Rajasthan

Sawai Madhopur

228/2013

Krpal Chodary - Complainant(s)

Versus

Shyam Trades - Opp.Party(s)

19 Feb 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 228/2013
 
1. Krpal Chodary
Khandar Sawai Madhopur
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

                                                     जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, सवाई माधोपुर
समक्ष:-    श्री कैलाश चन्द्र शर्मा, अध्यक्ष
             श्री सौभाग्यमल जैन, सदस्य
         
परिवाद सं0:-228/2013                                                                                                     परिवाद प्रस्तुति दिनांकः- 4.4.2013
कृपाल चैधरी पुत्र बद्री लाल चैधरी जाति-जाट, निवासी-ग्राम बहरावण्डा खुर्द तहसील खण्डार जिला-सवाई माधोपुर। 
                                                                                                                                       परिवादी
विरुद्ध
1.    श्याम ट््रेडर्स छांण ग्राम छांण तहसील खण्डार जिला सवाई माधेापुर
2.    सचिव कृषि उपज मण्डी समिति सवाई माधोपुर
3.    बाट माप तोल अधिकारी जिला उधोग केन्द्र सवाई माधोपुर
                                                                                                                                       विपक्षीगण
उपस्थिति:-
1.    श्री राधेश्याम वैष्णव अधिवकता परिवादी
2.    श्री रघु बंसल अधिवक्ता विपक्षी संख्या 1
3.    श्री कमलेश गुर्जर अधिवक्ता विपक्षी संख्या2
4.    श्री सुरेन्द्र गुप्ता राजकीय अभिभाषक विपक्षी संख्या 3
द्वारा सौभाग्यमल जैन (सदस्य)                                                                                             दिनांक:-  19 फरवरी, 2015
                                                                                     नि  र्ण  य
    परिवादी ने यह परिवाद संक्षेप में इनत थ्यों के साथ प्रस्तुत किया है कि उसने दिनांक 5.2.12 को 1310 किलो यानि कि 32 मण 30 किलो मिर्च लाल विपक्षीगण को बेचने के लिए ट््रेक्टर ट््रोली में भरकर लाया। धर्मकांटे पर 32 मण 30 किलो निकली। लेकिन विपक्षीगण ने मिर्ची को पुनः पुराने लोहे के बांट से तोली तो 2 मण 10 किलो कम मानकर 463 रूपये की दर से 1031 रूपये कम दिये। उक्त मिर्ची की रकम 13658 रूपये कुल राशि में से 2 प्रतिशत काटकर 1404 रूपये कम कर दिये। बोली लगाने से पूर्व विपक्षीगण ने 20 रूपये अवैधानिक वसूली की। दिनांक 25.2.12 को पुनः 28 मण 10 किलो मिर्ची धर्मकांटे पर तुलवाने पर निकली तथा पुनः पुराने लोहे के बांटों से तोलने पर 25 मण 30 किलो निकली। विपक्षीगण का धर्मकांटा सही नहीं था। प्रार्थी की 2 मण 20 किलो कम मिर्ची बताई। 412 रूपये प्रति मण से 40 किलो के हिसाब से 1030 रूपये कम कर दिये तथा 10609 रूपये का 2 प्रतिशत राशि 1250 रूपये अवैधानिक काटकर भुगतान किया। इस प्रकार धर्मकांटे की तौल से कम तोल कर काटी गई राशि 2061 रूपये भुगतान के समय दो प्रतिशत कुल राशि में से काटी गई 483 रूपये तथा 20 रूपये अधिक वसूली कुल 2560 रूपये प्रार्थी विपक्षीगण से प्राप्त करने का अधिकारी है। परिवादी ने इसकी शिकायत विपक्षी संख्या 2 को की तो उन्होने जांच करवाकर उसी के आधार पर दोषी माना। परिवादी को 483 रूपये का कम भुगतान किया जिसका चैक राशि 483 रूपये का परिवादी को प्राप्त नहीं हुआ। परिवादी के द्वारा विपक्षीगण का बेचीे मिर्ची की कम दी गई राशि 2560 रूपये विपक्षीगण से दिलाये जाने व क्षतिपूर्ति व परिवाद व्यय दिलाने का निवेदन किया।
    विपक्षी संख्या 1 की ओर से जवाब परिवाद पेश कर कथन किया गया कि कृषि उपज मण्डी छाण में सीजन में मिर्च क्रय करता है। विपक्षी स्वयं की फर्म का नाम लिखकर पर्ची सम्बन्धित कृषक को दी जाती है। कृषक धर्मकांटे पर तोल करवाना चाहता है, वह कृषक विपक्षी फर्म के प्रतिनिधि की मौजूदगी के दौरान धर्मकांटा अथवा उसके प्रतिनिधि के हस्ताक्षर करने के पश्चात धर्मकांटे की तौल मान्य होती है। वैसे भी गिली मिर्च कांटे बांटो से टुकडों में तोली जाती है। केवल कृषक द्वारा धर्मकांटे पर की गई एकपक्षीय तोल मान्य नहीं होती है। फर्म अथवा उसके प्रतिनिधि की मौजूदगी में धर्मकांटे पर तौल होनी चाहिए। विपक्षी ने परिवादी को भुगतान के समय कोई भी राशि नही काटी। विपक्षी ने कृषि उपज मण्डी के अध्यक्ष एवं सचिव के कहने पर विवाद को अपने स्तर पर ही गांव में शान्त करने के कारण जुर्माने में कुल 683 रूपये जमा करवा दिये। क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं होने के कारण भी परिवाद खारिज किये जाने का निवेदन किया।
