मौखिक
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद संख्या 1497/03 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 02.08.2004 के विरूद्ध)
अपील संख्या 795 सन 2006
आशीर्वाद कोल्ड स्टोरेज, तिरवा रोड, नजरापुर पटटी कन्नौज, शाखा अरौल रिफरिजरेशन इण्ड0 प्रा0लि0 अरौल, कानपुर नगर, द्वारा मैनेजर ।
............अपीलार्थी
बनाम
शुभम तिवारी द्वारा वीरेन्द्र तिवारी निवासी ग्राम नजरापुर पटटी, तिरवा रोड, कन्नौज ।
. .............प्रत्यर्थी
समक्ष:-
मा0 श्री चन्द्र भाल श्रीवास्तव, पीठासीन सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता - श्री आलोक सिन्हा ।
प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता - श्री ओ0पी0 द्ववैल ।
दिनांक: 29.09.2015
श्री चन्द्रभाल श्रीवास्तव, सदस्य (न्यायिक) द्वारा उदघोषित ।
निर्णय
प्रस्तुत अपील, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद संख्या 1497/03 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 02.08.2004 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है जिसके द्वारा जिला फोरम ने परिवादी के परिवाद को एक पक्षीय स्प में स्वीकार किया है।
संक्षेप में, प्रकरण के आवश्यक तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने विपक्षी के कोल्ड स्टोरेज में 138 बोरा आलू सुरक्षित रखा था जिसे विपक्षी कोल्ड स्टोरेज ने वापस नहीं किया। परिवाद प्रस्तुत करने पर जिला फोरम ने विपक्षी को रजि0 डाक से नोटिस भेजी। नोटिस भेजे जाने के 30 दिन के भीतर विपक्षी उपस्थित नहीं आया, अत: उस पर तामीला की उपधारणा की गयी और एक पक्षीय रूप में आदेश पारित किया गया । अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि उन पर कोई नोटिस की तामीला नहीं हुयी जब इस प्रकरण में रिकवरी प्रमाणपत्र दिनांकित 23.1.2006 जारी किया गया तब उनको आदेश की जानकारी हुयी और उन्होंने 13.3.2006 को जिला फोरम के निर्णय की सत्य प्रतिलिपि प्राप्त की और 29.3.2006 को अपील दाखिल कर दी, इस तथ्य का कोई खण्डन नहीं किया गया है, ऐसी स्थिति में अपीलार्थी द्वारा दिया गया विलम्ब क्षमा आवेदन स्वीकार किया जाता है।
जहां तक एक पक्षीय निर्णय दिनांक 02.8.2004 का प्रश्न है, उक्त निर्णय एक पक्षीय है और जिला फोरम ने बिना किसी विस्तृत विवेचन के ही परिवादी के शपथपत्र पर विश्वास करते हुए एक पक्षीय निर्णय पारित किया है, ऐसी स्थिति में मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचता हॅू कि अपीलार्थी को भी अपना पक्ष रखे जाने हेतु एक अवसर प्रदान किया जाना न्यायोचित होगा।
परिणामत:, अपील स्वीकार करते हुए प्रकरण पुनर्निस्तारण हेतु प्रति-प्रेषित किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील स्वीकार करते हुए जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, कानपुर नगर द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 02.08.2004 खण्डित किया जाता है एवं प्रकरण विधि एवं इस निर्णय में दिए गए निर्देशों के अनुसार अधिकतम तीन माह के भीतर पुनर्निस्तारित किए जाने हेतु संबंधित जिला फोरम में प्रति-प्रेषित किया जाता है।
उभय पक्ष इस अपील का अपना-अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार नि:शुल्क उपलब्ध करा दी जाए।
(चन्द्र भाल श्रीवास्तव)
पीठा0 सदस्य (न्यायिक)
कोर्ट-2
(S.K.Srivastav,PA