Uttar Pradesh

Muradabad-II

cc/133/2014

Shri Tundi Singh - Complainant(s)

Versus

Shri Ram General Insruance Company - Opp.Party(s)

08 Mar 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. cc/133/2014
 
1. Shri Tundi Singh
R/o Villlage Bhamori Patti Thanan Bhatola Distt. Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Shri Ram General Insruance Company
Add: Branch Office Harpal Nagar, Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि पत्‍नी  की मृत्‍यु के फलस्‍वरूप विपक्षीगण से उसे 18 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित बीमा राशि 6,78,000/- रूपया दिलाई जाऐ। क्षतिपूर्ति की मद में 1,00,000/-  रूपया तथा परिवाद व्‍यय की मद में 10,000/- रूपया परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी की पत्‍नी श्रीमती इन्‍द्रावती ने वर्ष 2011 में 19,995/- रूपया प्रीमियम देकर विपक्षी सं0-2 से  अपना बीमा कराया था। यह पालिसी दिनांक 28/9/2011 से 28/9/2031 तक  के लिए प्रभावी थी। पालिसी 3,39,000/- रूपये की थी जिसमें एक्‍सट्रा बेनीफिट भी था, इस प्रकार पालिसी की परिपक्‍वता राशि 6,78,000/- रूपया थी। ​पालिसी में परिवादी नोमिनी था।  दिनांक 20/8/2012 को परिवादी की पत्‍नी  का ग्राम भमौरी पट्टी थाना भटोला तहसील सम्‍भल जिला मुरादाबाद हाल निवासी जनपद सम्‍भल में देहान्‍त हो गया। परिवादी ने बतौर नोमिनी विपक्षीगण के समक्ष बीमा दावा प्रस्‍तुत किया। दावे के साथ आवश्‍यक दस्‍तावेज उसने प्रेषित किऐ।  विपक्षीगण ने पत्र दिनांक 30/4/2013 के माध्‍यम से परिवादी का बीमा दावा  अस्‍वीकृत कर दिया। आधार यह लिया गया कि पालिसी धोखे से प्राप्‍त की  गई थी, बी‍मित ग्राम भमौरी पटटी में नहीं रहती थी, वोटर लिस्‍ट में उसका नाम दर्ज नहीं था, बीमित अनपढ़ थी और वह हस्‍ताक्षर नहीं कर सकती थी   तथा बीमित की मृत्‍यु का पंजीकरण कथित मृत्‍यु के 15 दिन के अन्‍दर नहीं कराया गया। परिवादी के अनुसार उसका बीमा दावा बदनियति से अस्‍वीकृत किया गया है। पालिसी लेते समय विपक्षीगण के एजेन्‍ट ने परिवादी और  उसकी पत्‍नी के बारे में आवश्‍यक छानबीन की थी और उसी के बाद पालिसी जारी हुई। परिवादी का अग्रेत्‍तर कथन है कि उसने विपक्षीगण को कानूनी नोटिस भिजवाऐ जिसका उन्‍होंने गलत उत्‍तर दिया। परिवादी ने यह  अभिकथित करते हुऐ कि बदनियति से उसका बीमा दावा अस्‍वीकृत करके विपक्षीगण ने सेवा में कमी की है, उसने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  3. परिवाद के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/5 दाखिल किया। परिवाद के साथ सूची कागज सं0-3/7 के माध्‍यम से परिवादी ने पालिसी शिडयूल, बीमित इन्‍द्रावती के डेथ सर्टिफिकेट, विपक्षी सं0-1 को भेजे गऐ कानूनी नोटिस दिनांकित 30/6/2014, राशन कार्ड तथा अपने वोटर आई0डी0 की फोटो प्रतियों को दाखिल किया, परिवादी ने  उक्‍त सूची के साथ विपक्षीगण की ओर से प्राप्‍त मूल रिप्‍यूडिऐशन लेटर दिनांकित 30/6/2013, कानूनी नोटिस दिनांक 30/6/2014 को भेजे जाने की  डाकखाने की मूल रसीद तथा विपक्षीगण की ओर से प्राप्‍त जबाव नोटिस दिनांक 18/7/2014 को मूल रूप में दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0- 3/8 लगायत 3/18 हैं।
