जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या:-823/2020 उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-06.11.2020
परिवाद के निर्णय की तारीख:-03.07.2023
श्रीमती गायत्री जोशी पत्नी श्री कृष्ण चन्द्र जोशी, निवासिनी ब्वायज हास्टल के सामने, मटियारी, चिनहट, लखनऊ। ...........परिवादिनी।
बनाम
1. सिग्मा आई0टी0सुपर स्टोर (पी) लि0 निकट बसन्त सिनेमा, बिल्डिंग नाजा मार्केट लालबाग, लखनऊ-226001 द्वारा प्रोपराइटर/सक्षम अधिकारी।
2. एच0पी0 कम्प्यूटर सर्विस सेन्टर, पेपर मिल कालोनी, मेट्रोसिटी के आगे टावर वाली बिल्डिंग, निशातगंज, लखनऊ, द्वारा प्रबन्धक।
3. सेवेक्स (Savex) टेक्नोलाजीज प्रा0लि0, सी-64, ट्रान्सपोर्ट नगर स्कीम कार्ड, हिन्द नगर, लखनऊ।
4. एच0पी0 इण्डिया सेल्स प्राइवेट लिमिटेड, 24 सालार पुरिया (SALAR PURIA ARENA) अरेना होसर (Hosur) मेन रोड, अदुगोडी (Audugodi), बंग्लौर-530030 द्वारा प्रबन्ध निदेशक/सक्षम अधिकारी। ...........विपक्षीगण।
परिवादी के अधिवक्ता का नाम:-श्री इश्तिखार हसन।
विपक्षी के अधिवक्ता का नाम:-कोई नहीं।
आदेश द्वारा-श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
निर्णय
1. परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत परिवाद अन्तर्गत धारा 35 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत विपक्षीगण से लैपटाप की कीमत 41,500.00 रूपये मय ब्याज 18 प्रतिशत लैपटाप क्रय किये जाने की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक संयुक्त रूप से अथवा एकल रूप से, मानसिक, शारीरिक कष्ट एवं आर्थिक क्षति हेतु 5,000.00 रूपया, एवं वाद व्यय के रूप में 3,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया गया है।
2. संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादिनी ने अपने पुत्र की पढ़ाई एवं परीक्षा के लिये विपक्षी संख्या 01 के यहॉं से एक लैपटाप 134844 HP0000 NBC13-1005 G1-4 GB/ITB/W10-15. 06-155 DU2009TU3R495 PA 12008330, CND03244JF दिनॉंक 27.08.2020 को कुल 41,500.00 रूपये में क्रय किया गया। उक्त लैपटाप क्रय किये जाने के उपरान्त उपभोग आरम्भ करने के पहले दिन से ही सही प्रकार से कार्य नहीं किया जिसकी शिकायत परिवादिनी ने विपक्षी संख्या 01 से की। विपक्षी संख्या 01 ने उक्त लैपटाप सही कराने के लिये अपने पास रखकर दूसरे दिन यह कहते हुए लौटाया था कि अब यह सही प्रकार से कार्य करेगा, इसमें दोबारा साफ्टवेयर इंस्टाल करा दिया गया है।
3 उक्त लैपटाप आरम्भ से ही बहुत ज्यादा गर्म हो जाता है, बैटरी बैकअप भी नहीं है, पढ़ाई शुरू किए जाते समय 90 प्रतिशत चार्जिंग दर्शित करता है, परन्तु अचानक 20 प्रतिशत बैटरी की चार्जिंग दर्शित करने लगता है। साथ ही पढ़ाई के समय मीटिंग के दौरान स्क्रीन भी चली जाती है और लैपटाप सही प्रकार से कार्य नहीं करता है। लैपटाप की खराबी के कारण परिवादिनी के बच्चे की पढ़ाई काफी बाधित हुई तथा परिवादिनी विपक्षी संख्या 01 के यहॉं बार-बार दौड़ती रही। विपक्षी संख्या 01 द्वारा कहा गया आप इसे सर्विस सेन्टर पर दिखलाइये।
4. परिवादिनी ने प्रश्नगत लैपटाप की समस्या दूर किऐ जाने हेतु विपक्षी संख्या 04 के सर्विस सेन्टर, विपक्षी संख्या 02 का पता लगाया तथा दिनॉंक 01.10.2020 को पहुँच पायी, वहॉं तक जाने में परिवादिनी का 500.00 रूपये व्यय हुआ। विपक्षी संख्या 02 के यहॉं विजिट के दौरान प्रश्नगत लैपटाप जमा कराया गया, परन्तु उक्त समस्या क्यों आ रही थी तथा वह कब तक ठीक हो जाएगा कुछ नहीं बताया गया।
5. परिवादिनी के पुत्र की परीक्षा दिनॉंक 05.10.2020 से आरम्भ होनी थी, परन्तु बच्चे की पढ़ाई एवं परीक्षा सुचारू रूप से हो सके इसलिए उक्त लैपटाप क्रय किया गया था। परन्तु विपक्षीगण द्वारा त्रुटिपूर्ण/खराब लैपटाप दिए जाने के कारण परिवादिनी के बच्चे की पढ़ाई एवं उसकी परीक्षा दोनों बुरी तरह से प्रभावित हो गये। जिससे परिवादी एवं उसके बच्चे को काफी घोर मानसिक, शारीरिक कष्ट के साथ-साथ आर्थिक क्षति भी उठानी पड़ी।