    विपक्षी संख्या 2 ने अपने जवाब में कथन किया है कि दिनांक 5.2.12 एवं 25.2.2012 को परिवादी द्वारा धर्मकांटे पर मिर्च की तोल को व्यापारी तथा कृषि उपज मण्डी द्वारा अधिकृत किसी भी व्यक्ति की उपस्थिति में नहीं की गई। इसलिए धर्मकांटे पर कराई गई तोल सही नहीं मानी जा सकती। परिवादी की शिकायत प्राप्त होने पर जांच में विक्रेता से 483 रूपये की वसूली कर परिवादी को 11.12.12 को चैक भेजा गया जिसे परिवादी ने लेने से मना कर दिया। परिवादी ने दिनांक 5.2.12 एवं 25.2.12 को परिवादी द्वारा व्यापारी की अनुपस्थिति में धर्मकांटे से तोल करवाई गई जिसकी शिकायत दिनांक 23.4.12 को परिवादी द्वारा शिकायत की गई। शिकायत उसी दिन करनी चाहिए थी। इस प्रकार जवाब प्रस्तुत कर परिवाद खारिज किये जाने की प्रार्थना की।
    विपक्षी संख्या 3 ने परिवाद का जवाब प्रस्तुत कर कथन किया कि परिवादी द्वारा लगभग 3 वर्ष पूर्व  सौदा होना अंकन किया है। विपक्षी संख्या 3 के समक्ष उसी समय शिकायत करनी चाहिए थी। बिना कारण व बिना आरेाप के मन विपक्षी सं.3 को पक्षकार बनाया है जो अनुचित है। परिवादी से उचित हर्जा खर्चा मुआवजा दिलाया जावे व परिवाद विरूद्व विपक्षी सं.3 के खारिज किया जावे।
    परिवादी ने परिवाद के समर्थन में स्वयं का शपथ पत्र व दस्तावेजी साक्ष्य में रसीद धर्मकांटा 25.2.12, की फोटो प्रति पेश की है।विपक्षीगण ने जवाब के समर्थन में शपथ पत्र पेश किये है। विपक्षी संख्या 1 ने रसीद दिनांकित 11.12.12 व तथ्यात्मक टिप्पणी व पत्र दिनांकित 11.12.12 की फोटो प्रति पेश की है।
    बहस उभय पक्षकारान की सुनी गई । पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।
    प्रस्तुत प्रकरण में कृषि सचिव द्वारा जांच में श्याम ट््रेडर्स छांण को दोषी मानते हुये 483 रूपये देने के आदेश दिये थे। विपक्षीगण ने पालना करते हुये 483 रूपये का चैक भिजवाया था। लेकिन परिवादी को आज दिन तक नहीं मिला है और न ही प्राप्त किया। इससे यह प्रतित होता है कि विपक्षीगण द्वारा परिवादी के साथ उसकी जीन्स मिर्च की तुलाई में गडबडी की गई है। जो कि विपक्षीगण की दोषपूर्ण सेवा की श्रेणी में आता है। परिवादी को विपक्षी संख्या 1 व 2 से मिर्च की तोल की राशि में कम दिये कुल 2560 रूपये दिलाये जाना उचित समझते है।
आदेश
    अतः परिवाद परिवादी विरूद्व विपक्षी संख्या 1 व 2 के विरूद्व स्वीकार किया जाकर आदेश दिया जाता है कि परिवादी को मिर्च की तोल की राशि में कम दिये रूपये 2560 दिलाये जाने का आदेश दिया जाता है। साथ ही परिवाद व्यय के 1500 रूपये पृथक से दिलाये जाने के आदेश प्रदान किये जाते है। निर्णय की पालना क लिए आज से एक माह का समय दिया जाता  है। विपक्षी सं.1व2 संयुक्त अथवा पृथक पृथक उक्त कुल राशि का डी डी या चैक के जरिये परिवादी के रिहायशी पते पर जरिये रजिस्टर्ड डाक से प्रेषित किया जावे।

सौभाग्यमल जैन                                                                                                                                            कैलाश चन्द्र शर्मा
      सदस्य                                                                                                                                                        अध्यक्ष   

                                                   निर्णय आज दिनांक 19.02.2015 को खुले मंच में सुनाया गया।

सौभाग्यमल जैन                                                                                                                                            कैलाश चन्द्र शर्मा
सदस्य                                                                                                                                                              अध्यक्ष
  

 

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