(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील सं0- 1287/2019
1. बी0एन0 कोल्ड स्टोरेज सिकन्दरा कानपुर देहात।
2. लखन बाबू कटियार (मालिक) बी0एन0 कोल्ड स्टोरेज, सिकन्दरा कानपुर देहात।
..........अपीलार्थीगण
बनाम
श्यामू सिंह पुत्र श्री महिपाल सिंह (बालिग) उम्र लगभग 35 वर्ष निवासी ग्राम सुजगवां, थाना व तहसील भोगनीपुर, जिला कानपुर देहात।
.......प्रत्यर्थी
समक्ष:-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री नीरज पालीवाल, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री एच0के0 श्रीवास्तव, विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक:- 11.04.2023
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
निर्णय
परिवाद सं0- 08/2016 श्यामू सिंह बनाम बी0एन0 कोल्ड स्टोरेज व एक अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग, कानपुर देहात द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 27.09.2019 के विरुद्ध यह अपील योजित की गई है।
जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए निम्नलिखित आदेश पारित किया है:-
‘’प्रस्तुत वाद वादी विरुद्ध विपक्षी सव्यय आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि वह दो माह के अन्दर मु0 127400/-रू0 (एक लाख सत्ताइस हजार चार सौ रूपया) आलू की कीमत तथा मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षति व वाद व्यय के एवज में मु0 10,000/-रू0 (दस हजार रू0) अदा किया जाना सुनिश्चित करे।
उपरोक्त निर्धारित अवधि में आदेश का अनुपालन न करने के स्थिति में वाद दायर करने की तिथि दिनांक 04.02.2016 से वास्तविक भुगतान की तिथि तक 7 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज देय होगा।‘’
प्रत्यर्थी/परिवादी का परिवाद पत्र में संक्षेप में कथन इस प्रकार है कि उसने दि0 27.03.2015 को अपीलार्थी/विपक्षी कोल्ड स्टोरेज में मार्का 2312 आलू बीज के लिए 96 बोरी तथा मार्का 3165 आलू 184 बोरी रखा था, जिसे कोल्ड स्टोरेज के मालिक और कर्मचारी ने बेच दिया। जब प्रत्यर्थी/परिवादी दि0 08.11.2015 को आलू वापस मांगने गया तब पता चला। विक्रीत आलू का मूल्य मांगा तो अपीलार्थी/विपक्षी टाल-मटोल करते रहे। जब दि0 25.11.2015 को अन्तिम रूप से कहा तो गालियां देते हुए भाग जाने की धमकी दी। वर्तमान में आलू बीज का भाव 600/-रू0 प्रति पैकेट अर्थात मु0 1200/-रू0 प्रति कुंतल है। कुल कीमत मु0 1,68,000/-रू0 प्रत्यर्थी/परिवादी के हड़प लिये गये हैं, जिस पर प्रत्यर्थी/परिवादी ने अपीलार्थी/विपक्षी को नोटिस भी दी, परन्तु कोई कार्यवाही नहीं की गई जिससे व्यथित होकर प्रत्यर्थी/परिवादी ने यह परिवाद प्रस्तुत किया है।
अपीलार्थी/विपक्षी का संक्षेप में कथन इस प्रकार है कि प्रत्यर्थी/परिवादी दि0 14.03.2015 को कोल्ड स्टोर आया तथा 600 पैकेट आलू रखने की बात कही और 600 बोरे वारदाना उधार मांगा, जिस पर मु0 12,600/-रू0 दिया गया। 600 बोरे रखे जाने के लिए प्रत्यर्थी/परिवादी ने बुक कराया, लेकिन केवल आलू बीज 96 बोरी और आलू 184 बोरी रखा जब कि कोल्ड स्टोर को 320 पैकेट भाड़े का नुकसान हुआ। आलू रखते समय बताया गया था कि आलू भीगा हुआ है बिगड़ी हुई हालत में है, समय-समय पर कोल्ड स्टोर आकर देखते रहना। कोल्ड स्टोर से प्राप्त आमद रसीद पर अंकित है कि दि0 31.10.2015 तक भाड़ा जमा करके आलू निकाल लें, परन्तु प्रत्यर्थी/परिवादी ने दि0 08.11.2015 को 184 पैकेट की निकासी चाही, किन्तु भाड़ा जमा नहीं किया। तत्पश्चात प्रत्यर्थी/परिवादी को अवगत कराया कि भाड़ा जमा करने पर ही आलू मिलेगा और दो-तीन दिन में पैसे की व्यवस्था करके आने के लिए कहा गया। कोल्ड स्टोरेज के कर्मचारियों ने आलू बाहर निकाल कर रख दिया और प्रत्यर्थी/परिवादी का इंतजार करते रहे। दि0 10.11.2015 को प्रत्यर्थी/परिवादी आया और 96 पैकेट आलू बाहर निकालने के लिए कहा, जिसे कर्मचारियों द्वारा निकाल दिया गया, लेकिन प्रत्यर्थी/परिवादी ने किराया जमा नहीं किया और न ही वारदाना का रकम दिया तथा दो-तीन दिन का समय लेकर चला गया। दि0 22.11.2015 को भाड़ा जमा करने और आलू उठाने नहीं आया तो उसे लिखित सूचना दी गई। चूँकि आलू काफी खराब था, इसलिए प्रत्यर्थी/परिवादी वापस नहीं आया। प्रत्यर्थी/परिवादी ने कोल्ड स्टोर का किराया भी अदा नहीं किया, जिससे बचने के लिए दावा कर दिया। अत: प्रत्यर्थी/परिवादी का दावा निरस्त किए जाने योग्य है।
हमने अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री नीरज पालीवाल तथा प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री एच0के0 श्रीवास्तव को सुना। प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का सम्यक परिशीलन किया
अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने प्रश्नगत निर्णय व आदेश के माध्यम से आलू की कीमत 1,27,400/-रू0 अदा करने हेतु आदेशित किया है जो अत्यधिक है।
प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय व आदेश उचित है।
समस्त तथ्यों एवं परिस्थितियों तथा अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता के कथन को दृष्टिगत रखते हुए पीठ इस मत की है कि जिला उपभोक्ता आयोग ने अपीलार्थीगण/विपक्षीगण द्वारा जो आलू की कीमत के रूप में 1,27,400/-रू0 प्रत्यर्थी/परिवादी को अदा करने हेतु आदेशित किया है वह अत्यधिक प्रतीत होती है, जिसे कम कर 1,00,000/-रू0 अदा करने हेतु आदेशित किया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय व आदेश परिवर्तित करते हुए अपीलार्थीगण/विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे आलू की कीमत के रूप में मु0 1,00,000/-रू0 प्रत्यर्थी/परिवादी को अदा करेंगे। प्रश्नगत शेष निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जाती है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थीगण द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जावे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना) (सुधा उपाध्याय)
अध्यक्ष सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नं0- 1