Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/150/2013

Shri Sageer - Complainant(s)

Versus

Shriram General Insurance Company Ltd. - Opp.Party(s)

02 Jul 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/150/2013
 
1. Shri Sageer
R/o Pipalsana Distt. Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Shri Ram General Insurance Company Ltd.
Branch Office IInd Floor Gandhi Nagar Rampur Road In Front Of Loveena Restaurant Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षीगण को आदेशित किया जाये कि उसके चोरी गये ट्रक सं0- के0ए0 43/2146 की बीमा राशि 12,00,000/- (बारह लाख रूपये) 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित वे परिवादी को अदा करें। मानसिक पीड़ा एवं आर्थिक क्षति की मद में 1,00,000/- (एक लाख रूपया), परिवाद व्‍यय एवं अधिवक्‍ता फीस की मद में 25,000/- (पच्‍चीस हजार रूपया)  परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2.   परिवाद कथन संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी का ट्रक सं0- के0ए0 43/2146 दिनांक 13/06/2011 से 12/06/2012 तक की अवधि हेतु विपक्षीगण से बीमित था। बीमित राशि 12,00,000/- रूपये थी। परिवादी के अनुसार विपक्षी बीमा कम्‍पनी  के शाखा कार्यालय द्वारा दिनांक 13/06/2011 को उपलब्‍ध कराया गया था। बीमा पालिसी उपलब्‍ध नहीं करायी गयी थी। परिवादी ने अग्रेत्‍तर कथन किया कि यह ट्रक उसने कोटक महेन्‍द्रा बैंक लिमिटेड, पीलीकोठी, मुरादाबाद से ऋण लेकर खरीदा था इसे भाड़े पर चलाकर परिवादी अपना तथा अपने परिवार को पालन पोषण करता था। दिनांक 23/24 अगस्‍त, 2011 की मध्‍य रात्रि में थाना मंगलौर तहसील रूड़की जिला हरिद्वार (उत्‍तराखण्‍ड) के क्षेत्रान्‍तर्गत रोडवेज बस अड्डे के सामने अज्ञात बदमाशों ने सोते समय ट्रक लूट लिया। परिवादी ने दिनांक 24 अगस्‍त, 2011 को ही इस घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट थाना कोतवाली, मंगलौर तहसील रूड़की जिला हरिद्वार में धारा-392/506 आई0पी0सी0 के अन्‍तर्गत दर्ज करायी। घटना के समय ट्रक का चालक अय्यूब और क्‍लीनर परवेज था। परिवादी पुलिस के साथ ट्रक की तलाश में लगा रहा। परिवादी ने इस हादसे की सूचना विपक्षीगण तथा ट्रक के फाइनेन्‍सर को टोल फ्री नम्‍बरों के माध्‍यम से दी। सूचना के बावजूद और ट्रक का पता न लगने पर परिवादी ने घटना की लिखित सूचना दिनांक 30/08/2011 को विपक्षीगण की मुरादाबाद स्थित शाखा में दी और साथ ही साथ फाइनेन्‍सर को भी सूचना उपलब्‍ध करायी। परिवादी ने अग्रेत्‍तर कथन किया कि कागजी औपचारिकताओं के नाम पर विपक्षीगण उसे इधर से उधर दौड़ा रहे हैं उसने जो भी कागजात उपलब्‍ध थे वे विपक्षीगण को उपलब्‍ध करा दिऐ हैं। इसके बावजूद विपक्षीगण ने दिनांक 13/09/2011 के पत्र द्वारा उसका क्‍लेम अवैधानिक आधारों पर निरस्‍त कर दिया। परिवादी ने एक परिवाद सं0- 38 वर्ष 2012, सगीर बनाम श्रीराम जनरल इंश्‍योरेंस कं0 लि0 आदि जिला उपभोक्‍ता फोरम, रामपुर के समक्ष प्रस्‍तुत किया जिसमें विपक्षीगण ने क्षेत्राधिकार सम्‍बन्‍धी्ं आपत्ति उठायी। जिला उपभोक्‍ता फोरम, रामपुर ने दिनांक 10/10/2013 के आदेश से परिवादी को सक्षम जिला फोरम के समक्ष योजित करने हेतु परिवाद वापिस कर दिया और इस प्रकार परिवादी ने इस फोरम के समक्ष यह परिवाद योजित किया है। परिवादी के अनुसार उसका क्‍लेम अवैधानिक रूप से निरस्‍त किया गया है और ऐसा करके विपक्षीगण ने सेवा में कमी  की है। परिवादी ने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्‍वीकार किऐ जाने की प्रार्थना की।