  4.   विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-7/1 लगायत 7/5 दाखिल किया गया जिसमें कहा गया कि विपक्षीगण को धोखा देकर परिवादी ने अपनी पत्‍नी का बीमा कराया था अत:  बीमा पालिसी शून्‍य दस्‍तावेज है। परिवादी का यह कथन असत्‍य है कि पालिसी की परिपक्‍वता राशि 6,78,000/-रूपये थी बल्कि सही बात यह है कि  परिपक्‍वता राशि 3,39,000/- रूपया थी।पालिसी में एक्‍सट्रा बेनीफिट बीमित की दुर्घटना में मृत्‍यु होने पर देय था। बीमित की मृत्‍यु किसी दुर्घटना में नहीं हुई अत: एक्‍सट्रा बेनीफिट देय नहीं है। विपक्षीगण ने प्रतिवाद पत्र में अग्रेत्‍तर  कहा कि परिवादी द्वारा जब बीमा दावा प्रस्‍तुत किया गया तो विपक्षीगण ने अपने सर्वेयर से विधिवत् जॉंच कराई जिसमें पाया गया कि बीमित इन्‍द्रावती अनपढ़ थी और कथित मृत्‍यु से 3 वर्ष पूर्व परिवादी के गांव को  छोड़कर दिल्‍ली चली गई थी। वोटर लिस्‍ट में भी उसका नाम नहीं था उसकी कथित मृत्‍यु का पंजीकरण भी समय पर नहीं कराया गया। बीमित के नाम  से पैन कार्ड भी पालिसी लेने से कुछ समय पूर्व ही बनवाया गया जिस पर इन्‍द्रावती के फर्जी हस्‍ताक्षर बनाऐ गऐ थे। उपरोक्‍त तथ्‍यों के आधार पर  और यह पाऐ जाने पर कि बीमा पालिसी धोखाधड़ी करके फर्जीतौर पर प्राप्‍त  की गई थी, परिवादी का बीमा दावा अस्‍वीकृत किया गया और ऐसा करके विपक्षीगण ने कोई त्रुटि नहीं की। विपक्षीगण का यह भी कथन है कि उन्‍होंने  सेवा देने में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं की है। फोरम के सुनवाई के  क्षेत्राधिकार को भी विपक्षीगण ने चुनौती दी है। उपरोक्‍त कथनों के आधार  पर परिवाद सव्‍यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई।
  5.   परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-8/1 लगायत 8/6 दाखिल किया जिसके साथ  उसने बतौर संलग्‍नक उन प्रपत्रों की फोटो प्रतियां दाखिल की जो वह पूर्व में  ही सूची कागज सं0-3/7 के माध्‍यम से दाखिल कर चुका है। विपक्षीगण की ओर से विपक्षी सं0-1 के शाखा प्रबन्‍धक श्री राजीव विश्‍नोई का साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-9/1 लगायत 9/7 दाखिल किया जिसके साथ इन्‍वेस्‍टीगेटर जी0रामा मूर्थी की जॉंच रिपोर्ट दिनांक 15/4/2013, ग्राम भमौरी पटटी की वोटर लिस्‍ट , बीमा पालिसी लेने हेतु भरे गऐ प्रपोजल फार्म, पैन कार्ड, ग्राम भमौरी पटटी स्थित परिवादी की जमीन सम्‍बन्‍धी  खतौनी और पालिसी की शर्तो की फोटो प्रतियों को बतौर संलग्‍नक दाखिल किया गया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-9/8 लगायत 9/22 हैं।
  6.   परिवादी की ओर से लिखित बहस दाखिल की गई। विपक्षीगण की ओर  से लिखित बहस दाखिल नहीं हुई।
  7.   हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
  8.   पक्षकारों के मध्‍य इस बिन्‍दु पर कोई विवाद नहीं है कि विपक्षीगण ने परिवादी की पत्‍नी श्रीमती इन्‍द्रावती के नाम दिनांक 28/9/2011 से प्रारम्‍भ एक बीमा पालिसी जारी की थी। इस पालिसी के बीमा शिडयूल की नकल पत्रावली का कागज सं0-3/8 है। पालिसी में बीमित राशि 3,39,000/- थी। पालिसी में यह भी उल्‍लेख है कि दुर्धटना में मृत्‍यु होने की दशा में नामिनी बीमित राशि के अतिरिक्‍त 3,39,000/- रूपया एक्‍सीडेन्‍ट बैनीफिट राइडर के रूप में अतिरिक्‍त पायेगा। इस बिन्‍दु पर भी पक्षकारों के मध्‍य कोई विवाद  नहीं है कि परिवादी इस पालिसी में नामिनी था और अभिकथित रूप से  इन्‍द्रावती की मृत्‍यु हो जाने के आधार पर परिवादी ने विपक्षीगण के समक्ष मृत्‍यु दावा पेश किया जिसे विपक्षीगण ने रिप्‍यूडिऐशन लेटर दिनांकित 30/4/2013 (पत्रावली का कागज सं0-3/9 लगायत 3/10) द्वारा अस्‍वीकृत कर दिया।
