ORDER | द्वारा- श्री पवन कुमार जैन-अध्यक्ष। - इस परिवाद के माध्यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षीगण को आदेशित किया जाय कि वे चोरी हुई परिवादी की मोटर साईकिल की बीमित राशि मुवलिग 26,000/- का भुगतान परिवादी को करें। क्षतिपूर्ति की मद में परिवादी ने 26,000/- रूपया अतिरिक्त मांगे हैं और यह भी अनुरोध किया है कि बीमित राशि और क्षतिपूर्ति की धनराशि पर उसे मोटर साईकिल चोरी होने की तिथि से 16 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी दिलाया जाऐ। परिवाद व्यय परिवादी ने अतिरिक्त मांगा है।
- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी मोटर साईकिल संख्या- यू0 पी0 21 एक्स 7470 का पंजीकृत स्वामी है। इसके लिए उसने विपक्षी सं0-1 से एक बीमा पालिसी ली थी। पालिसी का नम्बर-108046/31/12/007320 है। यह पालिसी दिनांक 03/2/2012 से 02/2/2013 तक की अवधि हेतु प्रभावी थी। परिवादी के अनुसार उसकी यह मोटर साईकिल चोरी हो गई। दिनांक 02 मार्च, 2012 को उसने चोरी की लिखित सूचना थाना बिलारी पर दी। पुलिस ने एफ0आई0आर0 दिनांक 7/3/2012 को दर्ज की जबकि परिवादी ने चोरी की सूचना 2 मार्च, 2012 को ही दे दी थी। परिवादी ने मोटर साईकिल की आर0सी0, इंश्योरेंस की कापी तथा थाना बिलारी पर दिऐ गऐ प्रार्थना पत्र की नकलें अगले ही दिन विपक्षी सं0-1 को उसके अधिकृत एजेन्ट के माध्यम से दे दीं। दिनांक 22/3/2012 को विपक्षी सं0-1 के कार्यालय से परिवादी को यह सूचना मिली कि उसने मोटर साईकिल चोरी की सूचना देर से दी। परिवादी के अनुसार विपक्षी का कथन गलत है उसने तत्काल पुलिस और बीमा कम्पनी को सूचना दे दी थी। परिवादी ने अग्रेत्तर कहा कि चोरी के इस मामले में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया। परिवादी क्लेम फार्म भरकर और सभी सुसंगत अभिलेख लेकर दिनांक 9/1/2014 को विपक्षी सं0-1 के कायार्लय पहुँचा और क्लेम के निस्तारण का अनुरोध किया, किन्तु विपक्षी सं0-1 ने कागजात लेने से मना कर दिया और कहा कि उन्होंने परिवादी की फाईल बन्द कर दी है। पूछने पर परिवादी को बताया गया कि परिवादी ने मोटर साईकिल चोरी की सूचना देर से लिखाई है। परिवादी ने क्लेम फार्म और अन्य सुसंगत कागजात दिनांक 17/1/2014 को रजिस्टर्ड डाक द्वारा विपक्षी सं0-1 को भेजे जो उन्हें प्राप्त हो गऐ हैं। बार-बार अनुरोध के बावजूद विपक्षीगण ने परिवादी के क्लेम का भुगतान नहीं किया है। परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से विपक्षीगण को कानूनी नोटिस भी भिजवाया, किन्तु विपक्षीगण सुनवाई करने को तैयार नहीं है। परिवादी ने यह कहते हुऐ कि उसका क्लेम गलत तरीके से अस्वीकृत किया गया है, परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
- परिवाद के साथ परिवादी ने विपक्षी सं0-1 को भेजे गऐ पत्र दिनांकित 17/1/2014, एफ0आई0आर0, क्लेम फार्म, विपक्षीगण की ओर से प्राप्त रिप्यूडिऐशन लेटर दिनांकित 22/3/2012,पालिसी सर्टिफिकेट, मोटर साईकिल की आर0सी0, अपने ड्राईविंग लाईसेंस, पुलिस द्वारा प्रेषित फाइनल रिपोर्ट, न्यायालय द्वारा अन्तिम रिपोर्ट स्वीकार किऐ जाने के आदेश तथा विपक्षीगण को परिवादी की ओर से भेजे गऐ कानूनी नोटिस दिनांकित 10/3/2014 की नकलों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/6 लगायत 3/21 हैं।
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- विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-7/1 लगायत 7/5 दाखिल हुआ जिसमें परिवादी की मोटर साईकिल दिनांक 03/2/2012 से 02/2/2013 तक की अवधि हेतु बीमित होना और परिवादी का क्लेम अस्वीकृत किया जाना तो स्वीकार किया है किन्तु शेष परिवाद कथनों से इन्कार किया गया है। विशेष कथनों में कहा गया है कि मोटर साईकिल चोरी की घटना की एफ0आई0आर0 परिवादी द्वारा काफी समय बीत जाने के बाद दिनांक 07/3/2012 को थाने बिलारी पर दर्ज कराई गई और उक्त चोरी की सूचना विपक्षीगण को दिनांक 16/3/2012 को दी गई जबकि बीमा पालिसी की शर्तों के अनुसार परिवादी को थाने पर तुरन्त चोरी की एफ0आई0आर0 दर्ज करानी चाहिऐ थी और तुरन्त ही बीमा कम्पनी को सूचना देनी चाहिए थी। एफ0आई0आर0 दर्ज कराने में और बीमा कम्पनी को सूचना देने में देरी करके परिवादी ने बीमा पालिसी की शर्त सं0-1 का उल्लंघन किया। अत: उसका बीमा दावा अस्वीकृत करके पत्र दिनांक 22/3/2012 द्वारा उसे सूचना दे दी गई थी। विपक्षीगण ने परिवादी का दावा अस्वीकृत करके कोई त्रुटि नहीं की। उक्त कथनों के आधार पर विपक्षीगण ने परिवाद को सव्यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