  3.   विपक्षीगण ने प्रतिवाद पत्र कागज सं0- 9/1 लगायत 9/5 दाखिल किया। प्रतिवाद पत्र में परिवाद में उल्लिखित परिवादी के ट्रक का बीमा विपक्षीगण द्वारा किया जाना, बीमित राशि 12,00,000/- रूपया होना, बीमा अवधि 13/06/2011 से 12/06/2012 तक होना, ट्रक का कोटक महेन्‍द्रा बैंक से हाईपोथीगेशन एग्रीमेन्‍ट होना तथा कथित लूट की एफ0आई0आर0 थाना मंगलौर में दर्ज होना तो स्‍वीकार किया गया है, किन्‍तु शेष परिवाद कथनों से इन्‍कार किया गया है। विशेष कथनों में कहा गया है कि परिवादी ने सही तथ्‍यों को छिपाते हुऐ गलत तथ्‍यों के आधार पर परिवाद योजित किया है। परिवादी ने फाइनेन्‍सर को पक्षकार नहीं बनाया जिस कारण परिवाद में आवश्‍यक पक्षकार के असंयोजन का दोष है। लूट की घटना के बाद 2 वर्ष से अधिक अवधि बीत जाने के बाद परिवाद योजित किया गया है अत: परिवाद कालबाधित है। विपक्षीगण की ओर से अग्रेत्‍तर कहा गया है कि ट्रक लूट की सूचना बीमा कम्‍पनी को दिनांक 10/09/2011 को परिवादी ने दी थी। अत्‍याधिक विलम्‍ब से सूचना दिऐ जाने के कारण परिवादी ने बीमा पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघन किया क्‍योंकि शर्तों के अनुसार परिवादी द्वारा लूट की घटना की सूचना बीमा कम्‍पनी को तुरन्‍त दी जानी अपेक्षित थी। परिवादी द्वारा पुलिस में दर्ज करायी गयी एफ0आई0आर0 भी संदिग्‍ध और बनावटी प्रतीत होती है। विपक्षीगण को विलम्‍ब से सूचना देने के आधार पर परिवादी का बीमा दावा अस्‍वीकृत करके कोई त्रुटि अथवा सेवा में कमी नहीं की। विपक्षीगण द्वारा परिवाद सव्‍यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गयी।
  4.   परिवाद के साथ परिवादी ने ट्रक की आर0सी0, परमिट, बीमा सार्टिफिकेट, ट्रक चालक के ड्राईविंग लाईसेंस, थाना मंगलौर जिला हरिद्वार के प्रभारी निरीक्षक को परिवादी द्वारा घटना के सम्‍बन्‍ध  में दी गई तहरीरी रिपोर्ट, प्रथम सूचना रिपोर्ट, विपक्षी सं0-1 को दी गयी लिखित सूचना दिनांक 30/08/2011 द्वारा उसे भेजे जाने की डाकखाने की रसीद की फोटो प्रति तथा क्‍लेम  अस्‍वीकृत किऐ जाने विषयक विपक्षीगण के पत्र दिनांकित 13/09/2011 की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया है।
  5.   साक्ष्‍य में परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-11/1  लगायत 11/4 प्रस्‍तुत  किया। विपक्षीगण की ओर से बीमा कम्‍पनी के लीगल आफिसर श्री राहुल खण्‍डेलवाल का साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-12/1 लगायत 12/6 दाखिल हुआ। विपक्षीगण के इस साक्ष्‍य शपथ पत्र के साथ परिवादी द्वारा दिनांक 10/09/2011 को प्रस्‍तुत क्‍लेम फार्म, बीमा सार्टिफिकेट, रिप्‍यूडिऐशन लेटर दिनांक 13/09/2011 एवं पालिसी की शर्तों की फोटो प्रतियों को संलग्‍नक-1 ता 3 के रूप में दाखिल किया गया है, यह पपत्र पत्रावली के कागज सं0-12/7 लगायत 12/11 हैं।
  6.   परिवादी ने लिखित बहस कागज सं0-13/1 लगायत 13/4 दाखिल की। विपक्षीगण की ओर से लिखित बहस कागज सं0-14/1 लगायत 14/3 दाखिल हुई।
  7.   हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
  8.   पत्रावली में अवस्थित आर0सी0 की नकल कागज सं0-3/7 से प्रकट है  कि परिवादी ट्रक सं0- के0ए0 43/ 2146 का पंजीकृत स्‍वामी है। यह ट्रक कोटक महिन्‍द्रा बैंक लि0 से वित्‍त पोषित है। विपक्षीगण ने प्रतिवाद पत्र में यह स्‍वीकार किया है कि उक्‍त ट्रक लूट लिऐ जाने की एफ0आई0आर0 थाना मंगलौर रूड़की, जिला हरिद्वार (उत्‍तरखण्‍ड) में दर्ज हुई थी, अभिकथित रूप से उक्‍त ट्रक दिनांक 13/06/2011 से 12/06/2012 तक की अवधि  हेतु विपक्षीगण से बीमित था, बीमित राशि 12,00,000/- रूपये थी और कथित लूट की सूचना विपक्षीगण को देने में देरी किऐ जाने के आधार पर परिवादी का बीमा दावा पत्र दिनांकित 13/09/2014 के माध्‍यम से विपक्षीगण ने अस्‍वीकृत किया था।
  9.   पत्रावली में अवस्थित एफ0आई0आर0 कागज सं0- 3/12 के अवलोकन से प्रकट है कि दिनांक 23/24 अगस्‍त, 2011 की मध्‍य रात्रि लगभग 1 बजे कस्‍बा व थाना मंगलौर, रूड़की जिला हरिद्वार में रोडवेज बस स्‍टैन्‍ड के सामने आज्ञात बदमाशों ने ट्रक के ड्राईवर और क्‍लीनर को दबोच कर और उनके हाथ पैर बांधकर और मुंह दबाकर गोली मारने की धमकी देते हुऐ ट्रक लूट लिया था। घटनास्‍थल से लगभग 10-12 कि0मी0 दूर लेकर जाकर बदमाशों ने ड्राईवर और क्‍लीनर को खेतों में फेंक दिया और ट्रक को लेकर भाग गऐ। लूट की इस घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट थाना मंगलौर में  दिनांक 24/08/2011 को सायंकाल 4 बजकर 20 मिनट पर भारतीय दण्‍ड संहिता की धारा-392/506 आई0पी0सी0 के अधीन दर्ज हुई। इस प्रकार प्रथम सूचना रिपोर्ट कथित लूट की घटना के मात्र 13 घण्‍टे बाद पुलिस में दर्ज हुई, एफ0आई0आर0 दर्ज कराने में  कोई विलम्‍ब  नहीं हुआ।
