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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 49 सन् 2015
प्रस्तुति दिनांक 10.03.2015
निर्णय दिनांक 28.01.2021
घनश्याम सिंह उम्र तखo 40 वर्ष पुत्र रमेश सिंह साकिन व पोस्ट- हाफिजपुर, तहसील- सदर, जिला- आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
- सिंघल मोटर केदारपुरन हर्रा की चुंगी आजमगढ़ द्वारा टाटा मोटर्स लिमिटेड डिलर आजमगढ़।
- शाखा प्रबन्धक नेशनल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड आजमगढ़।
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उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसने विपक्षी संख्या 01 के यहाँ से एक पिकअप गाड़ी नम्बर यू.पी. 50 ए.टी./5739 क्रय किया था। जिसका बीमा उसने विपक्षी संख्या 02 से कराया था। दिनांक 24.05.2014 को समय लगभग 3.30 बजे उसकी गाड़ी रास्ते में लखींवां बाजार में सुल्तानपुर से आजमगढ़ जाते समय रास्ते में लखींवां बाजार में सामने से आ रही अनियन्त्रित ट्रक वाले के साइड मारने के कारण परिवादी की गाड़ी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गयी। जिससे उसे काफी नुकसान हुआ और अपनी गाड़ी को जय बजरंग क्रेन सर्विस सिविल लाइन्स आजमगढ़ द्वारा लखनउवां बाजार जौनपुर से विपक्षी संख्या 01 टाटा मोटर्स आजमगढ़ तक लाने में क्रेन का दिनांक 24.05.2014 को 5500/- रुपया भाड़ा तथा 21,000/- रुपया लेबर चार्ज खर्च हुआ। इसकी सूचना विपक्षी संख्या 01 व 02 को दी गयी। दुर्घटना के दिन भी याची का बीमा बैध था। अतः विपक्षीगण को आदेशित किया जाए कि वह बीमा की शर्तों के अनुसार याची को क्रेन भाड़ा 5500/- रुपए व लेबर चार्ज 21000/- रुपए तथा मानसिक व शारीरिक कष्ट हेतु भी धनराशि प्रदान करें और विपक्षीगण के लापरवाही के कारण याची की हुई हानि मुo 50,000/- रुपया भी दिलवाया जाए।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 6/1 शाखा प्रबन्धक नेशनल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड को दिए गए पत्र की छायाप्रति, कागज
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संख्या 6/2 भारत निर्वाचन आयोग का कार्ड की छायाप्रति, कागज संख्या 6/3 आर.सी. की छायाप्रति, कागज संख्या 6/4 बीमा के कागजात की छायाप्रति, कागज संख्या 6/8 वर्कशॉप स्पेयर इनवाइस का छायाप्रति तथा कागज संख्या 6/9 जय बजरंग क्रेन सर्विस की रसीद की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।
विपक्षी संख्या 01 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि
कागज संख्या 9ग/1ता9ग/2 विपक्षी संख्या 01 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत कर परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया गया है तथा अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि परिवादी को विपक्षी संख्या 01 की फर्म से नियमानुसार टाटा ए.सी.ई. एच.टी. पिकअप वाहन विक्रय किया था और उसका बीमा करवाया गया था। दुर्घटना के बाबत विपक्षी संख्या 01 को कोई सूचना नहीं दी गयी और यदि कोई दुर्घटना हुई थी तो उससे कोई सम्बन्ध किसी प्रकार का अथवा उक्त दुर्घटना के कारणों के बाबत विवेचना की जिम्मेदारी विपक्षी संख्या 02 व उनके सर्वेयर की है। दुर्घटनाग्रस्त वाहन विपक्षी संख्या 01 के वर्कशॉप में लाया गया था, जिसकी वहाँ मरम्मत की गयी जिसका विवरण परिवादी ने दिया है। परिवादी के जिम्मे विपक्षी संख्या 01 द्वारा वाहन मरम्मत के सम्बन्ध में हुए खर्च के भुगतान की जिम्मेदारी परिवादी व विपक्षी संख्या 02 की है और उक्त रकम को 1,69,640/- रुपया स्पेयर पार्ट्स का व 21,000/- रुपया लेबर चार्ज कुल 1,90,640/- रुपया अदा करना था परन्तु परिवादी ने उक्त रकम अदा नहीं किया और न ही अपना वाहन ही विपक्षी संख्या 01 के वर्कशॉप से ले गया। विपक्षी का वाहन उपरोक्त रकम का भुगतान न करने कारण विपक्षी संख्या 01 के वर्कशॉप पर खड़ा है। जिस कारण विपक्षी के वर्कशॉप में स्थानाभाव के कारण काफी असुविधा भी हो रही है तथा परिवादी के ऊपर उक्त वाहन के सम्बन्ध में गैरेज शुल्क अदा करने का भी भार है जिसे भी परिवादी विपक्षी संख्या 01 को अदा करने का जिम्मेदार है। परिवादी ने गलत तथ्यों पर परिवाद प्रस्तुत किया है। अतः परिवाद पत्र निरस्त किया जाए।
सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के पैरा 4 में यह कहा है कि उसने पिकअप गाड़ी नम्बर यू.पी. 50 ए.टी./5739 का क्रय किया था जबकि विपक्षी संख्या 01 ने अपने जवाबदावा में यह कहा है कि परिवादी ने उसके यहाँ टाटा ए.सी.ई. एच.टी. पिकअप वाहन लिया था। जिसका बीमा भी कराया गया था। परिवादी ने विपक्षी संख्या 01 को सूचना दिया अथवा नहीं इस सन्दर्भ में उसके द्वारा कोई भी प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। इस प्रकार जिस गाड़ी को क्रय करने के
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सन्दर्भ में परिवादी द्वारा परिवाद पत्र प्रस्तुत किया गया है वह गाड़ी उसने विपक्षी संख्या 01 से क्रय नहीं किया था। विपक्षी संख्या 01 से जो गाड़ी क्रय किया था वह गाड़ी दुर्घटना ग्रस्त नहीं हुई है। परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहीं भी कथन नहीं किया है कि विपक्षी संख्या 01 ने जो वाहन की मरम्मत कराने का खर्च दिखाया है उसे परिवादी ने अदा नहीं किया। ऐसी स्थिति में गाड़ी विपक्षी संख्या 01 के यहाँ खड़ी है। इस सन्दर्भ में भी परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र में कोई भी उल्लेख नहीं किया है। चूंकि विपक्षी संख्या 01 ने जिस वाहन का विक्रय करने का जिक्र किया है उसके बारे में कोई भी प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। अतः परिवादी द्वारा किया गया विवरण खण्डित नहीं होता है। परिवादी के ऊपर विपक्षी संख्या 01 की जो बकाया धनराशि है परिवादी ने अदा नहीं किया है।
आदेश
परिवाद पत्र का इस रूप में निस्तारण किया जाता है कि परिवादी विपक्षी संख्या 01 की बकाया धनराशि जिसका उल्लेख उसने अपने जवाबदावा में किया है, को अदा करके विपक्षी संख्या 01 के यहाँ से अपनी गाड़ी ले जाएँ।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 28.01.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)