Chhattisgarh

Bilaspur

CC/14/110

SHRI DUJRAM BANJARE - Complainant(s)

Versus

SIMON FORD AND OTHER - Opp.Party(s)

SELF

23 May 2015

ORDER

District Consumer Dispute Redressal Forum
Bilaspur (C.G.)
Judgement
 
Complaint Case No. CC/14/110
 
1. SHRI DUJRAM BANJARE
JARHI COLONI BHATGAON
SURAJPUR
CHHATTISGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. SIMON FORD AND OTHER
MUNGELI ROAD INFRONT JAIN NATIONAL SCHOOL USLAPUR
BILASPUR
CHHATTISGARH
2. MANAGER, UNITED INDIA INSURANCE CO. LTD.
RAIPUR
RAIPUR
CHHATTISGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. ASHOK KUMAR PATHAK PRESIDENT
 HON'BLE MR. PRAMOD KUMAR VARMA MEMBER
 
For the Complainant:
SELF
 
For the Opp. Party:
NA 1 SHRI SUPIP VARMA
NA 2 ABSENT
 
ORDER

//जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोषण फोरम, बिलासपुर छ.ग.//

 

                                                                             प्रकरण क्रमांक CC/2014/110

                                                                              प्रस्‍तुति दिनांक  28/06/2014

 

                              दुजराम बंजारे, पिता बच्‍चूराम बंजारे,

      ब्‍लाक नं. 84, क्‍वाटर नं. 862 न्‍ये जरही कालोनी,

     भटगांव, जिला सुरजपुर छ.ग.                               ......आवेदक/परिवादी

                   विरूद्ध

 

  1. सिमन फोर्ड

         मुंगेली रोड जैन इन्‍टर नेशनल स्‍कूल के सामने

       उस्‍लापुर बिलासपुर छ.ग.

 

  1. प्रबंधक,

      यूनाईटेड इंडिया इंश्‍योरेंस कंपनी लिमिटेड,

     अमर काम्‍प्‍लेक्‍स जीवन बीमा मार्ग पंडरी

     रेल्‍वे क्रासिंग के पास रायपुर छ.ग.                                 .........अनावेदकगण/विरोधीपक्षकारगण

 

                                              आदेश

                        (आज दिनांक 23/05/2015 को पारित)

 

१. आवेदक दुजराम बंजारे ने उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदकगण के विरूद्ध सेवा में कमी के आधार पर पेश किया है और अनावेदकगण से दुर्घटनाग्रस्‍त वाहन को दुरूस्‍त कराते हुए क्षतिपूर्ति के रूप में 3,70,000/. रूपये दिलाए जाने का निवेदन किया है ।

2. परिवाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार है कि  आवेदक  दिनांक 12/02/2014 को अनावेदक क्रमांक 1 के संस्‍थान से फोर्ड फिगो वाहन क्रमांक सी.जी.15 सी.आर. 7513 क्रय किया था, जो अनावेदक क्रमांक 2 बीमा कंपनी के पास दिनांक 22.02.2014 से 21/02/2014 तक की अवधि के लिए बीमित था ।  बीमा अवधि में उक्‍त वाहन दिनांक 30/03/2014 को  बिलासपुर से अंबिकापुर जाते समय तारा के पास दुर्घटना में क्षतिग्रस्‍त हो गया, जिसकी सूचना आवेदक द्वारा तत्‍काल अनावेदक क्रमांक 1 को दी गई तथा उसके कहने पर वाहन को दिनांक 31/03/2014 को उसकी एजेंसी में लाया गया । अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा वाहन को जल्‍द से जल्‍द ठीक करने का आश्‍वासन दिया गया, किंतु आज दिनांक तक उसे ठीक कर प्रदान नहीं किया गया  तथा संपर्क करने पर कहा गया कि वाहन ठीक हो गया है तथा उसमें 1,70,000/-रू. का खर्च आया है, जिसमें से 1,12,000/-रू. का भुगतान करने को बीमा कंपनी तैयार है, अत: शेष रकम 58,000/-रू. का भुगतान कर वाहन ले जावे, जबकि आवेदक के अनुसार वाहन वारंटी अवधि में होने के कारण उसे पूरी तरह से निशुल्‍क ठीक कराने की जिम्‍मेदारी अनावेदकगणों की थी, जिसका निर्वाह अनावेदकगण द्वारा नहीं किया गया और इस प्रकार सेवा में कमी की गई, अत: उसने यह परिवाद पेश करना बताया है और अनावेदकगण से वांछित अनुतोष दिलाए जाने का निवेदन किया है ।