  10.   जैसा कि क्‍लेम अस्‍वीकृत किऐ जाने सम्‍बन्‍धी विपक्षीगण के पत्र दिनांकित 13/09/2011 से प्रकट है, कथित रूप से लूट की सूचना विपक्षीगण को विलम्‍ब से देने और इस प्रकार बीमा पालिसी की शर्त सं0-1 के उल्‍लंघन के आधार पर विपक्षीगण ने बीमा दावा अस्‍वीकृत किया है। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विपक्षीगण ने परिवादी को मात्र कवरनोट उपलब्‍ध कराया था बीमा पालिसी उसे उपलब्‍ध नहीं करायी गई। ऐसी दशा में विपक्षीगण कथित रूप से पालिसी की शर्त के उल्‍लंघन का अबलम्‍व लेकर परिवादी का बीमा दावा अस्‍वीकृत नहीं कर सकता थे। विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता ने प्रत्‍युत्‍तर में कहा कि परिवादी को बीमा कवरनोट के साथ बीमा पालिसी भी उपलब्‍ध करायी गई थी, परिवादी का यह कथन मिथ्‍या है कि उसे मात्र कवरनोट उपलब्‍ध कराया गया था। परिवादी ने अपने तर्क के समर्थन में परिवाद के पैरा सं0-1 की ओर  हमारा ध्‍यान आकर्षित किया जिसमें परिवादी ने स्‍पष्‍ट उल्‍लेख  किया है कि  ‘’ परिवादी को अभिलेखों के रूप  में मात्र कवरनोट उपलब्‍ध कराया गया था। बीमा पालिसी उपलब्‍ध  नहीं करायी गयी थी। ‘’परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने विपक्षीगण के प्रतिवाद पत्र कागज सं0-9/1  लगायत 0/5  की ओर  हमारा ध्‍यान आकर्षित किया और  बल  देकर यह कथन  किया  कि बीमा पालिसी उपलब्‍ध नहीं कराये जाने  विषयक परिवादी के उक्‍त कथनों को विपक्षीगण ने अपने प्रतिवाद पत्र में Enaciv denial तो किया है किन्‍तु परिवाद के इन कथनों से विशिष्टि रूप से इन्‍कार करने का साहस नहीं कर पाऐ है। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि बीमा पालिसी उपलब्‍ध न कराऐ जाने विषयक परिवादी के परिवाद कथनों से चॅूंकि विपक्षीगण ने स्‍पेसेफिक डिनायल नहीं किया है। परिवादी के उक्‍त कथन स्‍वयं सिद्ध माने जाने चाहिऐ। हम परिवादी के तर्कों से सहमत हैं। विपक्षीगण के साक्षी श्री राहुल खण्‍डेलवाल ने यधपि अपने साक्ष्‍य शपथपत्र कागज सं0-12 के पैरा सं0-1 में यह कहा है कि बीम पालिसी, बीमा कम्‍पनी द्वारा परिवादी को मय शर्तों के दी गयी थी  किन्‍तु साक्ष्‍य शपथ पत्र में उनका यह कथन प्रतिवाद पत्र में Specific denial न होने के कारण विपक्षीगण के लिए सहायक नहीं है। अन्‍यथा भी विपक्षीगण की ओर से कोई ऐसा  अभिलेख दाखिल नहीं किया गया है जिसके आधार पर यह माना जाऐ कि परिवादी को बीमा कवरनोट के साथ बीमा पालिसी मय शर्तों के उपलब्‍ध करायी गई थी। ।।(2012) सीपीजे पृष्ठ-349 (एनसी), ओरयिन्‍टल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लि0 बनाम ब्रहम देव पंजियारा के मामले में मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्‍ली द्वारा यह व्‍यवस्‍था दी गयी है कि यदि परिवादी को केवल बीमा पालिसी का कवरनोट उपलब्‍ध कराया गया है और पालिसी की शर्तों को उसे उपलब्‍ध नहीं कराया गया हो तो बीमा पालिसी की शर्तों का अबलम्‍व लेकर बीमा कम्‍पनी बीमा दावा को अस्‍वीकृत नहीं कर सकती। । (2013) सी0पी0जे0 पृष्‍ठ- 644 (एनसी्), एच0डी0एफ0सी0 इरमा जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लि0 बनाम रक्षपाल सिंह की निर्णयज विधि में मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता  विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्‍ली ने यह अभिमत दिया है कि बीमा कम्‍पनी का यह उत्‍तरदायित्‍व है कि प्रीमियम लेने के उपरान्‍त वह बीमित को पालिसी की शर्तें उपलब्‍ध कराऐ। वर्तमान मामले में चॅूंकि यह प्रमाणित नहीं हुआ है कि विपक्षीगण ने परिवादी को बीमा पालिसी और उसकी शर्तें उपलब्‍ध  नहीं करायी थी़ ऐसी दशा में पालिसी की शर्त सं0-1 के उल्‍लंघन का अबलम्‍व लेकर परिवादी का बीमा दावा अस्‍वीकृत नहीं किया जाना चाहिऐ। बीमा दावा अस्‍वीकृत किऐ  जाने का विपक्षीगण का पत्र दिनांकित 13/09/2011 स्थिर रहने योग्‍य नहीं है।

