Uttar Pradesh

Muradabad-II

cc/136/2012

Shri Khurshid Hussain - Complainant(s)

Versus

Shriram General Insurance Company - Opp.Party(s)

07 Nov 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. cc/136/2012
 
1. Shri Khurshid Hussain
R/0 Near Bus Stand, Main Market Pakwara Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Shri Ram General Insurance Company
Branch Office IInd Floor Gandhi Nagar Rampur Road In Front Of Loveena Restaurant Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादीगण ने यह उपशम मांगा है कि  विपक्षीगण से उन्‍हें चोरी गई  गाड़ी का बाजारू मूल्‍य 18  प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज  सहित दिलाया जाऐ। गलत तरीके से  बीमा दावा अस्‍वीकृत करने और  क्षतिपूर्ति की मद  में क्रमश: 50 -50 हजार रूपया और परिवाद व्‍यय की मद में 5000/-  रूपया परिवादीगण ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।  
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादीगण टाटा मैजिक  गाड़ी सं0- यू0पी0 21 ए0एन0 0674 के पंजीकृत स्‍वामी हैं। यह गाड़ी विपक्षी सं0-1 से दिनांक 26-4-2011 से 25-4-2011 की अवधि हेतु बीमित थी।  दिनांक 02/11/2011 को थाना कुढ़फतेहगढ़ जिला मुरादाबाद (वर्तमान में जिला सम्‍भल) के क्षेत्रान्‍तर्गत परिवादीगण की यह गाड़ी कुछ अपराधियों द्वारा लूट ली गई  जिसकी एफ0आई0आर0  उसी  दिन  थाना कुढ़फतेहगडढ़ में धारा-379 आई0पी0सी0 के अधीन अपराध सं0-187/2011 पर परिवादी सं0-1 ने दर्ज कराई। बीमा कम्‍पनी को सूचित किया गया और विपक्षीगण के समक्ष  बीमा दावा प्रस्‍तुत किया गया। विपक्षीगण ने सर्वेयर नियुक्‍त किया। लूट के इस मामले में पुलिस ने विवेचना के उपरान्‍त फाइनल रिपोर्ट न्‍यायालय में  प्रेषित की जिसे न्‍यायालय द्वारा स्‍वीकार कर लिया गया। परिवादीण ने  अग्रेत्‍तर कहा कि बीमा दावे के भुगतान हेतु उन्‍होंने कई बार विपक्षी सं0-1  के कार्यालय से सम्‍पर्क किया, किन्‍तु बीमा दावे का भुगतान उन्‍होंने नहीं किया। परिवादीगण के अनुसार उन्‍होंने सारी औपचारिकताऐं पूरी कर दी हैं। परिवादीगण का कथन है कि बीमा दावा का भुगतान न कर विपक्षीगण ने सेवा में कमी की है, उन्‍होंने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्‍वीकार किऐ जाने की प्रार्थना की।
  3.   परिवाद के साथ परिवादीगण ने लूटी गई टाटा मैजिक की आर0सी0,  न्‍यायालय द्वारा एफ0आर0 स्‍वीकृत किऐ जाने के आदेश, पुलिस द्वारा प्रेषित अन्तिम रिपोर्ट, थाना कुढ़फतेहगढ़ पर दर्ज कराई गई प्रथम सूचना रिपोर्ट की फोटो प्रतियों को दाखिल किया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/5 लगायत 3/13 हैं।
  4.   विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद कागज सं0-10/1 लगायत 10/4  दाखिल हुआ। प्रतिवाद पत्र में विपक्षीगण ने परिवादीगण की टाटा मैजिक गाड़ी सं0-यू0पी0 21 ए0एन0-0674 विपक्षीगण से दिनांक 26-4-2011 से 25-4-2012 की अवधि हेतु 2,80,000/- रूपये के लिए बीमित होना, गाड़ी लूट लिऐ जाने की एफ0आई0आर0 दर्ज होना और घटना की सूचना मिलने पर सर्वेयर नियुक्‍त किया जाना तो स्‍वीकार किया है, किन्‍तु शेष कथनों से इन्‍कार किया। विपक्षीगण ने घटना के सन्‍दर्भ में अग्रेत्‍तर कथन किया कि सर्वेयर द्वारा की गई जॉंच में यह पाया गया कि परिवादी सं0-1 व उसका चालक राम अवतार जब टाटा मैजिक में सवारी बैठाकर ले जा रहे थे तो रास्‍ते में इंग्निशन में चाबी लगी हुई छोड़कर वे दोनों पेशाब करने चले गऐ। ऐसा करके परिवादीगण ने बीमा पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघन किया है इसलिए वे क्‍लेम पाने के अधिकारी नहीं हैं। विपक्षीगण ने बीमा पालिसी की शर्त सं0-5 को उद्धृत करते हुऐ कहा कि परिवादीगण ने चॅूंकि गाड़ी को रात में समय जंगल में इंग्निशन में चाबी लगी हुई छोड़कर बीमा पालिसी की शर्त सं0-5 का उल्‍लंघन किया है अत: इस आधार पर बीमा दावा अस्‍वीकृत कर उन्‍होंने पत्र दिनांक 29-3-2012 ​द्वारा परिवादीगण को सूचित कर दिया है। उपरोक्‍त कथनों के आधार पर  परिवाद को सव्‍यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई है।