3. अनावेदक  क्रमांक 1 जवाब पेश कर यह तो स्‍वीकार किया कि आवेदक उसके पास से प्रश्‍नाधीन वाहन क्रय किया था और उसका बीमा अनावेदक क्रमांक 2 के पास करवाया था । अनावेदक क्रमांक 1 ने यह भी स्‍वीकार किया कि आवेदक का प्रश्‍नाधीन वाहन दिनांक 30/03/2014 को दुर्घटनाग्रस्‍त होने पर उसे उसके संस्‍थान में दिनांक 31/03/2014 को सुधार के लिए लाया गया था, किंतु इस बात से इंकार किया कि उसने  वाहन को  जल्‍द से जल्‍द दुरूस्‍त नहीं किया, बल्कि कहा गया है कि वाहन दुरूस्‍त कर आवेदक को सुधार व्‍यय की राशि 1,69,767/-रू. बताते हुए उसमें से अनावेदक क्रमांक 2 बीमा कंपनी द्वारा दी जाने वाली रकम 1,12,000/-रू. कम कर शेष रकम 58,000/-रू. अदा कर वाहन ले जाने को कहा गया था, किंतु आवेदक वाहन वारंटी अवधि में होने के कारण रकम पटाने को तैयार नहीं था, जबकि  वाहन का दुर्घटना में क्षतिग्रस्‍त होना वारंटी में शामिल नहीं होता। आगे उसने आवेदक द्वारा अनावश्‍यक रूप से यह परिवाद पेश करना बताया है और उसे निरस्‍त किए जाने का निवेदन किया है  ।

4. अनावेदक क्रमांक 2 पृथक से जवाब दावा पेश कर प्रश्‍नाधीन वाहन को सुसंगत समय अपने यहॉं बीमित होना स्‍वीकार किया, साथ ही कहा है कि दुर्घटना की सूचना प्राप्‍त होने पर उसके द्वारा गगन चोपडा को सर्वेयर नियुक्‍त किया गया, जिसने दिनांक 03/07/2014 को रिपोर्ट पेश करते हुए वाहन क्षति का मूल्‍यांकन 1,15,213/-रू. में किया, जिस राशि के भुगतान की जिम्‍मेदारी उन पर बनती है । आगे उसने वाहन मरम्‍मत व्‍यय के संपूर्ण जिम्‍मेदारी से इंकार किया और आवेदक के परिवाद को निरस्‍त किए जाने का निवेदन किया ।

5. उभय पक्ष अधिवक्‍ता का तर्क सुन लिया गया है । प्रकरण का अवलोकन किया गया ।

6. देखना यह है कि क्‍या आवेदक, अनावेदकगण से वांछित अनुतोष प्राप्‍त करने का अधिकारी है  \

                      सकारण निष्‍कर्ष

7.  इस संबंध में कोई विवाद नहीं कि आवेदक  दिनांक 12/02/2014 को अनावेदक क्रमांक 1 के संस्‍थान से फोर्ड फिगो वाहन क्रमांक सी.जी.15 सी.आर. 7513 क्रय किया था, जो अनावेदक क्रमांक 2 बीमा कंपनी के पास दिनांक 22.02.2014 से 21/02/2014 तक की अवधि के लिए बीमित था । उक्‍त बीमा अवधि में दिनांक 30/03/2014 को प्रश्‍नाधीन वाहन के दुर्घटनाग्रस्‍त होने का तथ्‍य भी मामले में विवादित नहीं है । यह भी विवादित नहीं कि अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा  आवेदक को सुधार व्‍यय की राशि 1,70,000/-रू. बताते हुए उसमें से अनावेदक क्रमांक 2 बीमा कंपनी द्वारा दी जाने वाली रकम 1,12,000/-रू. कम कर शेष रकम 58,000/-रू. अदा कर वाहन ले जाने को कहा गया था ।