  9.   परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत बीमा दावा जिन कारणों से अस्‍वीकृत किया गया उनका उल्‍लेख रिपूडिऐशन लैटर कागज सं0-3/9 ता 3/10 में है। इसके अनुसार श्रीमती इन्‍द्रावती देवी लगभग 3 वर्षों से ग्राम भमौरी पट्टी जिला मुरादाबाद में नहीं रहती थी और वह दिल्‍ली में मेड सर्वेन्‍ट के रूप में काम करती थी,  वर्ष 2012 की वोटर लिस्‍ट में बीमित इन्‍द्रावती का नाम नहीं है, बीमित इन्‍द्रावती का मृत्‍यु प्रमाण पत्र उसकी मृत्‍यु की कथित तारीख  अर्थात् 20/8/2012 के लगभग 6 माह बाद बनवाया गया और इस डेथ सर्टिफिकेट में कोई क्रमांक भी नहीं पड़ा है, श्रीमती इन्‍द्रावती का पैन कार्ड बीमा पालिसी  लेने हेतु किऐ गऐ आवेदन से कुछ समय पहले ही लिया गया था बीमित श्रीमती इन्‍द्रावती अनपढ़ थी वह हस्‍ताक्षर करना भी नहीं जानती थी और  केवल अपने निशानी अंगूठा लगाती थी तथा इन्‍द्रावती के पैन कार्ड और  पालिसी हेतु दिऐ गऐ प्रपोजल फार्म में इन्‍द्रावती के हस्‍ताक्षर नहीं है बल्कि किसी अन्‍य व्‍यक्ति ने धोखा देने के उद्देश्‍य से उन पर हस्‍ताक्षर किऐ हैं।
  10.  परिवादिनी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विपक्षीगण ने परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत बीमा दावा बदनियति और विधि विरूद्ध तरीके से अस्‍वीकृत किया है। उनका यह भी तर्क है कि परिवादी की पत्‍नी श्रीमती इन्‍द्रावती का  निधन दिनांक 20/8/2012 को ग्राम भमौरी पट्टी जो वर्तमान में जिला सम्‍भल  में आता है, में  हुआ था और जिस समय श्रीमती इन्‍द्रावती ने प्रपोजल फार्म भरा था तब विपक्षीगण की एजेन्‍ट मुमताज जहां ने प्रपोजल फार्म में उल्लिखित सारी बातें चैक कर ली थी और पूरी तरह सन्‍तुष्‍ट होने के उपरान्‍त ही विपक्षीगण ने प्रश्‍नगत बीमा पालिसी जारी की थी। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने विपक्षीगण के जॉंचकर्ता श्री जी0 रामा मुर्थी की जॉंच आख्‍या की ओर भी हमारा ध्‍यान आकृष्‍ट किया और कहा कि बीमा दावे की जॉंच के दौरान ग्राम भमौरीपट्टी के प्रधान ने जॉंचकर्ता श्री जी0रामामुर्थी के समक्ष इस  बात की पुष्टि की थी कि बीमित श्रीमती इन्‍द्रावती ग्राम भमौरी पट्टी की  निवासी थीं जिनका स्‍वर्गवास दिनांक 20/8/2012 को हुआ था। परिवादिनी  के विद्वान अधिवक्‍ता ने यह भी कहा कि विपक्षीगण के यह कथन असत्‍य  हैं कि श्रीमती इन्‍द्रावती ग्राम भमौरी पट्टी की निवासी न हो और वह अनपढ़  हो तथा अपनी मृत्‍यु की तिथि से 3 वर्ष पूर्व ग्राम भमौरी पट्टी छोड़कर दिल्‍ली चली गई हो उनकी ओर से यह भी तर्क दिया गया कि वोटर लिस्‍ट में  इन्‍द्रावती का नाम न होना और पैन कार्ड बीमा आवेदन करने से कुछ समय  पूर्व लिया जाना अपने आप में ऐसे तथ्‍य नहीं हैं जिनके आधार पर बीमा दावा अस्‍वीकृत किया जाय। उन्‍होंने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्‍वीकार किऐ  जाने की प्रार्थना की।
  11.  विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता ने विपक्षी सं0-2 के प्रबन्‍धक श्री राजीव विश्‍नोई के साक्ष्‍य शपथ पत्र और उसके साथ बतौर संलग्‍न दाखिल प्रपत्रों की ओर हमारा ध्‍यान आकर्षित किया और रिप्‍यूडिऐशन लेटर दिनांक 30/4/2013 में उल्लिखित दावा अस्‍वीकृति के कारणों को सही ठहराया।
  12.  पत्रावली में जो साक्ष्‍य सामग्री और प्रपत्र उपलब्‍ध हैं उनके आधार पर हम इस मत के हैं कि विपक्षीगण ने परिवादी का दावा अस्‍वीकृत करके त्रुटि की है। इस सन्‍दर्भ में रिप्‍यूडिऐशन लेटर दिनांकित 30/4/2013 में उल्लिखित कारणों का बिन्‍दुवार विश्‍लेषण करना हम न्‍यायोचित समझते हैं।
