Uttar Pradesh

StateCommission

A/1307/2016

Allahabad Bank - Complainant(s)

Versus

Shyam Kumar Verma - Opp.Party(s)

Avadhesh Shukla

23 Feb 2021

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1307/2016
( Date of Filing : 29 Jun 2016 )
(Arisen out of Order Dated 20/05/2016 in Case No. C/11/2010 of District Etawah)
 
1. Allahabad Bank
Etawah Branch Through its Senior Branch Manager Etawah
...........Appellant(s)
Versus
1. Shyam Kumar Verma
R/O Professors Colony Pucca Talab Distt. Etawah
...........Respondent(s)
First Appeal No. A/1214/2016
( Date of Filing : 16 Jun 2016 )
(Arisen out of Order Dated 20/05/2016 in Case No. C/11/2010 of District Etawah)
 
1. Shyam Kumar Verma
Etawah
...........Appellant(s)
Versus
1. Allahabad Bank
Etawah
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. Gobardhan Yadav MEMBER
 HON'BLE MR. Rajendra Singh JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 23 Feb 2021
Final Order / Judgement

सुरक्षित

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ

 

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, इटावा द्वारा परिवाद संख्‍या 11 सन 2010 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 20.05.2016  के विरूद्ध)

 

अपील संख्‍या  1214 सन 2016

श्‍याम कुमार वर्मा पुत्र श्री राजाराम वर्मा, निवासी प्रोफेसर कालोनी, पक्‍का तालाब, जिला, इटावा ।

                                                  .......अपीलार्थी/परिवादी

-बनाम-

 

इलाहाबाद बैंक, द्वारा सीनि0 मैनेजर, शाखा आफिस जिला इटावा ।

. .........प्रत्‍यर्थी/विपक्षी

एवं

 

अपील संख्‍या  1307 सन 2016

इलाहाबाद बैंक, द्वारा सीनि0 मैनेजर, शाखा आफिस जिला इटावा ।

. .........अपीलार्थी/विपक्षी

-बनाम-

श्‍याम कुमार वर्मा पुत्र श्री राजाराम वर्मा, निवासी प्रोफेसर कालोनी, पक्‍का तालाब, जिला, इटावा ।

                                                    ......प्रत्‍यर्थी/परिवादी

 

 

 

समक्ष:-

मा 0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

मा0   श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्‍य ।

मा0    श्री राजेन्‍द्र सिंह,  सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता  -  श्री उमेश कुमार शर्मा।

प्रत्‍यर्थी   की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता  -  श्री अवधेश शुक्‍ला।

 

दिनांक:-10-03-21

 

श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्‍य  द्वारा उद्घोषित

निर्णय

 

      प्रस्‍तुत अपीले, जिला उपभोक्‍ता आयोग, इटावा द्वारा परिवाद संख्‍या 11 सन 2010 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 20.05.2016  के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयीं है । चूंकि उभय अपीलें एक ही निर्णय के विरूद्ध उभय पक्षों द्वारा योजित की गयी हैं, अत: उभय अपीलों का निस्‍तारण एक साथ किया जा रहा है।

      संक्षेप में, प्रकरण के आवश्‍यक तथ्‍य इस प्रकार हैं परिवादी का बचत खाता संख्‍या 20487306456 विपक्षी बैंक में संचालित है। परिवादी का कथन है कि बैंक द्वारा उसे चेक‍बुक जारी की गयी थी जिसमें 313301 से 313310 तक चेक उपलब्‍ध थे। उक्‍त चेक बुक से 313309 नम्‍बर की चेक कहीं गुम हो गयी, जिसकी सूचना परिवादी ने दिनांक 31.08.2006 को बैंक को देकर चेक का स्‍टाप पेमेंट करा दिया फिर भी उक्‍त चेक के माध्‍यम से राजेश कुमार नाम के व्‍यक्ति द्वारा 65000.00 रू0 परिवादी के खाते से निकाल लिए गए, जिसे बैंक की सेवा में कमी मानते हुए जिला मंच के समक्ष परिवाद योजित किया गया ।

      विपक्षी इलाहाबाद बैंक की ओर से जिला मंच के समक्ष अपना वादोत्‍तर प्रस्‍तुत कर उल्लिखित किया गया कि 65000.00 रू0 की चेक संख्‍या 313309 परिवादी ने हस्‍ताक्षरित की थी जिसका भुगतान दिनांक 21.01.09 को बैंक द्वारा किया गया है। इस चेक के गायब होने की सूचना परिवादी ने भुगतान के दिन तक बैंक को नहीं दी थी, इसलिए बैंक द्वारा भुगतान किया गया। इसमें बैंक द्वारा कोई लापरवाही नहीं की गयी है।

      जिला मंच ने उभय पक्ष के साक्ष्‍य एवं अभिवचनों के आधार पर यह अवधारित करते हुए कि चेक खोने की सूचना बैंक में प्राप्‍त नहीं करायी गयी और बैंक ने विवादित चेक पर उपलब्‍ध हस्‍ताक्षर से परिवादी के हस्‍ताक्षर का समुचित मिलान न करते हुए लापरवाही करके 65000.00 रू0 का भुगतान राजेश कुमार नामक व्‍यक्ति को किया, ऐसी दशा में दोनों पक्ष लापरवाही के लिए उत्‍तरदायी हैं और आधी धनराशि परिवादी को बैंक से दिलाया जाना न्‍यायोचित होगा, शेष आधी धनराशि परिवादी स्‍वयं वहन करे तथा खर्चा मुकदमा और मानसिक कष्‍ट दोनों पक्ष वहन करेंगे, निम्‍न आदेश पारित किया :-