 8. आवेदक का कथन है कि प्रश्‍नाधीन वाहन अनावेदक क्रमांक 2 के यहॉं बीमित था, साथ ही वाहन  वारंटी अवधि में था,  इसलिए दुर्घटनाग्रस्‍त वाहन को ठीक करने की संपूर्ण जिम्‍मेदारी अनावेदकगण की थी, किंतु इस संबंध में आवेदक की ओर से ऐसा कोई विधिक प्रावधान पेश नहीं किया गया है, जिससे दर्शित हो कि वारंटी अवधि में दुर्घटना में क्षतिग्रस्‍त वाहन को दुरूस्‍त करने की पूर्ण जिम्‍मेदारी अनावेदकगण पर माना जा सके, फलस्‍वरूप इस संबंध में आवेदक का यह कथन स्‍वीकार किए जाने योग्‍य नहीं पाया जाता कि वारंटी अवधि  में दुर्घटनाग्रस्‍त वाहन को ठीक करने की संपूर्ण जिम्‍मेदारी अनावेदकगण की थी ।

9. आवेदक यद्यपि अपने परिवाद में यह भी उल्‍लेख किया है कि अनावेदक क्रमांक 1 उसके वाहन में कई पार्ट बिना किसी कारण के बदल दिया । साथ ही यह भी कहा गया है कि उन पार्ट के स्‍थान पर अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा पुराने पार्ट लगा दिया गया, किंतु इस तथ्‍य को प्रमाणित करने के लिए भी आवेदक की ओर से कोई साक्ष्‍य अथवा प्रमाण पेश नहीं किया गया है ।

10. अनावेदक क्रमांक 2 बीमा कंपनी द्वारा पेश जवाब एवं प्रस्‍तुत सर्वेयर रिपोर्ट से यह प्रकट होता है कि दुर्घटना की सूचना प्राप्‍त होने पर उनके द्वारा गगन चोपडा को सर्वेयर नियुक्‍त किया गया था, जिसने दिनांक 03/07/2014 को अपना रिपोर्ट पेश करते हुए दुर्घटना में  वाहन की क्षति का मूल्‍यांकन 1,15,213/-रू. किया था, आवेदक की ओर से उक्‍त सर्वे रिपोर्ट को खंडित करने के लिए अन्‍य कोई सर्वेयर रिपोर्ट  पेश नहीं किया गया है, अत: उस पर अविश्‍वास करने का कोई कारण नहीं पाया जाता ।

11. उपरोक्‍त कारणों से हम इस निष्‍कर्ष पर पहुंचते है कि आवेदक दुर्घटना में अपने वाहन की क्षति के लिए अनावेदक क्रमांक 2 बीमा कंपनी से सर्वे रिपोर्ट के अनुसार राशि प्राप्‍त करने का अधिकारी है तदानुसार प्रकरण में निम्‍नांकित आदेश पारित किया जाता है:- 

. अनावेदक क्रमांक 2 बीमा कंपनी, आवेदक को आदेश दिनांक से एक माह की अवधि के भीतर सर्वे रिपोर्ट के अनुसार  1,15,213/-रू. (एक लाख पंद्रह हजार दो सौ तेरह रूपये) अदा करेगा  ।

. इसके अलावा आवेदक प्रश्‍नाधीन मामले में अन्‍य कोई अनुतोष प्राप्‍त करने का अधिकारी नहीं  । 

स. उभय पक्ष अपना अपना वादव्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे । आदेश पारित 

 

                                          (अशोक कुमार पाठक)                              (प्रमोद वर्मा)

                                                          अध्‍यक्ष                                      सदस्‍य

 
 
[HON'BLE MR. ASHOK KUMAR PATHAK]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. PRAMOD KUMAR VARMA]
MEMBER

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