  13.  बीमा दावे की जॉंच हेतु नियुक्‍त जॉंचकर्ता श्री जी0रामा मुर्थी ने अपनी जॉंच रिपोर्ट (पत्रावली का कागज सं0-9/11)  में यह उल्‍लेख किया है कि  जॉंच के दौरान ग्राम भमौरी पट्टी के प्रधान श्री जगत सिंह ने उनके समक्ष इस  बात की पुष्टि की थी कि श्रीमती इन्‍द्रावती ग्राम भमौरी पट्टी की निवासी थी  और दिनांक 20/8/2013 को सीने में दर्द होने की वजह से उनकी मृत्‍यु हुई  थी। जॉंच रिपोर्ट में उल्लिखित उक्‍त बातें परिवादी के इस कथन को प्रमाणित करती हैं कि बीमित श्रीमती इन्‍द्रावती ग्राम भमौरी पट्टी की निवासी थी और  उसकी मृत्‍यु दिनांक 20/8/2013 को हुई थी। मृत्‍यु से लगभग 3 वर्ष पूर्व इन्‍द्रावती का गांव छोड़कर दिल्‍ली जाना प्रमाणित नहीं है और यदि तर्क के तौर पर यह मान भी लिया जाये कि इन्‍द्रावती लगभग 3 वर्ष पूर्व गांव छोड़कर दिल्‍ली चली गई थी और वहां मेड सर्वेन्‍ट के रूप में काम कर रही थी तो भी  उक्‍त आधार पर बीमा दावा  अस्‍वीकृत  नहीं होना चाहिए था। बीमा पालिसी में ऐसी कोई शर्त नहीं थी कि बीमित का बीमा प्रस्‍ताव में दिऐ गये पते पर  ही निवास करना अनिवार्य होगा। जहॉं तक वर्ष 2012 की वोटर लिस्‍ट में बीमित इन्‍द्रावती का नाम न होने का प्रश्‍न है इस सन्‍दर्भ में यह उल्‍लेख  करना पर्याप्‍त होगा कि बहुधा वोटर लिस्‍ट में लोगों के नाम अनेक कारणों  से दर्ज नहीं हो  पाते, किन्‍तु वोटर लिस्‍ट में नाम दर्ज न होना इस बात का प्रमाण नहीं हो सकता कि अमुक व्‍यक्ति जिसका नाम वोटर लिस्‍ट में नहीं है, उस स्‍थान का निवासी ही नहीं है जहॉं वास्‍तव में वह निवास करता है। बीमित इन्‍द्रावती के डेथ सर्टिफिकेट की नकल पत्रावली का कागज सं0-8/10 है। विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता ने इस डेथ सर्टिफिकेट की विश्‍वसनीयता पर प्रश्‍न चिन्‍ह लगाया है। मात्र इस आधार पर पर कि यह डेथ सर्टिफिकेट इन्‍दावती की मृत्‍यु के लगीग 6 माह बाद जारी हुआ है, इस सर्टिफिकेट के  असत्‍य अथवा फर्जी होने का आधार नहीं हो सकता। पत्रावली पर ऐसा कोई अभिलेख नहीं है जिससे प्रकट हो कि इन्‍द्रावती के डेथ सर्टिफिकेट की सत्‍यता को चुनौती देने सम्‍बन्‍धी कोई आवेदन विपक्षीगण की ओर से सर्टिफिकेट जारी करने वाले प्राधिकारी के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया था। मात्र अवधारणा के आधार पर डेथ सर्टिफिकेट को असत्‍य अथवा फर्जी नहीं माना जा सकता। बीमित इन्‍द्रावती के पैन कार्ड की फोटो कापी पत्रावली का कागज सं0-9/18 है। विपक्षीगण की ओर से कहा गया है कि इस पैन कार्ड तथा बीमा हेतु किऐ गऐ आवेदन/ प्रपोजल फार्म में इन्‍द्रावती के हस्‍ताक्षर किसी अन्‍य व्‍यक्ति द्वारा किऐ गऐ थे क्‍योंकि इन्‍द्रावती अनपढ़ थी और वह हस्‍ताक्षर करना नहीं जानती थी। यह सर्व विदित है कि पैन कार्ड बनबाने हेतु आवेदक को स्‍वयं कार्ड बनवाने के लिए जाना होता है जहॉं वायोमैट्रिक प्रणाली से उसके हस्‍ताक्षर लिऐ जाते हैं। पैन कार्ड के आवेदन का फोटो भी वहीं कम्‍प्‍यूटर द्वारा खींचा जाता है। कहने का आशय यह है कि पैन कार्ड बनवाने की जो प्रक्रिया है उसमें किसी व्‍यक्ति का पैन कार्ड अन्‍य व्‍यक्ति हस्‍ताक्षर करके बनवा लें ऐसी सम्‍भवना नगण्‍य है। बीमा हेतु किऐ गऐ आवेदन की नकल पत्रावली का कागज सं0- 9/16 लगायत 9/17 है। इस आवेदन के अन्तिम पृष्‍ठ के अवलोकन से प्रकट है कि आवेदन में जो सूचनाऐं भरी गई है वे विपक्षीगण की एजेन्‍ट मुमताज जहां द्वारा सत्‍यापित की गई थीं। बीमित इन्‍द्रावती के प्रपोजल फार्म में हस्‍ताक्षरों की शिनाख्‍त एक गवाह द्वारा की गई थी। पत्रावली पर ऐसा  कोई प्रपत्र नहीं है जिससे प्रकट हो कि विपक्षीगण ने अपनी एजेन्‍ट मुमताज  जहां के विरूद्ध प्रपोजल फार्म पर इन्‍द्रावती के कथित फर्जी हस्‍ताक्षर बनाने के सम्‍बन्‍ध में किसी प्रकार की कोई अनुशासनात्‍मक कार्यवाही की थी। एजेन्‍ट के विरूद्ध किसी प्रकार की कोई कार्यवाही न किया जाना इस बात को बल प्रदान करता है कि प्रपोजल फार्म पर हस्‍ताक्षर बीमित इन्‍द्रावती के ही हैं और बीमा पालिसी लेने हेतु परिवादी पक्ष ने विपक्षीगण से किसी प्रकार की कोई धोखाधड़ी नहीं की थी। 

