Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/74/2013

Bright Land Public School - Complainant(s)

Versus

Shriram General Insurance Company - Opp.Party(s)

22 May 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/74/2013
 
1. Bright Land Public School
Add:- Office Balaji Puram , Hallu Sarai District Sambhal
...........Complainant(s)
Versus
1. Shri Ram General Insurance Company
Branch Gandhi Nagar Near Prathama Bank Rampur Road Wazila, Distt. Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

                            

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित 6,000/- रूपया प्राप्‍त करने हेतु परिवादी द्वारा यह परिवाद योजित किया गया है। मानसिक कष्‍ट एवं आर्थिक हानि की मद में 5,000/- रूपया और परिवाद व्‍यय अतिरिक्‍त दिलाऐ जाने की भी परिवादी ने प्रार्थना की।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार है कि परिवादी टाटा मैजिक वाहन सं0- यू0पी0 21 ए0एन0/4314 का स्‍वामी है। इस गाड़ी का 3 लाख रूपया का उसने बीमा विपक्षी से कराया। बीमा दिनांक 19/10/2011 से 10/102012 तक बैध था। बीमा अवधि में दिनांक 31/01/2012 को उक्‍त वाहन दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया जिससे उसका फ्रन्‍ट का शीशा टूट गया। परिवादी ने विपक्षी को इसकी सूचना दी। विपक्षी के कहने पर परिवादी ने गाड़ी का शीशा लगवा लिया जिसमें कुल 6,000/- रूपया का खर्च आया। परिवादी ने 6,000/- रूपया की अदायगी हेतु विपक्षी के समक्ष दावा प्रस्‍तुत किया। परिवादी ने नोटिस भी दिया किन्‍तु विपक्षी ने क्‍लेम देने से इन्‍कार कर दिया। परिवादी के अनुसार उसे मजबूरन यह परिवाद योजित करना पड़ा।
  3.  विपक्षी ने अपना प्रतिवाद पत्र कागज सं0-11/1 लगायत 11/3 दाखिल किया जिसमें परिवाद में उल्लिखित परिवादी की गाड़ी बीमित होने और दुर्घटना की सूचना मिलने के तथ्‍य को स्‍वीकार किया गया, शेष कथनों से इन्‍कार किया गया। विपक्षी के अनुसार दुर्घटना में हुई गाड़ी की क्षति का आंकलन कर 3,200/- रूपया का क्‍लेम स्‍वीकृत किया गया था जिसे प्राप्‍त करने हेतु परिवादी को डिस्‍चार्ज बाउचर भेजा गया किन्‍तु उसने यह क्‍लेम प्राप्‍त करने से इन्‍कार कर दिया। विपक्षी ने यह कहते हुऐ कि उसकी ओर से सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है, परिवाद को सव्‍यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गयी।
  4. परिवाद के साथ परिवादी ने बीमा सार्टिफिकेट, दुर्घटना में अन्‍तर्ग्रस्‍त हुई गाड़ी के परमिट, फ्रन्‍ट शीशा लगवाने में हुऐ खर्चे के बिल, विपक्षी को भेजे गऐ कानूनी नोटिस, बीमा कवरनोट और नोटिस दिनांकित 15/5/2012 की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया।
  5.   परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0 13/1 लगायत 13/2 और विपक्षी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0 12/1 लगायत 12/2 दाखिल किया।
  6.   किसी पक्ष की और से लिखित बहस दाखिल नहीं की गयी।
  7.   हमने दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।  
  8.   पक्षकारों के मध्‍य इस बिन्‍दु पर कोई विवाद नहीं है कि परिवाद के पैरा सं0-1 में उल्लिखित परिवादी की गाड़ी अभिकथित दुर्घटना के समय अर्थात् दिनांक 31/1/2012 को विपक्षी से बीमित थी। दुर्घटना में इस गाड़ी का फ्रन्‍ट शीशा टूट जाने की सूचना प्राप्‍त होने से भी विपक्षी ने इन्‍कार नहीं किया है। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का कथन है कि विपक्षी के निर्देशानुसार परिवादी ने नया शीशा लगवाया जिसका मूल्‍य 5,000/- रूपया और लेबर चार्जेज 1,000/- रूपये आये। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने खर्चे की 6,000/- रूपये की रसीद की फोटो प्रति कागज सं0-3/7 को इंगित किया और कहा कि अनुरोध के बावजूद विपक्षी ने 6,000/- रूपये का भुगतान नहीं किया। प्रत्‍युत्‍तर में विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि गाड़ी में हुई क्षति का आं‍कलन करके 3,200/- रूपये का क्‍लेम मन्‍जूर किया था जिसे परिवादी ने लेने से इन्‍कार कर दिया। विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता के अनुसार विपक्षी ने सेवा में कोई कमी नहीं की।
