Uttar Pradesh

Bareilly-I

CC/13/2016

Tarrunam Nigar - Complainant(s)

Versus

Shriram General Insurance Co. Ltd. - Opp.Party(s)

Rakesh Mohan

08 Nov 2016

ORDER

DISTRICT CONSUMER FORUM-1
BAREILLY (UTTAR PRADESH)
 
Complaint Case No. CC/13/2016
 
1. Tarrunam Nigar
w/o Akhtar Khan 551 Jakhira P.S Kila Bareilly
Bareilly
Uttar Pradesh
...........Complainant(s)
Versus
1. Shriram General Insurance Co. Ltd.
E-8 EPIP Sitapur Jaipur Rajsathan
Jailpur
Rajasthan
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Brijesh Chandra Saxena PRESIDENT
 HON'BLE MR. Mohd Qamar Ahmad MEMBER
 
For the Complainant:Rakesh Mohan, Advocate
For the Opp. Party:
Dated : 08 Nov 2016
Final Order / Judgement

न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-प्रथम, बरेली ।
परिवाद संॅ0  13/2016

              उपस्थित:- 1- बृजेश चन्द्र सक्सेना       अध्यक्ष
     2- मोहम्मद कमर अहमद     सदस्य

तरन्नुम निगार पत्नी अख्तर खाॅ, निवासी 551, जखीरा, थाना किला, बरेली ।
                        ............. परिवादिनी
1.    श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कं0लि0, ई-8, ई0पी0आई0पी0 इण्डस्ट्रियल एरिया, सीतापुरा जयपुर, राजस्थान द्वारा लीगल मैनेजर ।
2.    श्रीराम फाच्र्यून सल्यूशन लि0, 16 टी0एल0सी0 बिल्डिंग, द्वितीय तल, निकट ए0डी0एम0ई0 निवास, कचहरी रोड, सिविल लाइंस, बरेली द्वारा शाखा प्रबन्धक ।