- परिवादी ने साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-8/1 लगायत 8/4 दाखिल किया जिसके साथ उसने उन प्रपत्रों को जो परिवाद के साथ दाखिल किऐ गऐ थे, बतौर संलग्नक दाखिल किया, यह प्रपत्र साक्ष्य शपथ पत्र के संलग्नक-1 लगायत संलग्नक-16 हैं जिन पर कागज सं0-8/5 लगायत 8/20 डाला गया है।
- विपक्षीगण की ओर से बीमा कम्पनी की लीगल आफिसर श्री राहुल खण्डेलवाल का शपथ पत्र कागज सं0-9/1 लगायत 9/7 दाखिल हुआ जिसके साथ बतौर संलग्नक परिवादी द्वारा प्रेषित की गई क्लेम इन्टीमेशन स्लिप, बीमा कवरनोट, रिप्यूडिऐशन लेटर और बीमा पालिसी की शर्तों को बतौर संलग्नक दाखिल किया गया, यह प्रपत्र प्रतिवाद पत्र के संलग्नक-1 लगायत संलग्नक-3 हैं जिन पर कागज सं0-9/8 लगायत 9/11 डाला गया है।
- दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी लिखित बहस दाखिल की।
- हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। पक्षकारों के मध्य इस बिन्दु पर कोई विवाद नहीं है कि परिवादी की मोटर साईकिल दिनांक 03 फरवरी, 2012 से 02 फरवरी,2013 तक की अवधि हेतु 26,000/- रूपये के लिये विपक्षी सं0-1 से बीमित थी। मोटर साईकिल दिनांक 02/3/2012 को चोरी हो जाने के आधार पर परिवादी ने विपक्षी सं0-1 के समक्ष बीमा दावा प्रस्तुत किया जिसे विपक्षीगण ने पत्र दिनांक 22/3/2012 (पत्रावली का कागज सं0-3/11) द्वारा अस्वीकृत कर दिया। आधार यह लिया गया कि विपक्षीगण को चोरी की सूचना देने में परिवादी ने विलम्ब किया और इस प्रकार बीमा पालिसी की शर्त सं0-1 का उसने उल्लंघन किया।
- परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के अनुसार परिवादी की मोटर साईकिल दिनांक 02/3/2012 को चोरी हुई थी। उसी दिन चोरी की लिखित सूचना परिवादी ने थाना बिलारी पर दी। थाना बिलारी पर दी गई लिखित सूचना की नकल तथा अन्य आवश्यक प्रपत्रों के साथ अगले ही दिन अर्थात् 03/2/2012 को परिवादी ने विपक्षी सं0-1 को उसके अधिकृत बीमा एजेन्ट के माध्यम से सूचित कर दिया था। इस प्रकार पुलिस में चोरी की रिपोर्ट कराने तथा विपक्षी को चोरी की सूचना देने में परिवादी ने कोई विलम्ब नहीं किया। चोरी की प्रथम सूचना रिपोर्ट यदि पुलिस ने दिनांक 07/3/2012 को दर्ज की तो उसमें परिवादी का कोई दोष नहीं है। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के अनुसार परिवादी ने बीमा पालिसी की किसी शर्त का उल्लंधन नहीं किया और विपक्षीगण ने उसका बीमा दावा अस्वीकृत करके त्रुटि की है।
- विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि मोटर साईकिल दिनांक 02/3/2012 को चोरी होना परिवादी ने बताया है किन्तु उसकी परिवादी ने एफ0आई0आर0 दिनांक 07/3/2012 को दर्ज कराई । उनका यह भी तर्क है कि परिवादी ने विपक्षीगण को तत्काल चोरी की सूचना नहीं दी। क्लेम इन्टीमेशन स्लिप कागज सं0-9/8 की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करते हुऐ उन्होंने कहा कि परिवादी ने चोरी की सूचना विपक्षीगण को सर्वप्रथम दिनांक 16/3/2012 को दी थी। इस प्रकार प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने में 5 दिन और विपक्षीगण को सूचना देने में परिवादी ने 14 दिन का विलम्ब किया और विलम्ब करके बीमा पालिसी की शर्त सं0-1 का उसने उल्लंघन किया। विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता के अनुसार परिवादी का बीमा दावा अस्वीकृत करने विपक्षीगण ने कोई त्रुटि नहीं की।
- अब देखना यह है कि क्या इस मामले में बीमा पालिसी की शर्त संख्या -1 का उल्लंघन हुआ है अथवा नहीं ?
