जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या
उपभोक्ता वाद संख्या-735/2011
विनोद कुमार त्रिवेदी उम्र 62 वर्श लगभग पुत्र स्व0 माता प्रसाद त्रिवेदी निवासी एच.आई.जी. 95 माधवपुरम दि आई.आई.टी. सोसाइटी कल्यानपुर, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
ष्याम किषोर गुप्ता पुत्र स्व0 नगीना प्रसाद गुप्ता प्रोपराइटर एवं गवर्नमेंट कान्ट्रक्टर एवं जनरल आर्डर सप्लायर्स एस.पी. इन्टरप्राइजेज निवासी एल.आई.जी. 27 बर्रा-4, कानपुर नगर।
...........विपक्षी
परिवाद दाखिला तिथिः 28.11.2011
निर्णय तिथिः 25.03.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःएकपक्षीय निर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षी से परिवादी के निर्माण में की गयी त्रुटियों के नुकसान हेतु रू0 2,02,000.00 एवं सेवा षर्तों का समुचित पालन न करने तथा भवन की आयु कम होने के कारण क्षतिपूर्ति रू0 2,00,000.00 व षारीरिक, मानसिक, भागदौड़ व मुकद्मा खर्चा आदि की क्षतिपूर्ति हेतु रू0 98,000.00 कुल रू0 5,00,000.00 मय बाजारी दर विपक्षी से परिवादी को दिलायी जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने विपक्षी से अपने आवासीय प्लाट सं0-27 एल.आई.जी. बर्रा-4 कानपुरनगर क्षेत्रफल 237 वर्गगज पर बमुताबिक नक्षा निर्माण कराये जाने हेतु दिनांक 15.09.09 को रू0 580 प्रति वर्ग फुट की दर से प्लाट की नीव से लेकर समस्त निर्माण, जिसमें षोख्ता की दर रू0 400.00 प्रति वर्गफिट, रू0 300.00 प्रति वर्गफिट किचेन टाप, रू0 150.00 प्रति वर्गफिट षो केस
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अलमारी आदि निर्धारित करके विपक्षी के साथ एग्रीमेंट निश्पादित किया गया था। भवन को पूर्णरूपेण निर्मित करके विपक्षी को देना सुनिष्चित हुआ था तथा उसी दिन संपूर्ण भुगतान रू0 31,95,930.00 विपक्षी ने प्राप्त कर लिया था, जिसकी पावती भी विपक्षी ने परिवादी को दी थी। विपक्षी द्वारा प्रष्नगत भवन निर्माण दिनांक 25.09.09 से प्रारम्भ करके दिनांक 30.06.10 को समाप्त कर दिया और उसकी ताली चाभी भी परिवादी को प्रदान की गयी थी। किन्तु परिवादी द्वारा निरीक्षणोपरान्त यह पाया गया कि मेन गेट व बाउन्ड्री वाल दीवार एवं किचेन के पत्थर आदि कई जगहों से चिटके हुए है तथा संपूर्ण भवन की कोर/धार बेतरतीब एवं मकान में प्रयुक्त पुट्टी घटिया किस्म की लगी हुई है। फलस्वरूप पूरे मकान में नोना लग गया है तथा भवन की रंगाई-पुताई पपड़ी बनकर निकल रही है एवं मीटर बाक्स का दरवाजा भी निकल गया है। भवन में बरामदा, गैलरी, सीढ़ियों के पत्थर भी जगह-जगह बैठ गये हैं। पूरे मकान में नीचे की फर्ष क्रेक हो चुकी है। भवन की चौखटों का पत्थर एवं प्लास्टर भी निकल रहा है तथा जगह-जगह पाइप लाइन लीकेज होने के कारण बाथरूम, आंगन संपूर्ण भवन में षीलन है। इस प्रकार संपूर्ण मकान में तमाम कमियां बनी हुई हैं। विपक्षी बावजूद वार्ता दूरभाश एवं विधिक नोटिस, अनुस्मारक नोटिस दिनांक 29.08.11 प्रष्नगत त्रुटियों को ठीक नहीं कराया गया। प्रष्नगत भवन का निरीक्षण श्री एस0एस0 दास एसोसिएट इंजीनियर, वैलुअर से कराया तो उन्होंने निरीक्षण करने के उपरान्त रू0 2,02,000.00 की क्षति की रिपोर्ट दी और भवन की आयु भ काफी कम बतायी गयी है। जिसकी क्षतिपूर्ति हेतु रू0 2,00,000.00 एवं सामाजिक, षारीरिक, मानसिक एवं भागदौड़ हेतु कम से कम रू0 98,000.00 परिवादी विपक्षी से प्राप्त करने का अधिकारी है। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आया। अतः विपक्षी पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 10.07.13 को विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
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परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 06.09.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची के साथ संलग्न कागज सं0-1/1 लगायत् 1/16 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
निष्कर्श
5. फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों एवं प्रस्तुत लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया।
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र तथा अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये है विपक्षीगण बावजूद नोटिस तलब तकाजा कोई उपस्थित नहीं आया और न ही तो परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र व परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्र तथा प्रस्तुत उपरोक्त प्रलेखीय साक्ष्यों का खण्डन किया गया है। अतः ऐसी दषा में परिवादी की ओर से प्रस्तुत षपथपत्र व प्रलेखीय साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्य अखण्डनीय हैं। परिवादी की ओर से सूची के साथ प्रस्तुत कागज सं0-1/13 लगायत् 1/15, एस.एस. दास एण्ड एसोसिएट वैलुअर की निरीक्षण रिपोर्ट के अवलोकन से विदित होता है कि वैलुअर द्वारा संपूर्ण भवन की कमियों को दृश्टिगत रखते हुए रू0 2,02,000.00 आंकलित किया गया है।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये कारणों से फोरम इस निश्कर्श पर पहुॅचता है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक व एकपक्षीय रूप से विपक्षी से परिवादी को वैलुअर निरीक्षण रिपार्ट के आधार पर रू0 2,02,000.00 तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी
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द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षी, परिवादी को रू0 2,02,000.00 (दो लाख दो हजार रूपये) तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय अदा करे।
( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर फोरम कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर फोरम कानपुर नगर।
परिवाद संख्या-735/2012
24.03.2017
पत्रावली आज वास्ते निर्णय नियत है। किन्तु आज सदस्या महोदया के अवकाष पर होने के कारण पत्रावली में निर्णय पारित किया जाना संभव नहीं है।
अतः पत्रावली वास्ते निर्णय दिनांक 25.03.2017 को पेष हो।
सदस्या अध्यक्ष