       ............ विपक्षीगण

निर्णय

    परिवादिनी तरन्नुम निगाह की ओर से यह परिवाद विपक्षीगण श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कं0लि0 द्वारा लीगल मैनेजर व अन्य के विरूद्व इस आशय से योजित किया गया है कि परिवादिनी को विपक्षी से ट्रक की मरम्मत कराये जाने के संदर्भ में अंकन 5,33,069/-रूपये एवं मानसिक कष्ट के रूप में अंकन 2,00,000/-रूपये एवं अनुचित व्यापार हेतु अर्थदण्ड के रूप में अंकन 50,000/-रूपये का भुगतान कराया जाये ।
    संॅक्षेप में परिवादिनी का कथन है कि परिवादिनी द्वारा ट्रक संॅ0 यू0पी0 25 क्यू/9737 का बीमा विपक्षी नं0 1 बीमा कं0 से कराया गया था, जो दिनांक 28.10.12 से 27.10.13 तक वैध एवं प्रभावी था । परिवादिनी का ट्रक दिनांक 06.06.13 को दुर्घटनाग्रस्त होकर पूर्णतः निष्प्रयोज्य हो गया, जिसकी सूचना परिवादिनी द्वारा बीमा कं0 को दी गयी और कम्पनी के सर्वेयर ने भी उक्त ट्रक को टोटल लाॅस माना । परिवादिनी द्वारा सम्पूर्ण औपचारिकतायें पूर्ण करते हुए विपक्षी से क्लेम की माॅग की गयी, परन्तु विपक्षी द्वारा भुगतान करने के स्थान पर तरह-तरह के प्रपत्रों की माॅग की जाती रही । पुलिस द्वारा न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत आरोप पत्र की नकल भी विपक्षी के कार्यालय को उपलब्ध करा दी गयी, परन्तु विपक्षी द्वारा यह सूचना दी गयी कि प्रपत्र दाखिल करने में देरी किये जाने के कारण नो क्लेम कर दिया गया । परिवादिनी द्वारा अपने ट्रक की मरम्मत के लिए उत्कण्ठा मोटर्स से स्टीमेट बनवाया, जो अंकन 2,95,569/-रूपये का था और छोटे खाॅन बाॅडी मेकर से वाहन को दुर्घटना स्थल से हटवाकर मरम्मत करायी, जिसका बिल अंकन 2,45,000/-रूपये का है, परन्तु परिवादिनी का वाहन चलने की स्थिति में नहीं है । परिवादिनी द्वारा विपक्षी कार्यालय से क्लेम प्राप्त करने हेतु काफी प्रयास किया गया और अंत में मजबूर होकर दिनांक 29.04.14 को रजिस्ट्री डाक से नोटिस भी भेजी गयी, परन्तु विपक्षी द्वारा कोई भुगतान नहीं किया गया । परिवादिनी द्वारा न्यायालय उपभोक्ता संरक्षण फोरम-प्रथम, बरेली में परिवाद संॅ0 116/14 तरन्नुम निगार बनाम श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कं0लि0 आदि योजित किया गया था, जिसमें दिनांक 06.02.15 को आदेश पारित करते हुए इस निर्देश के साथ परिवाद निरस्त किया गया कि परिवादिनी निर्णय के उपरांत एक माह के अंदर विपक्षी को वाॅंछित सूचनायें उपलब्ध कराये और विपक्षी 15 दिन के अंदर दावे का निस्तारण करे । परिवादिनी द्वारा समस्त सूचनायें दिनांक 10.07.15 को विपक्षी बीमा कं0 को उपलब्ध करा दी गयीं, परन्तु विपक्षी द्वारा कोई भुगतान नहीं किया गया । विपक्षी की ओर से दिनांक 21.10.15 को एक पत्र भेजकर कुल अंकन 28,664/-रूपये का भुगतान करने के लिए सहमति दी गयी । परिवादिनी का वाहन पूर्णतया क्षतिग्रस्त है और वह मरम्मत कराये जाने की स्थिति में नहीं है, तदनुसार परिवाद योजित किया गया ।
