीं हुआ। परिवादी दिनांक 01.01.2015 को अपनी गाड़ी लेकर एजेन्सी पर गया और पुनः वही मोबिल की समस्या की शिकायत किया और कहा कि अब हम गाड़ी नहीं ले जाएंगे तो डीलर महोदय ने गाड़ी चेक कराया और बताया कि मोबिल गेज के ऊपरी व निचले गेज के बीच में है जो टाटा कम्पनी के नियमानुसार सही है और परिवादी से कहा गया कि जिस दिन से मोबिल निचले हिस्से में आ जाए तो गाड़ी एजेन्सी पर लेकर आईए तो उस दिन यह समस्या दूर कर दी जाएगी। परिवादी इस गाड़ी की समस्या से इतना परेशान हो गया कि मजबूरन दिनांक 31.01.2015 को अपनी गाड़ी एजेन्सी पर ले गया उस दिन तक गाड़ी 15460/- किलोमीटर चल चुकी थी और मोबिल निचले हिस्से में था। वर्कशाप के मिस्त्री ने हेड लगाकर फिर से इंजन बनाकर बताया गया कि अब ठीक हो गयी है। परिवादी ने दिनांक 01.02.2015 को अपनी गाड़ी शर्तों के मुताबिक लेकर एजेन्सी पर गया तो उसी दिन गाड़ी को ठीक करने की कोशिश किया गया लेकिन गाड़ी की समस्या जस की तस बनी रही। अतः परिवादी को विपक्षीगण से गाड़ी की कीमत रुपए 3,71,611/- तथा अन्य खर्च 27,237/- रुपया मय ब्याज दिलवाया जाए।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 7/1 लेबर कैस मेमो की छायाप्रति, कागज संख्या 7/2ता7/8 वर्कशॉप स्पेयर कैस मेमो की छायाप्रति, कागज संख्या 7/9 सिंघल मोटर्स की रसीद की छायाप्रति, कागज संख्या 7/10ता7/11 वर्कशाप स्पेयर कैश मेमो की छायाप्रति, कागज संख्या 7/12 खर्च की रसीद की छायाप्रति, कागज संख्या 7/13ता7/17 लेबर कैस मेमो की छायाप्रति, कागज संख्या 7/18 रसीद रजिस्ट्री की छायाप्रति, कागज संख्या 7/19 नोटिस की छायाप्रति, कागज संख्या 7/21 आर.सी. की छायाप्रति, कागज संख्या 7/23 बीमा के कागजात की छायाप्रति, कागज संख्या 7/24 सिंघल मोटर्स के प्रपत्र की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।
विपक्षी संख्या 02 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत कर यह कहा गया है कि विपक्षी टाटा मोटर्स लिo कम्पनी अधिनियम 1913 के अधीन एक पंजीकृत कम्पनी है। जिसका पंजीकृत कार्यालय बाम्बे हाउस 24 होमा मोदी स्ट्रीट मुम्बई, 400001 पर स्थित है। विपक्षी के पास पूरे देश में अधिकृत उत्कृष्ट डीलरशिप/अधिकृत सर्विस सेन्टर का नेटवर्क है तथा इन सेन्टर के पास वाहन की विक्रय के पश्चात् की सेवा के लिए बेहतरीन वर्कशाप है जिसमें योग्य, अनुभवी तथा प्रशिक्षित व्यक्ति काम करते हैं। परिवादी ने गलत आरोप लगाया है। विपक्षी ने परिवाद पत्र में किए गए अभिकथनों से इन्कार किया है। विपक्षी ने कहा है कि परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है। परिवादी ने वाहन 22.04.2014 को क्रय किया था और उक्त वाहन दिनांक 22.07.2015 की अवधि में 26624 किलोमीटर चल चुकी थी। वाहन को सुचारू रूप से चलाया गया अथवा नहीं यह सिद्ध करने का भार परिवादी के ऊपर है। परिवादी बिना किसी आधार के वाहन में गड़बड़ी का उल्लेख किया है। परिवादी ने गलत तथ्यों के आधार पर दावा प्रस्तुत किया है। अतः परिवाद निरस्त किया जाए।
विपक्षी संख्या 02 द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
विपक्षी संख्या 02 द्वारा प्रलेखीय साक्ष्य में कागज संख्या 14 वारण्टी एवं टर्म के कण्डीशन की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।
विपक्षी संख्या 01 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत कर यह कहा है कि परिवादी ने गलत आधार पर परिवाद पत्र प्रस्तुत किया है। परिवादी ने वाहन को क्रय करने के पश्चात् दिनांक 26.05.2014 को उसकी सर्विस कराया था। वाहन में कोई समस्या नहीं थी। परिवाद गलत आधार पर प्रस्तुत किया गया है। अतः निरस्त किया जाए।
विपक्षी संख्या 01 ने अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया है।
उभय पक्षों को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहीं भी नहीं कहा है कि उसने अपने जीविकोपार्जन के लिए वाहन क्रय किया था। इस प्रकार यह माना जाएगा कि परिवादी ने वाहन व्यावसायिक दृष्टिकोण से क्रय किया था। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद इस जिला आयोग में चलने योग्य नहीं है।
आदेश
परिवाद पत्र निरस्त किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 26.07.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)