      '' परिवादी विपक्षी बैंक के विरूद्ध 32500.00 रू0 की वसूली हेतु स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी बैंक को आदेशित किया जाता है कि वह यह धनराशि निर्णय के एक माह में परिवादी को अदा करे। ऐसा न करने की स्थिति में इस अवधि के उपरांत वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक 07 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज भी देना होगा। ''

      उक्‍त आदेश से क्षुब्‍ध होकर प्रस्‍तुत अपील खाता धारक श्‍याम कुमार वर्मा द्वारा शेष धनराशि मु0 32500.00 रू0 बैंक से और दिलवाने तथा इलाहाबाद बैंक ने विद्वान जिला मंच द्वारा आदेशित देय आधी धनराशि के विरूद्ध अपील योजित की है।

      अपील के आधारों में कहा गया है कि जिला आयोग का निर्णय साक्ष्‍य एवं विधि के विरूद्ध है और दोषपूर्ण है। अपील स्‍वीकार कर जिला आयोग का निर्णय व आदेश समाप्‍त किया जाए ।

      हमने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्क विस्‍तारपूर्वक सुने एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍यों का सम्‍यक अवलोकन किया।

      प्रस्‍तुत प्रकरण में बचत खाता धारक श्री श्‍याम कुमार वर्मा का तर्क है कि चेक खोने की सूचना उसने बैंक के कर्मचारी को उपलब्‍ध करा दी थी हालांकि सूचना देने वाले प्रपत्र पर बैंक के किसी कर्मचारी के न तो हस्‍ताक्षर हैं और न बैंक की मोहर आदि ही लगी हुयी है जिसके संबंध में इलाहाबाद बैंक के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है प्रश्‍नगत प्रपत्र कूटरचित है और खाता धारक द्वारा मुकदमें को रंगत देने के लिए तैयार किया गया है।

      हमारे अभिमत से यदि यह मान भी लिया जाए कि प्रश्‍नगत चेक खोने की सूचना खाता धारक द्वारा बैंक को समय से उपलब्‍ध नहीं करायी गयी थी तब भी बैंक का यह दायित्‍व था कि वह चेक पर खाता धारक के हस्‍ताक्षरों का विधिवत मिलान करके धनराशि का भुगतान करते। इस संबंध में विद्वान जिला मंच ने भी अपने विवेच्‍य निर्णय में यह अवधारित किया है कि चेक संख्‍या 313309 पर परिवादी श्‍याम कुमार वर्मा के हस्‍ताक्षर नहीं हैं क्‍योंकि स्‍वीकृति और विवादित हस्‍ताक्षरों में पेन प्रेशर, फ्लो, अक्षरों की बनावट में भारी अन्‍तर है ।

      पत्रावली में उपलब्‍ध साक्ष्‍य एवं अभिलेख का भलीभांति परिशीलन करने के पश्‍चात हम यह पाते हैं कि जिला मंच द्वारा साक्ष्‍यों की पूर्ण विवेचना करते हुए प्रश्‍नगत परिवाद में विवेच्‍य निर्णय पारित किया है, परन्‍तु विद्वान जिला मंच द्वारा प्रश्‍नगत चेक खोने की सूचना बैंक में प्राप्‍त न कराने के आधार पर चेक के माध्‍यम से निकाली गयी धनराशि मु0 65000.00 की आधी रकम मु0 32,500.00 रू0 परिवादी को देने का आदेश पारित कर भूल कारित की है। हमारे अभिमत से चेक पर खाता धारक के हस्‍ताक्षरों का विधिवत मिलान न करने और चेक की धनराशि किसी अन्‍य व्‍यक्ति को उपलब्‍ध कराकर बैंक द्वारा सेवा में कमी की गयी है अत: परिवादी अपनी पूरी धनराशि मु0 65000.00 रू0 बैंक से पाने का अधिकारी है। अपीलार्थी इलाहाबाद बैंक उक्‍त धनराशि अनुचित ढंग से प्राप्‍त कर्ता राजेश कुमार से वसूल करने के लिए स्‍वतंत्र है।

   परिणामत:, अपील संख्‍या 1214 सन 2016 स्‍वीकार होने तथा अपील संख्‍या  1307 सन 2016 निरस्‍त होने योग्‍य है।           

आदेश

 

            जिला उपभोक्‍ता आयोग, इटावा द्वारा परिवाद संख्‍या 11 सन 2010 में पारित  प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश में आंशिक संशोधन करते हुए आदेशित किया जाता है कि परिवादी इलाहाबाद बैंक से प्रश्‍नगत चेक की पूर्ण धनराशि मु0 65000.00 रू0 मय 07 (सात) प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज सहित जिला मंच द्वारा पारित निर्णय दिनांक 20.05.2016 से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक पाने का अधिकारी होगा। आदेश का अनुपालन अन्‍दर दो माह हो ।

      इलाहाबाद बैंक द्वारा प्रस्‍तुत अपील संख्‍या 1307 सन 2016 निरस्‍त की जाती है। इलाहाबाद बैंक, उक्‍त धनराशि को अनुचित ढंग से प्राप्‍तकर्ता राजेश कुमार से वसूल करने के लिए स्‍वतंत्र है।

उभय पक्ष इस अपील का अपना अपना व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

        इस निर्णय की एक प्रति अपील संख्‍या 1307 सन 2016 की पत्रावली पर रखी जाए ।

धारा 15, उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत अपील में जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित जिला फोरम को इस निर्णय के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाएगी ।

 

 

(राजेन्‍द्र सिंह)                  (गोवर्धन यादव)        (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

 सदस्‍य                             सदस्‍य                  अध्‍यक्ष

 

 सुबोल&ih0,0

  कोर्ट नं0-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Gobardhan Yadav]
MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
JUDICIAL MEMBER
 

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