    विपक्षी नं0 1 की ओर से प्रतिवाद पत्र दाखिल करते हुए यह कथन प्रस्तुत किया गया कि प्रश्नगत वाहन मरम्मत के पश्चात् सुधार योग्य था । परिवादिनी का यह कथन असत्य है कि वाहन पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो गया हो और सर्वेयर द्वारा पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त होना बताया गया हो । परिवादिनी द्वारा वाहन की मरम्मत कराये जाने के संदंर्भ में झूठा स्टीमेट प्रस्तुत किया गया है । बीमित वाहन का प्रयोग व्यवसायिक उद्देश्य से किया जाता रहा है, जिसके कारण परिवाद पोषणीय नहीं है । प्रतिपूर्ति की संविदा व्यवहार संविदा की श्रेणी में आती है और इस आधार पर भी परिवाद केवल व्यवहार न्यायालय में ही पोषणीय है । परिवादिनी का दावा पूर्व में इस आधार पर नो क्लेम किया गया था क्योंकि विपक्षी द्वारा प्रेषित पत्र दिनांक 01.01.13 के अनुपालन में वाॅंछित प्रपत्र प्रस्तुत नहीं किये गये और पूर्व संस्थित परिवाद को न्यायालय द्वारा इस आधार पर निरस्त किया गया था कि परिवाद अपरिपक्व था और परिवादिनी को निर्णय के एक माह के अंदर पत्र दिनांक 01.10.13 के अनुपालन में प्रपत्र उपलब्ध कराये जाने का निर्देश दिया गया था । परिवादिनी द्वारा विपक्षी को प्रपत्र दिनांक 10.07.15 को उपलब्ध कराये गये और परिवादिनी को बीमित वाहन की मरम्मत कराये जाने के उपरांत मरम्मत के बिलों को प्रस्तुत करने की सलाह दी गयी थी, परन्तु बार-बार आग्रह करने पर भी परिवादिनी द्वारा बीमित वाहन की मरम्मत नहीं करायी गयी और यह बताया कि उसके पास मरम्मत कराने हेतु पर्याप्त धनराशि नहीं है । बीमा पाॅलिसी की शर्तों या आई.आर.डी.ए. के किसी भी नियम में यह प्राविधान नहीं है कि बीमित वाहन के क्षतिग्रस्त होने की दशा में सर्वेयर द्वारा आंकलित धनराशि का भुगतान वाहन की पूर्ण मरम्मत होने के पूर्व ही बीमाधारक को कर दिया जाये । विपक्षी द्वारा सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए परिवादिनी को देय आंकलित धनराशि अंकन 71,660/-रूपये में से 40 प्रतिशत अंकन 28,664/-रूपये का एडवांस देने का निर्णय किया गया, जिससे कि परिवादिनी वाहन की मरम्मत करवा सके, परन्तु परिवादिनी द्वारा मरम्मत का कार्य शुरू नहीं कराया गया । इस संदर्भ में परिवादिनी को पत्र भेजकर सूचित भी किया गया और यह कहा गया कि यदि पत्र प्राप्ति के सात दिन के अंदर उत्तर नहीं दिया जाता है, तो यह समझा जायेगा कि परिवादिनी को कोई रूचि नहीं है और दावे की पत्रावली बन्द कर दी जायेगी, परन्तु परिवादिनी द्वारा विपक्षी उत्तरदाता को कोई भी उत्तर नहीं दिया गया और असत्य कथनों के आधार पर यह परिवाद योजित किया गया । विपक्षी द्वारा सेवाओं में कोई त्रुटि नहीं की गयी । परिवाद निरस्त होने योग्य है ।
    परिवादिनी की ओर से अपने कथनों के समर्थन में शपथपत्र 13/1 लगायत 13/3 प्रस्तुत किया गया है तथा सूची 04 से परिवादिनी द्वारा विपक्षी को भेजा गया पत्र दिनांकित 10.07.15 की छाया प्रति 5/1 लगायत 5/4, वाहन का पंजीयन प्रमाण पत्र 5/5, ड्राईविंग लाईसेंस 5/6, छोटे खान बाॅडी मेकर का स्टीमेट दिनांक 21.04.14 अभिलेख संॅ0 5/7, उत्कण्ठा मोटर का स्टीमेट 5/8 लगायत 5/10, क्लेम फार्म 5/11 लगायत 5/12, नकल एफ.आई.आर. 5/13 लगायत 5/16, आरोप पत्र 5/17, अभियोग रोजनामचे की प्रति  5/19 लगायत 5/68, परिवादिनी का शपथपत्र 5/69 लगायत 5/71, नकल वाद संॅ0 116/14 5/72 लगायत 5/13 तथा विपक्षी का पत्र दिनांकित 21.10.15 अभिलेख संॅ0 5/74 की छाया प्रतियां दाखिल की गयी हैं ।
    विपक्षी की ओर से शपथपत्र साक्ष्य 16/1 लगायत 16/3 तथा सर्वे रिपोर्ट की छाया प्रति 17/1 लगायत 17/3, विपक्षी द्वारा परिवादिनी को भेजा गया प्रस्ताव पत्र की छाया प्रति ा17/4 प्रस्तुत किये गये हैं ।
    पक्षगण अधिवक्ता के तर्कों को सुना गया एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया ।

