जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।
उपस्थित - (1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
(2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य
परिवाद सं0-204/2008
गयादीन वर्मा पुत्र श्री बद्रीनाथ वर्मा ग्राम बरवा, मौजा परानापुर परगना मंगलसी, तहसील सोहावल, जिला फैजाबाद। .............. परिवादी
बनाम
सिंह टायर्स द्वारा प्रोपराइटर लाल जी सिंह दुकान संख्या - 13 जिला परिशद मार्केट सिविल लाइन्स फैजाबाद। .......... विपक्षी
निर्णय दिनाॅंक 01.09.2015
उद्घोषित द्वारा: श्रीमाया देवी षाक्य , सदस्या।
निर्णय
परिवादी के परिवाद का संक्षेप इस प्रकार है कि परिवादी ने दिनंाक 03-10-2007 को अपने ट्रैक्टर के लिये जिसका रजिस्टेषन संख्या यू0 पी0 042 बी/1883 स्वराज 724 हेतु दो अगले व पिछले टायर मु0 21,500/- में विपक्षी से खरीदे। विपक्षी द्वारा दोनों पिछले टायर जो गुड एअर डी0टी0 195,12 प्लाई का था जिसका एक नम्बर एन0के0बी0एन0 2ए79 (2907) दूसरे का बी0 56537-0707 का है। टायर खरीदने के 4 माह बाद ही टायर की गोटियो में परत निकलना व गोटियां कटना षुरू हो गया। जिसकी षिकायत परिवादी ने विपक्षी से किया। विपक्षी द्वारा बार बार परिवादी को यह आष्वासन किया जाता रहा कि कम्पनी के टायर निर्माण करने वाली कम्पनी को सूचना भेज दी है। निरीक्षण के उपरान्त परिवादी के टायर को बदलकर उसे टायर दे दिया जायेगा, परिवादी विपक्षी के दुकान पर बार बार जाता रहा किन्तु विपक्षी द्वारा टायर बदला नहीं गया। परिवादी ने दिनंाक 18-06-2008 को अधिवक्ता के माध्यम से टायर बदलने के सम्बन्ध में विपक्षी को नोटिस भेजा, जिसे लेने से विपक्षी नेे इन्कार कर दिया। विपक्षी चाल बाज है, टायर खरीदते समय परिवादी को कैष मेमो न देकर अग्रेंजी मेें छपा हुआ स्टीमेट परिवादी को दिया था परिवादी ने विपक्षी को सम्पूर्ण भुगतान नगद करके विपक्षी से टायर खरीदा था। विपक्षी द्वारा असली व नया टायर बताकर नकली व रबडि़ग किया हुआ हुआ टायर परिवादी को बेंच कर सेवा षर्तों का उल्लंघन किया है। गुड़ एयर कम्पनी के डी0टी0 195-12 प्लाई ट्रैक्टर के दोनांे टायरों की कीमती 17,600/- है जिसे परिवादी विपक्षी से वसूल पाने का अधिकारी है। परिवादी को विपक्षी से 17,600/- रूपया टायर का मूल्य तथा 5000/- रूपया वाद व्यय दिलाये जाने की कृपा की जाये।
विपक्षी ने अपना लिखित कथन दाखिल किया हेै तथा विपक्षी ने परिवादी द्वारा विपक्षी से टायर खरीदने की बात को स्वीकार किया है तथा परिवादी के परिवाद के अन्य कथनों से इन्कार किया है। विपक्षी ने अपने विषेश कथन में कहा है कि परिवादी द्वारा जब टायर में डिफैक्ट के बारे में माह जून 2008 के प्रारम्भ में मौखिक बताया तब विपक्षी ने कम्पनी को टायर में आये हुय मैन्यूफैक्चंिरंग डिफैैक्ट की सूचना भेेज दी। कम्पनी द्वारा अधिकृत मैन्यूफैक्चरिंग इंजीनियर ने षिकायत संख्या एन0 07806 के निस्तारण हेतु दिनंाक 05-08-2008 को दुकान पर आकर टायर के निरीक्षण करने को कहा था। जिसकी सूचना कृश्ण कुमार वर्मा एडवोकेट को उनके मोबाइल नं0 941571319 पर दी गयी। कम्पनी के इन्जीनियर दिनंाक 05-08-2008 को टायर चेक करने हेतु विपक्षी की दुकान पर आये लेकिन परिवादी ने टायर लाकर दिखाने से इन्कार कर दिया। परिवादी द्वारा किसी को पक्षकार नहीं बनाया गया है। परिवादी का यह कथन कि उसने चार माह बाद ही उत्तरदाता से टायर की षिकायत की थी गलत है। परिवादी का परिवाद वैधारिक एवंत तथ्यात्मक दृश्टि से गलत है जो कि निरस्त होने योग्य है।
पत्रावली का भली भंाति परिषीलन किया। परिवादी ने अपने पक्ष के समर्थन में टायर खरीदे जाने की रसीद दिनंाक 03-10-2007 की छाया प्रति व मूल प्रति, विपक्षी को दिये गये नोटिस दिनंाक 18-01-2008 की कार्बन प्रति, परिवादी ने अपना षपथ पत्र दाखिल किया है, जो षामिल पत्रावली है। विपक्षी ने अपने पक्ष के समर्थन में अपना लिखित कथन, लाल जी सिंह पुत्र राम सुमेर सिंह प्रोप्रराइटर विपक्षी का षपथ पत्र, स्थली जाँच रिपोट दिनंाक 05-08-2008 की मूल प्र्रति, विपक्षी की लिखित बहस, तथा गुड ईयर कम्पनी के इंजीनियर नवीन चन्द्रा पुत्र सर्वजीत का षपथ पत्र दाखिल किया है, जो षामिल पत्रावली है। विपक्षी ने जो जाँच रिपोट दाखिल की है, उसमें परिवादी की षिकायत टायर क्रेक होने की थी। विपक्षी ने परिवादी को टायर की जाँच कराने के लिए फोन पर तारीख की सूचना दे दी थी। मगर परिवादी नियत दिनंाक 05-08-2008 को अपनी टायर की जाँच के लिए विपक्षी की दुकान पर नही पहुँचा, परिवादी ने जो आरोप विपक्षी पर लगाये हैं। उन्हें परिवादी प्रमाणित करने में असफल रहा है। विपक्षी ने परिवादी के टायर की जाँच के लिये गुड़ ईयर कम्पनी के इंजीनियर को बुलाया भी था। मगर परिवादी नहीं पहुँचा, विपक्षी ने अपनी सेवा में कोई कमी नहीं की है। परिवादी अपना परिवाद प्रमाणित करने में असफल रहा है। परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 01.09.2015 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष