Uttar Pradesh

StateCommission

A/2014/135

I C I C I Lombard General Insurance - Complainant(s)

Versus

Shyam Sunder Goshwami - Opp.Party(s)

Prasoon Kumar Rai

19 Sep 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2014/135
( Date of Filing : 20 Jan 2014 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. I C I C I Lombard General Insurance
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Shyam Sunder Goshwami
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 19 Sep 2022
Final Order / Judgement

                                  (मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

 

अपील सं0- 135/2014

आई0सी0आई0सी0आई0 लोम्‍बार्ड जनरल इंश्‍योरेंस कं0लि0 व एक अन्‍य।                                           

                                         .........अपीलार्थीगण

                   बनाम

श्‍याम सुन्‍दर गोस्‍वामी।                                             

                                          ............प्रत्‍यर्थी                                             

                                      

समक्ष:-

   माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

   माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

 

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित  : श्री प्रसून कुमार राय,

                              विद्वान अधिवक्‍ता।                              

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित       : श्री नवीन कुमार तिवारी,

                                विद्वान अधिवक्‍ता।

                     

दिनांक:- 19.09.2022

माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य द्वारा उद्घोषित

 

निर्णय

1.        परिवाद सं0- 208/2007 श्‍याम सुन्‍दर गोस्‍वामी बनाम आई0सी0आई0सी0आई0 लोम्‍बार्ड जनरल इंश्‍योरेंस कं0लि0 व एक  अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता आयोग, मथुरा द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 06.12.2013 के विरुद्ध यह अपील धारा 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अंतर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष इन आधारों पर प्रस्‍तुत की गई है कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने वाहन का व्‍यावसायिक प्रयोग किए जाने के बावजूद दुर्घटना बीमा राशि अदा करने का आदेश दिया है, साथ ही सर्वेयर द्वारा आंकलित राशि से अधिक राशि दिलाया है जो उचित नहीं है।  

2.        हमने अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री प्रसून कुमार राय और प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री नवीन कुमार तिवारी को सुना प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का सम्‍यक परिशीलन किया।

3.        अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग का यह निष्‍कर्ष विधिसम्‍मत नहीं है कि वाहन का व्‍यावसायिक प्रयोग नहीं किया जा रहा था, क्‍योंकि स्‍वयं वाहन स्‍वामी ने लिखित में यह स्‍वीकार किया है कि वाहन का व्‍यावसायिक प्रयोग किया जा रहा था। उन्‍होंने इस पीठ का ध्‍यान एनेक्‍जर सं0- 3 की ओर आकर्षित किया है। इस दस्‍तावेज में जहां पर 2006 में आत्‍मा राम मोटर्स आगरा से सिल्‍वर रंग की बुलेरो व्‍यावसायिक प्रयोग के लिए ली थी जिसे मैं स्‍वयं चलाता था अंकित है वहीं पर यह भी स्‍पष्‍ट किया गया है कि वह अपने पांच साथियों के साथ इलाहाबाद कुम्‍भ से मथुरा वापस आ रहा था तथा अचानक सामने गाय आ गई और गाय को बचाते समय गाड़ी असंतुलित होकर डिवाइडर से टकरा कर क्षतिग्रस्‍त हो गई। वाहन में बैठे सवारियों से नकद धनराशि वसूलने का कोई सुबूत सर्वेयर द्वारा स्‍पष्‍ट नहीं किया गया है। इसलिए इस निष्‍कर्ष में हस्‍तक्षेप नहीं किया जा सकता है कि वाहन का संव्‍यवहार व्‍यावसायिक है।

4.        अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता का यह भी तर्क है कि सर्वेयर द्वारा रू013155.10पैसे क्षति का आंकलन किया गया है। इसलिए इस राशि से अधिक राशि बतौर प्रतिकर नहीं दिलायी जा सकती है।

5.        प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि अंकन 44,000/-रू0 चेसिस की मरम्‍मत में खर्च हुए। इस राशि को क्षतिपूर्ति की राशि में शामिल नहीं किया गया है। रेडिएटर की मरम्‍मत में 6,850/-रू0 खर्च हुए हैं। इस प्रकार यह क्षति दुर्घटना के कारण होना सम्‍भव है, इसलिए न्‍यूनतम दोनों खर्च शामिल किया जाना चाहिए। यह पीठ भी इस तर्क से सहमत है। अत: सर्वेयर द्वारा आंकलित की गई राशि 13,155/-रू0 में दोनों राशि 44,000+6,850=50,850/-रू0 शामिल करते हुए कुल धनराशि 64,005/-रू0 देय है।

6.        अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह भी तर्क किया गया 09 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से अत्‍यधिक ब्‍याज लगाया गया है। प्रस्‍तुत केस में 08 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्‍याज दिलाया जाना उचित है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

आदेश

7.        अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि अपीलार्थीगण/विपक्षीगण, प्रत्‍यर्थी/परिवादी को क्षतिपूर्ति के रूप में कुल 64,005/-रू0 तथा इस राशि पर परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से अदायगी की तिथि तक ब्‍याज दर 09 प्रतिशत प्रतिवर्ष के स्‍थान पर ब्‍याज दर 08 प्रतिशत प्रतिवर्ष देय होगी। शेष निर्णय की पुष्टि की जाती है।  

           

     अपील में धारा 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अपीलार्थीगण द्वारा जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित इस निर्णय व आदेश के अनुसार जिला उपभोक्‍ता आयोग को निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए। 

          आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय व आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।  

 

   (विकास सक्‍सेना)                         (सुशील कुमार)

             सदस्‍य                                  सदस्‍य                                   

शेर सिंह, आशु0,

कोर्ट नं0- 3

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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