निष्कर्ष

    उपरोक्त आधार पर यह स्पष्ट है कि इस परिवाद के पूर्व परिवादिनी द्वारा इसी फोरम के समक्ष परिवाद संॅ0 116/14 प्रस्तुत किया गया था, जिससे सम्बन्घित् पत्रावली इस परिवाद के निस्तारण हेतु तलब करायी गयी है तथा परिवादिनी द्वारा इस परिवाद में समस्त आवश्यक प्रपत्र प्रस्तुत किये गये हैं । फोरम द्वारा इस परिवाद का निस्तारण करते हुए दिनांक 24.06.15 को परिवादिनी की ओर से योजित परिवाद को निरस्त करते हुए परिवादिनी को यह निर्देश दिया गया था कि निर्णय के एक माह के अंदर विपक्षी द्वारा भेजे गये पत्र दिनांक 1.10.13 के अनुपालन में वाॅंछित सूचना विपक्षी को उपलब्ध कराये और यह भी निर्देशित किया गया कि परिवादिनी द्वारा उपरोक्त औपचारिकता पूर्ण करने के 15 दिन के अंदर विपक्षी दावे का निस्तारण करे । परिवादिनी का कथन है कि उसके द्वारा विपक्षी की ओर से भेजे गये पत्र दिनांक 01.10.13 के अनुपालन में वाॅंछित प्रपत्र दिनांक 10.07.15 को उपलब्ध करा दिये गये, परन्तु विपक्षी द्वारा एक पत्र भेजकर मात्र अंकन 28,664/-रूपये का भुगतान करने की सहमति बतायी गयी, जबकि परिवादिनी का वाहन पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो गया है और वह मरम्मत योग्य नहीं है । विपक्षी की ओर से यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि परिवादिनी द्वारा वाॅंछित प्रपत्र उपलब्ध कराये जाने के पश्चात् सर्वेयर द्वारा निर्धारित की गयी धनराशि अंकन 71,660/-रूपये में से 40 प्रतिशत अंकन 28,664/-रूपये का भुगतान किये जाने हेतु परिवादिनी को पत्र भेजकर सूचित किया गया और यह निर्देशित किया गया कि वाहन की पूर्ण मरम्मत होने के उपरांत और परिवादिनी द्वारा बिल प्रस्तुत करने पर शेष धनराशि का भुगतान किया जायेगा, परन्तु परिवादिनी द्वारा इस पत्र के संदर्भ में कोई उत्तर नहीं दिया गया और न ही वाहन की मरम्मत करायी गयी ।
    उपरोक्त संदर्भ में परिवादिनी की ओर से यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि प्रश्नगत वाहन पूर्ण रूप से निष्प्रयोज्य हो गया है और मरम्मत कराये जाने की स्थिति में नहीं है, जबकि सर्वेयर द्वारा असत्य कथनों के आधार पर वाहन की मरम्मत हेतु कुल अंकन 71,660/-रूपये आंकलित किये गये हैं और विपक्षी द्वारा मात्र अंकन 28,664/-रूपये का भुगतान करने की सहमति बतायी गयी है । परिवादिनी के पास इतनी धनराशि की व्यवस्था नहीं है कि वह पूर्ण क्षतिग्रस्त वाहन की मरम्मत करा सकेेेेेेेेेेेेेेेेे, जबकि वाहन मरम्मत योग्य नहीं है । पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि परिवादिनी द्वारा अपने कथनों के समर्थन में कोई भी कमिश्नर रिपोर्ट अथवा सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गयी है, जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि प्रश्नगत वाहन पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया हो और वह मरम्मत योग्य न रहा हो । परिवादिनी की ओर से स्वयॅं ही यह कथन प्रस्तुत किया गया कि वाहन की मरम्मत हेतु उसके द्वारा इस्टीमेट प्राप्त किया गया, जिसके आधार पर अंकन 2,95,569/-रूपये मरम्मत में खर्च होने बताये गये हैं और छोटे खान बाॅडी मेकर द्वारा अंकन 2,45,000/-रूपये का बिल प्रस्तुत किया गया है । परिवादिनी की ओर से इस्टीमेट की छाया प्रतियां 5/7 लगायत 5/10 प्रस्तुत की गयी हैं । एैसी परिस्थिति में यह नहीं कहा जा सकता है कि प्रश्नगत वाहन मरम्मत योग्य न हो अथवा वह पूर्ण रूप से निष्प्रयोज्य हो गया हो । विपक्षी की ओर से भी वाहन का सर्वे कराया गया है और सर्वेयर द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर वाहन की मरम्मत कराये जाने में अंकन 71,660/-रूपये खर्च होने आंकलित किये गये हैं । परिवादिनी की ओर से इस सर्वे रिपोर्ट के विरोध में भी कोई भी विश्वसनीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की गयी है, जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि सर्वे रिपोर्ट मान्य न हो अथवा सर्वे रिपोर्ट को पूर्ण रूप से खारिज कर दिया जाये । इस संदर्भ में मेरा ध्यान ।।। (2009) सी.पी.जे. 90 (एस.सी.) सिक्का पेपर लि0 बनाम नेशनल इंश्योरेंस कं0लि0 व अन्य के मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय की ओर आकर्षित किया गया । उस मामले में भी परिवादिनी की ओर से एैसा कोई कारण दर्शित नहीं किया गया था, जिसके आधार पर सर्वे रिपोर्ट को निरस्त कर दिया जाये । वर्तमान मामले में भी परिवादिनी की ओर से एैसी कोई भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की गयी है और न ही एैसा कोई कारण स्पष्ट किया गया है, जिसके आधार पर सर्वेयर द्वारा प्रस्तुत की गयी रिपोर्ट को खारिज कर दिया जाये ।
    अतः पत्रावली पर उपलब्ध समस्त साक्ष्य का विचारण किये जाने के उपरांत हम इस निष्कर्ष पर पहुॅंचते हैंु कि परिवादिनी यह साबित करने में असफल रही है कि प्रश्नगत वाहन पूर्ण रूप से निष्प्रयोज्य हो गया हो और मरम्मत कराये जाने लायक न रहा हो । प्रश्नगत वाहन की मरम्मत कराये जाने हेतु विपक्षी द्वारा नियुक्त सर्वेयर द्वारा अंकन 71,660/-रूपये आंकलित किये गये हैं । विपक्षी द्वारा केवल 40 प्रतिशत अर्थात् अंकन 28,664/-रूपये का अग्रिम भुगतान देने का निर्णय लिया गया है, जबकि परिवादिनी द्वारा यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वह वाहन की मरम्मत कराये जाने में आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है । एैसी परिस्थिति में हम इस निष्कर्ष पर पहुॅंचते हैं कि विपक्षी को यह आदेशित किया जाये कि वह परिवादिनी को अंकन 50,000/-रूपये का भुगतान अग्रिम के रूप में कर दे और वाहन की मरम्मत कराये जाने के उपरांत बिल प्रस्तुत करने पर अवशेष धनराशि का भुगतान करे । पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर यह स्पष्ट है कि परिवादिनी को पूर्व में परिवाद संॅ0 116/14 प्रस्तुत करना पडा और उक्त परिवाद में फोरम द्वारा पारित किये गये निर्णय के आधार पर विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही न करने के कारण यह परिवाद योजित किया गया है तथा विपक्षी द्वारा फोरम द्वारा पारित किये गये निर्णय के उपरांत परिवादिनी को कोई भुगतान नहीं किया गया । उस परिस्थिति में यह स्पष्ट है कि परिवादिनी क्षतिपूर्ति एवं वाद व्यय का भुगतान भी प्राप्त करने की अधिकारिणी है । परिवादिनी की ओर से अंकन 2,50,000/-रूपये की क्षति और वाद व्यय के रूप में भुगतान कराये जाने का अनुरोध किया गया है, परन्तु हमारे विचार से परिवादिनी अंकन 20,000/-रूपये क्षतिपूर्ति और वाद व्यय के रूप में प्राप्त करने की अधिकारिणी है । तदनुसार परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है ।