15- विपक्षीगण की ओर से यह भी कहा गया कि बीमा पालिसी बीमा कम्‍पनी के साथ धोखाधड़ी करके ली गई थी अत: इस फोरम को परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने इन तर्क का विरोध किया। हम विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता के उक्‍त तर्क से सहमत नहीं हैं। पालिसी अभिकथित रूप से धोखाधड़ी करके प्राप्‍त किऐ जाने के बिन्‍दु के विनिश्‍चय हेतु पक्ष और प्रतिपक्ष के द्वारा विस्‍तृत साक्ष्‍य की आवश्‍यकता इस  प्रकारण में नहीं है। पत्रावली पर जो भी प्रपत्र हैं उनके आधार पर फोरम  सकारण निष्‍कर्ष निकालने में सफल रहा है। ऐसी दशा में क्षेत्राधिकार सम्‍बन्‍धी विपक्षीगण की आपत्ति में कोई बल नहीं है और हम इस मत के हैं कि फोरम को परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार है।

16- उपरोक्‍त विवेचना के आधार पर हम इस निष्‍कर्ष पर पहुँचे हें कि  रिप्‍यूडिऐशन लेटर दिनांक 30/4/2013 में उल्लिखित कारणों से परिवादी का बीमा दावा अस्‍वीकृत कर विपक्षीगण ने त्रुटि की है।