  9.   जब हमने विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता से यह जानना चाहा कि 6,000/- रूपया खर्चे के सापेक्ष 3,200/- रूपया क्‍लेम विपक्षी ने किस आधर पर स्‍वीकार किया तो उन्‍होंने बताया कि शीशे की डेप्रीसिऐटिड वैल्‍यू आंकलित की गयी है। हम विपक्षी की ओर से दिऐ गऐ इस तर्क से सहमत नहीं है कि परिवादी को शीशे की डेप्रीसिऐटिड वैल्‍यू का भुगतान विपक्षी द्वारा किया जायेगा क्‍योंकि विपक्षी की ओर से बीमा पालिसी की ऐसी किसी शर्त का उल्‍लेख नहीं किया गया जिसके अधीन कार के फ्रन्‍ट शीशे के मूल्‍य की डेप्रीसिऐटिड वैल्‍यू का भुगतान बीमा दावे के रूप में किया जाना अपेक्षित हो अन्‍यथा भी बीमा सार्टिफिकेट कागज सं0-3/5 के अनुसार परिवादी की गाड़ी नई है इस दृष्टिकोण से डेप्रीसिऐटिड वैल्‍यू के आधार पर बीमा दावे को आंकलित करना किसी नियम/ शर्त के अभाव में स्‍वीकार योग्‍य नहीं है। परिवादी द्वारा नया शीशा लगवाने में 6,000/- रूपया खर्च आना प्रमाणित है। बीमा सार्टिफिकेट के अनुसार कम्‍पलसरी डिडैक्‍शन 500/- रूपया होगा। इस दृष्टि से परिवादी को 5,500/- रूपया (पॉंच हजार पॉंच सौ) विपक्षी द्वारा दिया जाना चाहिऐ। परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से इस धनराशि पर 9 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्‍याज और परिवाद व्‍यय भी परिवादी को दिलाया जाना हम न्‍यायोचित समझते हैं।

 

  •  

  परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित 5,500/- रूपया (पॉंच हजार पॉंच सौ) रूपया की वसूली हेतु यह परिवाद परिवादी के पक्ष में, विपक्षी के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। इसके अतिरिक्‍त परिवादी परिवाद व्‍यय के रूप में विपक्षी से 2,500/- रूपया (दो हजार पॉंच सौ) अतिरिक्‍त पाने का अधिकारी होगा। इस आदेशानुसार धनराशि का भुगतान एक माह में किया जाय।

 

                                         (सुश्री अजरा खान)                                           (पवन कुमार जैन)

                                               सदस्‍य                                                              अध्‍यक्ष

  •                         0उ0फो0-।। मुरादाबाद                                       जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

                                      22.05.2015                                                             22.05.2015

     हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 25.05.2015 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

                                     (सुश्री अजरा खान)                                             (पवन कुमार जैन)

                                            सदस्‍य                                                               अध्‍यक्ष

  •                     0उ0फो0-।। मुरादाबाद                                      जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

                                  22-05-2015                                                         22-05-2015

 

 

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