(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2382/2011
मैनेजिंग डायरेक्टर, मैसर्स इलेक्ट्रोलक्स केलवीनेटर लि0, ग्लोबल बिजनेस पार्क सेकण्ड फ्लोर टावर महरौली गुड़गांव रोड, गुड़गांव
बनाम
स्वदेश वर्मा, प्रोपराइटर केयर आफ मैसर्स वर्मा संचार सेवा सेकण्ड फ्लोर, लाला श्यो प्रसाद मार्केट, किनारी बाजार आगरा तथा एक अन्य
एवं
अपील संख्या-162/2011
मैसर्स राकेश सेल्स, श्रीनाथजी काम्पलेक्स मदिया कटरा, क्रासिंग आगरा
बनाम
स्वदेश वर्मा, प्रोपराइटर केयर आफ मैसर्स वर्मा संचार सेवा IInd फ्लोर, लाला श्यो प्रसाद मार्केट, किनारी बाजार आगरा तथा एक अन्य
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2 की ओर से : श्री अरूण टण्डन।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1 की ओर से : श्री एस.के. श्रीवास्तव।
प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से : कोई नहीं।
दिनांक : 21.03.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-40/2006, स्वेदश वर्मा बनाम मैसर्स राकेश सेल्स तथा एक अन्य में विद्वान जिला आयोग, (प्रथम) आगरा द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 27.9.2010 के विरूद्ध
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विपक्षी सं0-2 की ओर से अपील संख्या-2382/2011 तथा विपक्षी सं0-1 की ओर से अपील संख्या-162/2011 प्रस्तुत की गयी हैं।
2. उपरोक्त दोनों अपीलें एक ही निर्णय/आदेश से क्षुब्ध होकर प्रस्तुत की गयी हैं, इसलिए दोनों अपीलों का निस्तारण एक ही निर्णय/आदेश द्वारा एक साथ किया जा रहा है। इस हेतु अपील संख्या-2382/2011 अग्रणी अपील होगी।
3. उपरोक्त दोनों अपीलों में अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री अरूण टण्डन तथा श्री एस.के. श्रीवास्तव को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावलियों का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
4. परिवाद के तथ्यों के अवलोकन से ज्ञात होता है कि परिवादी एक व्यापारिक संस्थान है। व्यापार के उद्देश्य से ही उच्च शक्ति के एयर कंडीशनर स्थापित किये गये न कि अपने व्यक्तिगत उपयोग के लिए, इसलिए परिवादी एक व्यपारिक संस्थान है, इसलिए संस्थान में स्थापित एयर कंडीशनर के खराब होने पर उपभोक्ता विवाद उत्पन्न नहीं होता, अपितु क्रय किये गये समान की गुणवत्ता या वारण्टी अवधि में खराब होने के संबंध में पक्षकारों के मध्य संविदे के प्रावधान लागू होते हैं, जिसके तहत सक्षम न्यायालय से अनुतोष की मांग की जा सकती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा एक गैर उपभोक्ता विवाद पर अपना निर्णय/आदेश पारित किया गया है, जो अपास्त होने और उपरोक्त दोनों अपीलें स्वीकार होने योग्य हैं।
आदेश
5. उपरोक्त दोनों अपीलें, अर्थात् अपील संख्या-2382/2011 तथा अपील संख्या-162/2011 स्वीकार की जाती हैं। विद्वान जिला
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आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 27.9.2010 अपास्त किया जाता है तथा गैर उपभोक्ता परिवाद खारिज किया जाता है।
प्रस्तुत दोनों अपीलों में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
इस निर्णय/आदेश की मूल प्रति अपील संख्या-2382/2011 में रखी जाए एवं इसकी एक सत्य प्रति संबंधित अपील में भी रखी जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-3