(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1526/2006
एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, यू.पी. पावर कारपोरेशन लि0 व अन्य
बनाम
सिद्दीकी कुरेशी
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 24.05.2023
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, विगत 17 वर्षों से लम्बित है, जो इस न्यायालय के सम्मुख विद्वान जिला आयोग, द्वितीय आगरा द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 12.1.2006 के विरूद्ध योजित की गई है, जिसके द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद संख्या-125/2003 को स्वीकार करते हुए निम्नलिखित आदेश पारित किया गया :-
'' परिवाद स्वीकार किया जाता है तथा बिल दि0 8.3.02, 31.7.03 व डिमान्ड नोटिस 23.11.05 निरस्त किया जाता है तथा विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि 45 दिन के अन्दर परिवादी का कनेक्शन नियमानुसार चालू करें तथा नियमानुसार विद्युत बिल बनाकर परिवादी को दें। साथ ही परिवाद व्यय के 1000/-रूपया तथा 250/-रूपया नोटिस खर्च तथा कुल 1250/-रूपया आदेश की दिनांक से 45 दिन के भीतर अदा करें। अवहेलना करने पर उक्त धन राशि 1250/-रूपया पर 9 प्रतिशत ब्याज आदेश की दिनांक से अदा करना होगा। ''
-2-
प्रस्तुत अपील अपीलार्थीगण की अनुपस्थिति के कारण अनेकों बार विभिन्न कारणों से स्थगित की जाती रही है। आज पुन: अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता अनुपस्थित हैं। अत: विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का अनुशीलन व परिशीलन किया गया और हमारे विचार से विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश में किसी प्रकार की कोई विधिक त्रुटि नहीं है।
तदनुसार प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश का अनुपालन यदि अपीलार्थीगण द्वारा सुनिश्चित नहीं किया गया हो तो विद्युत संयोजन का कार्य एक सप्ताह की अवधि में सुनिश्चित किया जावे बाकी अन्य आदेश का अनुपालन हर दशा में 06 सप्ताह की अवधि में सुनिश्चित किया जावे।
उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थीगण द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-1