  5.   परिवादीगण की ओर से परिवादी  सं0-1 खुर्शीद हुसैन ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-11 दाखिल किया। विपक्षीगण की ओर से लीगल आफीसरश्री मनीष गुप्‍ता का साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-14/1 लगायत  14/5 दाखिल हुआ। विपक्षीगण ने इस साक्ष्‍य शपथ पत्र के साथ इन्‍वेस्‍टीगेटर की रिपोर्ट, एफ0आई0आर0 की नकल, परिवादी के शपथ पत्र, क्‍लेम अस्‍वीकृत किऐ जाने सम्‍बन्‍धी पत्र दिनांकित 29/3/2012 और विपक्षीगण को सूचना दिऐ जाने सम्‍बन्‍धी क्‍लेम  इन्‍टीमेशन स्लिप दिनांकित 04/11/2011 की फोटो प्रतियों को दाखिल कराया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-14/6 लगायत 14/20 हैं।
  6.   दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी लिखित बहस दाखिल की।
  7.   हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
  8.   विपक्षीगण को यह स्‍वीकार है कि परिवादीगण की टाटा मैजिक गाड़ी यू0पी0 21 ए0एन0-0674 दिनांक 26-4-2011 से 25-4-2012 की अवधि हेतु विपक्षीगण से बीमित थी। विपक्षीगण को यह भी स्‍वीकार है कि बीमा राशि 2,80,000/- रूपया थी।
  9.   परिवादीगण के अनुसार उनकी टाटा मैजिक गाड़ी की लूट दिनांक 02/11/2011 को सायंकाल 6.00 बजे हुई थी जिसकी उन्‍होंने थाना कुढ़फतेहगढ़ जिला सम्‍भल में ततकाल प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई। प्रथम सूचना रिपोर्ट की नकल पत्रावली का कागज सं0-14/15 है जिसके अवलोकन से प्रकट है  कि लूट की इस घटना की एफ0आई0आर0 परिवादी सं0-1 ने उसी दिन घटना के मात्र डेढ़ घण्‍टे के भीतर पुलिस में दर्ज करा दी थी। प्रकट है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराऐ जाने में तनिक भी विलम्‍ब नहीं किया गया है।  विपक्षीगण के साक्षी मनीष गुप्‍ता के साक्ष्‍य शपथ पत्र के पैरा सं0-15 में यह उल्‍लेख है कि ‘’ वाहन चोरी की सूचना मुकामी पुलिस को भी काफी विलम्‍ब से दी गई थी ’’ नि:तान्‍त आधारहीन है। मनीष गुप्‍ता के साक्ष्‍य शपथ पत्र के पैरा सं0-15 में यह भी उल्‍लेख है कि इस चोरी/ लूट की सूचना विपक्षीगण को दिनांक 04/11/2011 को दी गई इसे विपक्षीगण ने विलम्‍ब से दिया जाना कहा है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार घटना दिनांक 02/11/2011 की सायंकाल 6.00 बजे  की है। कदाचित घटना की  सूचना  विपक्षीगण को 04 तारीख को  कार्यालय में दिन  में  किसी  समय  मिली  होगी।  हमारे अभिमत में  चोरी  की  सूचना विपक्षीगण को दिऐ  जाने  में  कोई  देरी  नहीं हुई। अन्‍यथा भी विपक्षीगण ने चूँकि अपने प्रतिवाद पत्र में  यह कथन  नहीं  किया है  कि परिवादी पक्ष  की  ओर से  घटना  की  सूचना  विपक्षीगण  को देने में  विलम्‍ब  किया गया  है ऐसी  दशा  में  अभिवचनों से इतर  अपने साक्ष्‍य  में  विपक्षीगण यह  कहने से  बि‍बन्धित हैं  कि  परिवादी पक्ष ने  चोरी की  घटना की सूचना देने में विलम्‍ब किया है।
  10.   प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार परिवादीगण की टाटा मैंजिक उसमें बैठी एक सवारी उस समय लेकर चली गई जब परिवादी और टाटा मैजिक के चालक ने पेशाब करने लिए गाड़ी को रोका था और वे पेशाब कर रहे थे।  विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता ने परिवादी सं0-1 खुर्शीद हुसैन के शपथ  पत्र की नकल कागज सं0-14/16 के पैरा सं0-3 की ओर हमारा ध्‍यान आकर्षित करते हुऐ तर्क दिया कि परिवादी सं0-1 खुर्शीद हुसैन और उसके चालक जब  पेशाब करने गाड़ी से उतरे थे तो उन्‍होंने गाड़ी की चाबी इंग्निशन में लगी हुई छोड़ दी थी। विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता के अनुसार बीच रास्‍ते में इंग्निशन में चाबी लगी हुई छोड़कर गाड़ी से इस प्रकार उतर कर परिवादी सं0-1 खुर्शीद हुसैन ने बीमा पालिसी की शर्त सं0-5 का उल्‍लंघन किया है  और इस उल्‍लंघन के आधार पर बीमा कम्‍पनी ने परिवादीगण का बीमा दावा अस्‍वीकृत करके कोई त्रुटि नहीं की।
  11.   परिवादीगण के  विद्वान अधिवक्‍तागण ने  प्रत्‍युत्‍तर में  तर्क  दिया कि  पेशाब आने  की बजह  से  अचानक उन्‍हें  गाड़ी रोकनी पड़ी थी। खुर्शीद हुसैन अथवा गाड़ी  के चालक ने  गाड़ी को  असुरक्षित नहीं छोड़ा था और परिवादीगण ने बीमा पालिसी की  किसी भी  शर्त का उल्‍लंघन नहीं किया है।   
  12.   III (2014) CPJ 663 (नेशनल कमीशन) न्‍यू इण्डिया एश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड व एक अन्‍य बनाम गिरीश गुप्‍ता  के मामले में  मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता  विवाद प्रतितोष आयोग, नई, दिल्‍ली  द्वारा निर्णय के पैरा सं0-21 में निम्‍न अभिमत दिया है:-