17 -  इन्‍द्रावती की मृत्‍यु किसी दुर्घटना में होना नहीं पाया गया है ऐसी दशा  में परिवादी एक्‍सीडेन्‍टल राइडर बैनीफिट पाने का अधिकारी नहीं है। बीमा शिडयूल में उल्लिखित बीमित राशि 3,39,000/- (तीन लाख उन्‍तालिस हजार रूपया) और उस पर परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से 9 प्रतिशत  वार्षिक की दर से ब्‍याज परिवादी को दिलाया जाना हम न्‍यायोचित समझते हैं। परिवादी परिवाद व्‍यय की मद में 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) अति‍रिक्‍त दिलाया जाना चाहिए। तदानुसार तदानुसार परिवाद स्‍वीकार होने योग्‍य है।

 

आदेश

         परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्‍तविक वसूली की तिथि तक  की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित 3,39,000/- (तीन लाख  उन्‍तालिस हजार रूपया) की वसूली हेतु यह परिवाद परिवादी के पक्ष में और  विपक्षीगण के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। परिवाद व्‍यय की मद में परिवादी 2500/- (दो हजार पांच सौ रूपया) अतिरिक्‍त पाने का अधिकारी है। समस्‍त  धनराशि की अदायगी इस आदेश की तिथि से दो माह की भीतर की जायें।

     

      (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)     (सुश्री अजरा खान)      (पवन कुमार जैन)

          सामान्‍य सदस्‍य           सदस्‍य             अध्‍यक्ष

    •   0उ0फो0-।। मुरादाबाद     जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

            08.03.2016          08.03.2016              08.03.2016

      हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 08.03.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

     

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)       (पवन कुमार जैन)

       सामान्‍य सदस्‍य             सदस्‍य             अध्‍यक्ष

    •  0उ0फो0-।। मुरादाबाद     जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

         08.03.2016              08.03.2016             08.03.2.2016

     

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