11 -      परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का अगला तर्क है कि चोरी की सूचना विपक्षीगण को देने में परिवादी के स्‍तर से कोई विलम्‍ब नहीं हुआ है, जो भी  विलम्‍ब है वह परिस्थितिजन्‍य है तथा सूचना देने में हुई कि‍थत देरी का प्रर्याप्‍त स्‍पष्‍टीकरण  परिवादी ने दिया है। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह भी कथन है कि यदि तर्क के तौर पर सूचना मिलने में कुछ  विलम्‍ब हुआ है तो मात्र विलम्‍ब के आधार पर विपक्षीगण परिवादी का बीमा दावा अस्‍वीकृत नहीं कर सकते थे, अपने इन तर्कों के समर्थन में परिवादी ने VI (2014) सी0पी0जे0 पृष्‍ठ-62 (एनसी), नेशनल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लि0 बनाम कुलबन्‍त सिंह तथा ।। (2014) सी0पी0जे0 पृष्‍ठ-65 (एनसी), नेशनल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लि0 बनाम बी0 वेंकेट स्‍वामी के मामले में  मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्‍ली द्वारा दी गई निर्णयज विधि का अबलम्‍व लिया।

12 -      कुलबन्‍त सिंह की उपरोक्‍त निर्णयज विधि में मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता  विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्‍ली रेगुलेटरी एण्‍ड डबलपमेंट आथर्टी (आई0आर0डी0ए0) की सकुर्लर दिनांकित 20/9/2011 को उद्धृत करते हुऐ यह व्‍यवस्‍था दी है कि बीमा कम्‍पनियों को मशीनीकृत तरीके से तकनीकी आधारों पर बीमा दावो को अस्‍वीकृत नहीं किया जाना चाहिऐ यदि अन्‍यथा बीमा दावा स्‍वीकार किया जा सकता तो मात्र इस आधार पर कि चोरी की सूचना बीमा कम्‍पनी को देर से दी गयी है, बीमा दावा अस्‍वीकृत नहीं किया जाना चाहिऐ। आई0आर0डी0ए0 के उपरोक्‍त सकुर्लर दिनांकित 20/09/2011 का उद्धृत करना हम आवश्‍यक समझते है जो निम्‍नवत् है:-

