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Hemraj yadav filed a consumer case on 07 Oct 2015 against Shubham Mobile Point in the Kota Consumer Court. The case no is CC/93/2014 and the judgment uploaded on 15 Oct 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
परिवाद संख्या:- 93/14
हेमराज यादव एडवोकेट पुत्र नंदकिशोर जाति यादव आयु 47 साल निवासी जोधपुर स्वीट् के पीछे, गुमानपुरा, कोटा, राजस्थान। परिवादी
बनाम
01. शुभम मोबाईल पोईन्ट 13, सिन्धी कालोनी, रावतभाटा रोड, कोटा, राजस्थान।
02. अंशुल एजेन्सी (आॅथोराईज्ड सर्विस सेन्टर) एफ-3 दीप श्री परिसर, एच.डी.एफ.सी. बैंक के सामने, झालावाड रोड, कोटा, (राज.)
03. डायरेक्टर, स्पाईस मोबाईल लिमिटेड, एस ग्लोबल नाॅलेज पार्क, 19 ए एवं 198 सेक्टर-125, नोएडा, 201301 -विपक्षीगण
समक्ष:-
भगवान दास ः अध्यक्ष
हेमलता भार्गव ः सदस्य
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-
01. श्री जमील अहमद अन्सारी, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से।
02. श्री सोनामन सुखवानी, अधिवक्ता, विपक्षी सं. 1 की ओर से।
03. विपक्षी सं. 2 व 3 के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही।
निर्णय दिनांक 07.10.2015
परिवादी ने विपक्षीगण के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद प्रस्तुत कर संक्षेप में उनका यह सेवा-दोष बताया है कि विपक्षी सं. 3 द्वारा निर्मित मोबाईल माॅडल 5915 विपक्षी सं. 2 (विक्रेता) से दिनांक 07.08.13 को नकद 2,400/- रूपये अदा करके खरीदा था, कुछ समय पश्चात ही उसका टच स्क्रीन व चार्जिंग में खराबी आ गई तब विपक्षी सं. 1 के निर्देश पर विपक्षी सं. 2 (अधिकृत सर्विस सेन्टर) पर दिनांक 01.03.14 को दिखाया तो उसने मोबाईल को ठीक करने के लिये रख लिया, दिनांक 03.03.14 को बताया कि इसमे निर्माण-दोष है, ठीक नहीं हो सकता, इस प्रकार वारन्टी समय में मोबाईल को ठीक नहीं करने/ बदल कर नया नहीं देने से परिवादी को मानसिक संताप हुआ है।
विपक्षी की ओर से प्रस्तुत जवाब का सार है कि वह केवल विक्रेता है, कंपनी के उत्पाद को सील्ड अवस्था में बेचता है। मोबाईल में किसी भी खराबी के लिये कंपनी अथवा उसके अधिकृत सर्विस सेन्टर ही दोषी है, उसका कोई सेवा-दोष नहीं है। परिवाद को मियाद बाहर भी बताया है।
विपक्षी सं. 2 की ओर से श्री भुवनेश सुमन अधिवक्ता ने दिनांक 27.02.15 को उपस्थिति दी उसके पश्चात् अवसर मिलने पर भी उपस्थिति नहीं दी गई, जवाब भी प्रस्तुत नहीं किया, इसलिये विपक्षी सं. 2 के विरूद्ध एक-तरफा कार्यवाही के आदेश दिये गये।
विपक्षी सं. 3 को मंच की ओर से परिवाद का नोटिस रजिस्टर्ड ए/डी डाक से भेजा गया, जिसकी सुनिश्चित तामील होने की अवधारण की गई, लेकिन उपस्थिति नहीं दी गई, इसलिये विपक्षी सं. 3 के विरूद्ध एक-तरफा कार्यवाही के आदेश दिये गये।
परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा मोबाईल खरीद बिल, विपक्षी सं. 2 का चालान दिनांक 01.03.14, पेश किये है।
विपक्षी सं. 1 की ओर से प्रो0 गोरधन लाल नागवानी का शपथ-पत्र प्रस्तुत किया गया ।
हमने उपस्थित पक्षकारों की बहस सुनी। पत्रावली का अवलोकन किया।
जहाॅ तक विपक्षी सं. 1 का दायित्व का प्रश्न है। यह स्पष्ट है कि वह केवल विक्रेता है, मोबाईल का निर्माता नहीं है, उसके द्वारा जारी बिल दिनांक 07.08.13 में यह शर्त अंकित है कि मोबाईल में खराबी के बारे में उनकी कोई जवाबदारी नहीं होगी, सर्विस सेन्टर पर जाना होगा। यह भी शर्त अंकित है कि वारन्टी के तहत कंपनी की शर्तो के अनुसार मोबाईल की त्रुटि कंपनी के अधिकृत सर्विस सेन्टर पर ही सही होगी, इससे भी स्पष्ट है कि मोबाईल की किसी भी प्रकार की त्रुटि के लिये विपक्षी सं. 1 (विक्रेता) का कोई उत्तर दायित्व नहीं है।
विपक्षी सं. 3 परिवादी द्वारा खरीदे गये मोबाईल का निर्माता है तथा विपक्षी सं. 2, उसका अधिकृत सर्विस सेन्टर है, परिवादी ने मोबाईल ठीक करने हेतु विपक्षी सं. 2 को दिया, जो चालान दिनांक 01.03.14 से प्रमाणित है। परिवादी ने अपने शपथ-पत्र से सिद्ध किया है कि उसका मोबाईल विपक्षी सं. 2 ने ठीक करके नहीं दिया तथा बताया कि उसमें निर्माण-दोष है, उसके स्थान पर नया दोष रहित मोबाईल भी नही दिया।
इस प्रकार हम पाते है कि परिवादी के मोबाईल की त्रुटि को ठीक नहीं करके अथवा उसके स्थान पर बदल कर नया व सही मोबाईल नहीं देने बाबत् विपक्षी निर्माता कंपनी व अधिकृत सर्विस सेन्टर का दोष सिद्ध है।
अतः परिवाद विपक्षी सं. 2 व 3 के विरूद्ध एक-तरफा स्वीकार किये जाने योग्य है तथा विपक्षी सं. 1 के विरूद्ध खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी हेमराज यादव का परिवाद विपक्षी सं. 2 व 3 के विरूद्ध एक-तरफा स्वीकार किया जाकर निर्देश दिये जाते है कि वे इस आदेश की परिवादी द्वारा रजिस्टर्ड डाक से प्रेषित प्रति प्राप्त होने के एक माह के अंदर परिवादी के मोबाईल सेट को पूरी तरह सही करके लौटावे, यदि वह सही होने की अवस्था में नहीं हो तो उसके स्थान पर उसी मेक/माॅडल का दूसरा नया सही मोबाईल सेट देवें। इसके अलावा परिवादी को मानसिक संताप की भरपाई के पेटे 1,000/- रूपये एवं परिवाद व्यय की भरपाई के पेटे 1,000/- रूपये कुल दो हजार रूपये भी अदा किये जावे।
(हेमलता भार्गव) (भगवान दास)
सदस्य अध्यक्ष
निर्णय आज दिनंाक 07.10.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
सदस्य अध्यक्ष
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