- थाना बिलारी पर दर्ज एफ0आई0आर0 की नकल पत्रावली का कागज सं0-3/7 है। इसके अवलोकन से प्रकट है कि मोटर साईकिल चोरी की रिपोर्ट थाना बिलारी पर दिनांक 07/3/2012 को दर्ज हुई थी। प्रथम सूचना रिपोर्ट की नकल कागज सं0-3/7 के अवलोकन से प्रकट है कि यह प्रथम सूचना रिपोर्ट परिवादी की स्वयं की तहरीरी रिपोर्ट दिनांक 07/3/2012 के आधार पर दर्ज हुई थी। अपने साक्ष्य शपथपत्र के पैरा सं0-4 में यधपि परिवादी ने यह कहा है कि उसने चोरी वाले दिन अर्थात् 02/3/2012 को ही मोटर साईकिल चोरी हो जाने विषयक लिखित रिपोर्ट थाना बिलारी पर दे दी थी, किन्तु पुलिस ने उसकी रिपोर्ट दिनांक 07/3/2012 को लिखी। परिवादी ने ऐसी किसी लिखित रिपोर्ट जिसे वह चोरी वाले दिन ही थाना बिलारी पर दिया जाना कहता है, की नकल पत्रावली में दाखिल नहीं की है। एफ0आई0आर0 के अवलोकन से भी परिवादी का उक्त कथन प्रमाणित नहीं है क्योंकि यह एफ0आई0आर0 परिवादी द्वारा दिनांक 07/3/2012 को दिऐ गऐ प्रार्थना पत्र के आधार पर दर्ज हुई थी। इस तरह दिनांक 02/3/2012 को परिवादी द्वारा थाना बिलारी पर मोटर साईकिल चोरी की कोई लिखित रिपोर्ट दिया जाना प्रमाणित नहीं है।
- परिवाद के पैरा सं0-4 में परिवादी ने यधपि यह उल्लेख किया है कि चोरी की घटना से अगले दिन उसने चोरी की सूचना विपक्षी सं0-1 को उसके अधिकृत बीमा एजेन्ट के माध्यम से दे दी थी, किन्तु अपने इस कथन का कोई प्रमाण परिवादी ने प्रस्तुत नहीं किया। विपक्षीगण के लीगल आफिसर श्री राहुल खण्डेलवाल ने अपने साक्ष्य शपथ पत्र के पैरा सं0-20 में परिवादी के इस कथन से स्पष्ट इन्कार किया है कि चोरी से अगले दिन परिवादी द्वारा चोरी की सूचना विपक्षी सं0-1 को उसके अधिकृत बीमा एजेन्ट के माध्यम से दे दी गई थी ऐसी दशा में परिवादी के लिए यह आवश्यक था कि वह किसी अभिलेखीय साक्ष्य से परिवाद के पैरा सं0-4 में उल्लिखित कथनों को प्रमाणित करता, किन्तु परिवादी इन्हें प्रमाणित नहीं कर पाया है। विपक्षीगण की ओर से दाखिल क्लेम इन्टीमेशन स्लिप कागज सं0-9/8 के अवलोकन से प्रकट है कि परिवादी ने चोरी की सूचना विपक्षी सं0-1 को दिनांक 16/3/2012 को दी थी। इस प्रकार पत्रावली पर जो अभिलेख और साक्ष्य उपलब्ध है उससे प्रकट है कि पुलिस में चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने में परिवादी द्वारा 5 दिन का और विपक्षीगण को सूचना देने में 14 दिन का विलम्ब किया गया और ऐसा करके परिवादी ने बीमा पालिसी की शर्त सं0-1 का उल्लंघन किया। बीमा पालिसी की शर्तों की नकल पत्रावली के कागज सं0-9/11 लगायत 9/12 है। बीमा पालिसी के उल्लंघन के आधार पर परिवादी का बीमा दावा अस्वीकृत करके विपक्षीगण ने कोई त्रुटि नहीं की।
- उपरोक्त विवेचना के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि परिवाद खारिज होने योग्य है।
परिवाद खारिज किया जाता है। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
13.04.2016 13.04.2016 13.04.2016 हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 13.04.2016 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य सदस्य अध्यक्ष जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद 13.04.2016 13.04.2016 13.04.2016 | |