 

13 – परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा बी0 वेकेट स्‍वामी की जिस निर्णयज विधि का अबलम्‍व लिया गया है उसमें भी आई0आर0डी0ए0 के उपरोक्‍त सकुर्लर दिनांकित 20/09/2011 का उल्‍लेख है। मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता  विवाद प्रतितोष आयोग की इस निर्णयज विधि में निर्णय के पैरा सं0-10 में निम्‍न विधि व्‍यवस्‍था दी गयी है:-

     ‘’ Therefore, we are of considered view that the insurance company can not repudiate the bona fide claims on technical grounds, like delay in intimation and submission of certain cocuments. Therefore, the act of OP herein, in closing the claim of complainant as No Claim is unjustified.’’

  1.  

14 - कुलवन्‍त सिंह की रूलिंग के तथ्‍य वतमान मामले के तथ्‍यों पर पूर्णतया लागू होते हैं क्‍योंकि कुलवन्‍त सिंह के मामले की भॉंति वर्तमान मामले में भी ट्रक लूट  की घटना की एफ0आई0आर0 कराने में परिवादी ने कोई विलम्‍ब नहीं किया था यदि कथित विलम्‍ब है तो वह केवल विपक्षीगण को लूट की सूचना दिऐ जाने में कहा जा सकता है।

15 – ट्रक लूट की घटना दिनांक 23/24 अगस्‍त, 2011 की मध्‍य रात्रि में हुई थी। यह लूट मंगलौर रूड़की, जिला हरिद्वार के (उत्‍तराखण्‍ड) के क्षेत्र में अर्धरात्रि में हुई। परिवादी जिला रामपुर का निवासी है। परिवादी ने अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र में यह  कहा है कि उसने ट्रक लूट की सूचना विपक्षीगण और वित्‍त पोषक को टोल फ्री नम्‍बरों द्वारा दी थी। पत्रावली में अवस्थित रजिस्‍ट्री की रसीदात कागज सं0- 3/13 की ओर हमारा ध्‍यान आकर्षित करते हुऐ परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने यह भी कहा कि रजिस्‍ट्री के माध्‍यम से भी दिनांक 02/09/2011 को परिवादी ने विपक्षीगण और वित्‍त पोषक कोटक महिन्‍द्रा बैंक को लूट की सूचना दे दी थी। इसके विपरीत विपक्षीगण का कथन है कि लूट की सूचना विपक्षीगण को दिनांक 10/09/2011  को प्राप्‍त हुई। वर्तमान मामले में परिवादी द्वारा उद्धृत कुलवन्‍त सिंह की निर्णयज विधि के दृष्टिगत जब अन्‍यथा परिवादी का क्‍लेम स्‍वीकार किया जा सकता था तो विपक्षीगण ने लूट की सूचना मिलने में कथित देरी के आधार पर परिवादी का बीमा दावा अस्‍वीकृत नहीं किया जाना चाहिऐ था।