6. परिवाद का नोटिस विपक्षीगण को भेजा गया, परन्तु विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ और न ही कोई उत्तर पत्र दाखिल किया गया। अत: विपक्षीगण के विरूद्ध दिनॉंक 10.05.2022 को एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी। केवल विपक्षी संख्या 03 का उत्तर पत्र डाक द्वारा प्राप्त हुआ है। विपक्षी संख्या 03 द्वारा कथन किया गया है कि प्रश्नगत परिवाद में उसकी कोई भूमिका नहीं है। अत: उसे परिवाद से हटा दिया जाए।
7. परिवादिनी ने अपने परिवाद के समर्थन में मौखिक साक्ष्य के रूप में शपथ पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में लैपटाप क्रय किये जाने की रसीद, विपक्षी संख्या 02 द्वारा जारी जाबकार्ड, आदि दाखिल किये गये हैं।
8. मैंने परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया।
9. परिवादिनी ने कोरोना पीरियड में विपक्षी संख्या 01 से दिनॉंक 27.08.2020 को 41,500.00 रूपये में एक लैपटाप क्रय किया था। लैपटाप में शुरू से ही समस्याऍं आने लगी। प्रथम बार विपक्षी संख्या 01 ने लैपटाप ठीक करके इस आशय से लौटाया कि साफ्टवेयर इंस्टाल कर दिया गया है, अब ठीक से काम करेगा। परन्तु वह ठीक से काम नहीं कर रहा था। परिवादिनी ने विपक्षी संख्या 01 से बार-बार अनुरोध किया कि लैपटाप सही करा दें, जिसकी वजह से बच्चे की पढ़ाई गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है। परन्तु विपक्षी संख्या 01 ने लैपटाप सही नहीं कराया।
10. अंत में थक हारकर परिवादिनी द्वारा विपक्षी संख्या 02 (सर्विस सेन्टर) पर दिनॉंक 01.10.2020 को लैपटाप मरम्मत हेतु जमा किया गया। विपक्षी संख्या 02 ने मरम्मत करके लैपटाप लौटाने की न तो कोई निर्धारित तिथि बतायी और न ही जो समस्याऍं लैपटाप में आ रही थी उसके बारे में अवगत कराया। परिवादिनी ने अवगत भी कराया कि दिनॉंक 05.10.2020 से उसके पुत्र की परीक्षा आरंभ होनी थी इसलिये शीघ्र सही करके उसे लौटाया जाए। परन्तु विपक्षी संख्या 02 द्वारा लैपटॉप आज तक नहीं लौटाया गया और लैपटॉप आज भी सर्विस सेन्टर विपक्षी संख्या 02 के यहॉं पड़ा हुआ है।
11. यह तथ्य स्पष्ट है कि परिवादिनी द्वारा क्रय किया गया लैपटाप वारन्टी पीरियड में था। विपक्षी संख्या 01 व 02 द्वारा उक्त अवधि में लैपटाप सही चालू हालत में करके उपलब्ध नहीं कराया गया जो उनकी जिम्मेदारी थी। उनके द्वारा सेवा में निश्चित ही अत्यंत कमी की गयी है। परिवादिनी ने जिस उद्देश्य से लैपटाप क्रय किया था उसकी पूर्ति नहीं हुई। बच्चे की पढ़ाई कोरोना काल में आन लाइन ही होती थी। उसकी पढ़ाई गंभीर रूप से बाधित हुई जिसकी जिम्मेदारी विपक्षी संख्या 01 व 02 की है। आज तक लैपटाप वापस भी नहीं किया गया है। अत: परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। परिवादिनी को निर्देशित किया जाता है कि वह अपना लैपटॉप विपक्षी के यहॉं निर्णय की तिथि से 15 दिन के अन्दर उपलब्ध कराये। विपक्षी संख्या 01 व 02 को निर्देशित किया जाता है कि परिवादिनी का लैपटॉप निर्णय की दिनॉंक से 30 दिन के अन्दर पूर्णतया ठीक करके चालू हालत में परिवादिनी को उपलब्ध करायें। विपक्षी संख्या 01 व 02 को यह भी निर्देशित किया जाता है कि यदि लैपटाप की मरम्मत संभव न हो तो लैपटॉप की कीमत मुबलिग 41,500.00 (इकतालिस हजार पॉंच सौ रूपया मात्र) 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ उपरोक्त अवधि में वापस करेंगे। परिवादिनी को हुए मानसिक, शारीरिक कष्ट एवं उसके पुत्र की पढ़ाई जो प्रभावित हुई है, के लिये मुबलिग 10,000.00 (दस हजार रूपया मात्र) एवं वाद व्यय के लिये मुबलिग 10,000.00(दस हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगें। यदि निर्धारित अवधि में आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है तो उपरोक्त सम्पूर्ण धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भुगतेय होगा।
पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रार्थना पत्र निस्तारित किये जाते हैं।
निर्णय/आदेश की प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाए।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
दिनॉंक:-03.07.2023