आदेश

    परिवादिनी की ओर से योजित परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है । विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि सर्वेयर द्वारा आंकलित धनराशि अंकन 71,660/-रूपये में से परिवादिनी को अंकन 50,000/-रूपये (पचास हजार रूपये मात्र) का भुगतान अग्रिम रूप से और क्षतिपूर्ति तथा वाद व्यय के रूप में अंकन 20,000/-रूपये (बीस हजार रूपये मात्र) का भुगतान एक माह के अंदर करेगें और वाहन की मरम्मत कराये जाने के उपरांत बिल प्रस्तुत करने पर अवशेष धनराशि का भुगतान परिवादिनी को करेें अन्यथा परिवादिनी को यह अधिकार होगा कि वह फोरम के माध्यम से विपक्षी के विरूद्व उपरोक्त समस्त धनराशि की वसूलयाबी मय 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से परिवाद योजित किये जाने की तिथि से भुगतान किये जाने की तिथि तक करेगी और विपक्षी के विरूद्व निर्णय का अनुपालन न करने के आधार पर दण्डात्मक कार्यवाही प्रारम्भ करेगी ।


( मोहम्मद कमर अहमद )                  (  बृजेश चन्द्र सक्सेना )
        सदस्य                                    अध्यक्ष    
यह निर्णय आज दिनांक 08.11.2016 को हमारे द्वारा हस्ताक्षरित करके खुले फोरम में उद्घोषित किया गया ।


   ( मोहम्मद कमर अहमद )                  (  बृजेश चन्द्र सक्सेना )
          सदस्य                                अध्यक्ष    

 

 
 
[HON'BLE MR. Brijesh Chandra Saxena]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Mohd Qamar Ahmad]
MEMBER

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