राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
सुरक्षित
अपील सं0-229/2018
(जिला उपभोक्ता आयोग, एटा द्वारा परिवाद सं0-06/2011 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 15-12-2017 के विरूद्ध)
1. जयबीर सिंह पुत्र स्व0 रामपाल सिंह
2. श्रीमती सुनीता पुत्री स्व0 रामपाल सिंह
3. कु0 अनीता पुत्री स्व0 रामपाल सिंह (माइनर)
4. अरूण कुमार पुत्र स्व0 रामपाल सिंह (माइनर)
सभी निवासीगण सूरजपुर, पत्रालय लालगढ़ी, एटा सकीट, तहसील व जिला – एटा, यू0पी0।
...........अपीलार्थीगण/परिवादीगण।
बनाम
1. श्रेयश ग्रामीण बैंक जिरसमी, जिरसमी पत्रालय, जिला-एटा, यू0पी0 द्वारा ब्रान्च मैनेजर।
2. दी यूनाइटेड इण्डिया एश्योरेंश कं0लि0 द्वारा ब्रान्च मैनेजर, कार्यालय पता- कचहरी रोड, एटा, जिला-एटा, यू0पी0।
............ प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण।
समक्ष:-
1. मा0 श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. मा0 श्री विकास सक्सेना सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित: श्री ए0के0 मिश्रा विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी सं0-1 की ओर से उपस्थित: कोई नहीं।
प्रत्यर्थी सं0-2 की ओर से उपस्थित:श्री तरूण कुमार मिश्रा विद्वान
अधिवक्ता।
दिनांक : 07-03-2024.
मा0 श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
यह अपील, जिला उपभोक्ता आयोग, एटा द्वारा परिवाद संख्या -
06/2011 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 15-12-2017 के विरूद्ध योजित की गई है।
संक्षेप में अपीलार्थी का कथन है कि विद्वान जिला आयोग ने तथ्यों और साक्ष्यों को देखे बिना प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश पारित किया है, जो विधि विरूद्ध और तथ्यों के विपरीत है। यह कहते हुए कि सम्पूर्ण बीमा अभिलेख प्रस्तुत नहीं किये गये है, परिवाद खारिज किया गया है, जबकि मास्टर पालिसी अपीलार्थी ने प्रीमियम जमा करके ली थी। विद्वान जिला आयोग ने न्यायिक मस्तिष्क का प्रयोग नहीं किया और साक्ष्यों को भलीभांति नहीं देखा। सही तथ्य यह है कि अपीलार्थी की मॉं की मृत्यु भैंस की लोहे की चेन खींचते समय हुई। घटना के समय अपीलार्थी की मॉं घायल हो गयी। जैन अस्पताल में उसका उपचार किया गया, परन्तु वहॉं वह ठीक नहीं हो सकी और अन्तत: उसकी मृत्यु हो गयी। मृत्यु का सीधा सम्बन्धी अपीलार्थी की मॉं को आयी चोटों से था किन्तु विद्वान जिला आयोग ने इस बिन्दु को नहीं देखा।
विपक्षी बीमा कम्पनी ने एफ0आई0आर0 अंकित न होने और शव विच्छेदन आख्या न होने के कारण दावे को निरस्त कर दिया।
अत: माननीय न्यायालय से अनुरोध है कि वर्तमान अपील स्वीकार करते हुए विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश अपास्त किया जाये।
हमारे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री अनिल कुमार मिश्रा एवं प्रत्यर्थी सं0-2 के विद्वान अधिवक्ता श्री तरूण कुमार मिश्रा की बहस विस्तार से सुनी गई तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिकथनों, साक्ष्यों एवं प्रश्नगत निर्णय व आदेश का सम्यक् रूप से परिशीलन किया गया। प्रत्यर्थी सं0-1 की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।
हमने सर्वप्रथम परिवाद पत्र का अवलोकन किया, जिसमें लिखा हुआ है कि श्रीमती कमला देवी पत्नी स्व0 श्री रामपाल सिंह की अचानक दुर्घटना में आयी आकस्मिक चोटों के कारण दिनांक 03-10-2009 को वेलफेयर हास्पिटल आगरा में मृत्यु हो गयी। इस सम्बन्ध में वेलफेयर हास्पिटल की आख्या का अवलोकन किया, जहॉं पर मृत्यु का कारण दुर्घटना नहीं लिखा है। अल्ट्रासाउण्ड रिपोर्ट में यह दिखाया गया कि SPLEEN में SUBCPSULAR HEMATOMA देखा गया किन्तु यह मृत्यु का कारण बना, ऐसा कोई भी साक्ष्य नहीं है।
बीमा कम्पनी ने यह कहते हुए दावा खारिज किया कि एफ0आई0आर0 और पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं हैं, जबकि बीमा की शर्तों में इनका होना आवश्यक है। यदि यह मान भी लिया जाये कि वर्तमान मामले में एफ0आई0आर0 की आवश्यकता नहीं है, किन्तु फिर भी मृत्यु का कारण अज्ञात है। यह सिद्ध करने का दायित्व बीमित व्यक्ति के सम्बन्धियों का था कि मृतक की मृत्यु दुर्घटना में आयी चोटों के फलस्वरूप हुई। इसे वे सिद्ध नहीं कर सके।
इन समस्त तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश विधि सम्मत है और इसमें किसी प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। तदनुसार वर्तमान अपील निरस्त किए जाने योग्य है।
आदेश
वर्तमान अपील निरस्त की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग, एटा द्वारा परिवाद सं0-06/2011 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 15-12-2017 की पुष्टि की जाती है।
अपील व्यय उभय पक्ष पर।
उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
निर्णय आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।
(विकास सक्सेना) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
दिनांक : 07-03-2024.
प्रमोद कुमार,
वैय0सहा0ग्रेड-1,
कोर्ट नं.-2.