जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी...................वरि.सदस्या
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-369/2012
श्रीमती वीना यादव पत्नी श्री बाबू सिंह निवासिनी राजेन्द्र नगर, पुखरायां वार्ड नं0-17, जिला रमाबाई नगर हाल पता स्थित फायर स्टेषन, घाटमपुर, कानपुर नगर।
................परिवादिनी
बनाम
मेसर्स श्रीराम जनरल इंष्योरेन्स कंपनी लि0 स्थित कार्यालय-601, 602 सिटी सेंटर, दिमाल कानपुर।
...........विपक्षी
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 13.06.2012
निर्णय की तिथिः 18.11.2015
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1. परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादिनी को विपक्षी बीमा कंपनी से प्रष्नगत वाहन की बीमित धनराषि रू0 2,60,000.00, मानसिक एवं आर्थिक क्षतिपूर्ति के लिये रू0 25,000.00 तथा अन्य उपषम जो मा0 फोरम न्यायहित में उचित समझे दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादिनी का यह कथन है कि परिवादिनी का पंजीकृत वाहन सं0-यू0पी0-77-ई-4680 बीमा पाॅलिसी नं0-108025/31/11/017085 बीमा अवधि दिनांक 30.11.10 से 29.11.11 (तक बीमित) दिनांक 29.03.11 को परिवादिनी की बिना अनुमति के परिवादिनी का ड्राईवर मोहम्मद सईद व उसका भाई व्यक्तिगत रूप से लेकर गया और बाद में यह सूचित किया कि प्रष्नगत वाहन चोरी हो गया है। परिवादिनी द्वारा अपने ड्राईवर मोहम्मद साईद के विरूद्ध संदेह के आधार पर दिनांक 30.03.11 को धारा-406 भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज करायी गयी और घटना की सूचना विपक्षी बीमा कंपनी को उसी समय दी गयी तथा बाद में जरिये पंजीकृत डाक दिनांक
...........2
...2...
02.04.11 लिखित रूप से भेजी गयी। परिवादिनी का प्रष्नगत वाहन रू0 2,60,000.00 में उपरोक्त बीमित अवधि के लिए बीमित था। परिवादिनी द्वारा विपक्षी के यहां व्ूद क्ंउंहम ब्संपउ (अपने नुकसान की भरवाई हेतु) दावा किया गया, किन्तु विपक्षी द्वारा परिवादिनी के नुकसान की भरपाई नहीं की गयी। फलस्वरूप प्रस्तुत परिवाद, परिवादिनी को योजित करना पड़ा।
3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आया। अतः विपक्षी पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 01.03.14 को विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादिनी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 12.06.12 एवं 26.09.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति, परिवादिनी द्वारा विपक्षी को प्रेशित पत्र दिनांकित 31.03.11 की प्रति, नोटिस की प्रति, वाहन के पंजीयन से सम्बन्धित प्रमाण पत्र की प्रति, बीमा पाॅलिसी की प्रति तथा आरोप पत्र की प्रति दाखिल किया है।
निष्कर्श
5. फोरम द्वारा परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादिनी द्वारा अपने कथन के समर्थन में दो षपथपत्र एवं षपथपत्र के साथ उपरोक्त अन्य प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये हैं। विपक्षी की ओर से बावजूद तामीला
कोई उपस्थित नहीं आया है। अतः उपरोक्त परिस्थितियों में परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्य अखण्डनीय हैं। अतः परिवादिनी की ओर से किये गये कथन व कथन के समर्थन में प्रस्तुत किये गये उपरोक्त
....3....
साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। जिससे स्पश्ट होता है कि विपक्षी द्वारा परिवादिनी को दी गयी सेवा में घोर कमी कारित की गयी है, जिसे परिवादिनी द्वारा अपने षपथपत्र एवं प्रलेखीय साक्ष्यों के माध्यम से साबित किया जा चुका है।
उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार परिवादिनी का प्रस्तुत परिवाद एकपक्षीय एवं आंषिक रूप से, वाहन की उपरोक्त बीमित धनराषि रू0 2,60,000.00 में से 25 प्रतिषत डिप्रीसिएषन वैल्यू घटाकर षेश 75 प्रतिषत धनराषि परिवादिनी को दिलाये जाने हेतु स्वीकार किये जाने योग्य है। अतः 25 प्रतिषत डिप्रीसिएषन वैल्यू कम करने पर (260000×75/100 =195000) षेश धनराषि 1,95,000.00 बनती है, जो परिवादिनी प्राप्त करने की अधिकारिणी है। इसके अतिरिक्त परिवादिनी परिवाद व्यय के रूप में रू0 5000.00 भी प्राप्त करने की अधिकारिणी है। जहां तक परिवादिनी द्वारा अन्य याचित उपषम का प्रष्न है-उक्त के सम्बन्ध में परिवादिनी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा कोई सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण, अन्य याचित उपषम के लिए परिवादिनी का परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7. परिवादिनी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय एवं आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षी परिवादिनी को अभिकथित बीमित वान की धनराषि रू0 1,95,000.00 (रू0 एक लाख पन्चानबे हजार मात्र) तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय के रूप में अदा करें।
(श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी) (पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्या सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर। कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी) (पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्या सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर। कानपुर नगर।