‘’ The leaving of the key in the ignition of the car on all occasions can not be termed as so serious breach so as to disentitle the insured from seeking claim under the insurance policy . Whether or not  there is breach of condition will always depend upon the facts of the case. The car is said to have been stolen when the driver parked the vehicle at road side and went to ease himself, forgetting to remove the keys from ignition. The is lapse on the part of the driver can not be treated as wilful breach of condition No.5 on the part  of the driver. If in the hurry to answer the call of nature the driver forgot to remove keys from the ignitions switch he can not be said to have committed wilful breach violation of the trems of the above condition No.5. In our aforesaid view we are supported by judgment of Punjab & Haryana high court in the matter of Bajaj Allianz general insurance company ltd V/s  M/s Sagar tour &  Travels & Anr. P.L.R. Vol. CLX IV-(2011-4)’’

     13.  मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई  दिल्‍ली  द्वारा गिरीश गुप्‍ता की निर्णयज विधि में  दिऐ  गऐ  अभिमत के दृष्टिगत                 विपक्षीगण द्वारा बीमा पालिसी की शर्त सं0-5 का आधार  लेकर  परिवादीगण का  बीमा  दावा  अस्‍वीकृत किया  जाना विधि अनुकूल नहीं                    माना  जा सकता। विपक्षीगण ने  परिवादीगण  का  बीमा  दावा  अस्‍वीकृत करके त्रुटि  की  है  और  यह सेवा में  कमी  का  मामला है।                           परिवादीगण को  टाटा मैजिक गाड़ी की  बीमा राशि ब्‍याज  सहित विपक्षीगण से  दिलाया जाना हम  न्‍यायोचित समझते हैं। मामले के तथ्‍यों             और परिस्थितियों के  दृष्टिगत अनावश्‍यक रूप  से  बीमा दावा अस्‍वीकृत कर दिये जाने के कारण परिवादीगण को क्षतिपूर्ति की  मद  में                     एकमुश्‍त  20000/- (बीस हजार रूपया) विपक्षीगण से अतिरिक्‍त दिलाया जाना हमारे मत  में  उचित होगा। तदानुसार परिवाद स्‍वीकार होने               योग्‍य है।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                        परिवाद योजित किऐ  जाने की  तिथि से  वास्‍तविक वसूली की  तिथि तक की  अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित 2,80,000/- (दो  लाख  अस्‍सी  हजार रूपया) की वसूली हेतु यह परिवाद विपक्षीगण के  विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है।  परिवादीगण क्षतिपूर्ति की मद  में  एकमुश्‍त 20,000/- (बीस हजार रूपया) और  परिवाद व्‍यय  की मद  में 2,500/- (दो हजार पाँच सौ  रूपया) विपक्षीगण से  अतिरिक्‍त  पाने के अधिकारी होगें। इस  आदेशानुसार समस्‍त  धनराशि का भुगतान परिवादीगण को  दो  माह  में  किया जाये 

 

 

    (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •   0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

         07.11.2015             07.11.2015            07.11.2015

     हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 07.11.2015 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य            अध्‍यक्ष

  •    0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      07.11.2015                07.11.2;15           07.11.2015

     

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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