16 –      विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता ने दावा अस्‍वीकृति विषयक पत्र दिनांक 13/09/2011 पत्रावली का कागज सं0- 3/7 का समर्थन करते हुऐ  निमन निर्णयज विधियों का अबलम्‍ब लिया।

  1.  सिविल अपील सं0- 6739/2010 ओरियन्‍टल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लि0 बनाम परवेश चन्‍दर चड्ढ़ा ( सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा दिनांक 17/08/2010 को निर्णीत)
  2. VI (2012) सी0पी0जे0 पृष्‍ठ-441 (एन0सी0), न्‍यू इण्डिया इंश्‍योरेंस कम्‍पनी  लि0 बनाम त्रिलोचन जाने (...... मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता  विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्‍ली)
  3.  VI (2012) सी0पी0जे0 पृष्‍ठ-701 (एन0सी0) राहुल तवंर बनाम ओरियन्‍टल  इंश्‍योरेंस कम्‍पनी  लि0 (.....मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता  विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्‍ली)
  4.   VI (2014) सी0पी0जे0 पृष्‍ठ-637 (एन0सी0) यूनाईटेड इण्डिया इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लि0 बनाम जोगेन्‍द्र सिंह (.....मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता  विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्‍ली)
  5. रिवीजन पिटिशन सं0- 4749/2013, श्रीराम जनरल एश्‍योरेंस कम्‍पनी  लि0 बनाम महेन्‍द्र जाट (.....मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता  विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्‍ली द्वारा दिनांक16/12/2014 को निर्णीत)

17 - उपरोक्‍त निर्णयत विधियों का अबलम्‍व लेकर विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता ने जोर देकर कहा कि विपक्षीगण को लूट की सूचना देने में चॅूंकि परिवादी के स्‍तर से विलम्‍ब किया गया था और ऐसा करके परिवादी ने बीमा पालिसी की शर्त सं0-1 का उल्‍लंघन किया है अत: परिवादी का बीमा दावा अस्‍वीकार करके विपक्षीगण ने कोई त्रुटि नहीं की है, उन्‍होंने परिवाद को सव्‍यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की है।

          ‘’ courts should not place reliance on decisions without discussing as to how factual situation fits in with fact siruation of decision on which reliance placed circumstantial flexibility, one additional or different fact may make world of difference between conclusions in two cases. Disposal of cases by placing reliance on a decision blindly is not proper.’’

18 -   अब देखना यह है कि विपक्षीगण की ओर से जिन रूलिंग्‍स का अबलम्‍ब  दिलया गया है वह इस मामले में विपक्षीगण के लिए सहायक है अथवा नहीं ? परवेश चन्‍दर चड्ढ़ा तथा त्रिलोचन जाने की रूलिग्‍स को कुलवन्‍त सिंह के केस में मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्‍ली द्वारा विचार में लिया गया था तथ्‍यों में भिन्‍नता के कारण परवेश चन्‍दर चड्ढ़ा और त्रिलोचन जाने की रूलिगस को कुलवन्‍त सिंह के केस में मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग ने सहायक नहीं पाया जैसा कि हम ऊपर कह चुके हैं कि वर्तमान मामले के तथ्‍य कुलवन्‍त सिंह की रूलिंग के मामले के तथ्‍यों  पर लागू होते हैं अत: परवेश चन्‍दर चड्ढ़ा और त्रिलोचन जाने की रूलिंग इस मामले में  विपक्षीगण  के लिए सहायक नहीं है। राहुल तवंर के मामले में स्‍कूटर लूट  की एफ0आई0आर0 5 दिन बाद पुलिस में दर्ज करायी गयी थी  तथा विपक्षीगणा को सूचना दी गयी इसका कोई उल्‍लेख नहीं था जबकि वर्तमान मामले में ट्रक लूट की एफ0आई0आर0 ट्रक लूट  की घटना वाले दिन ही पुलिस में  दर्ज हो गयी थी अत: तथ्‍य भ्न्निता के कारण राहुल तवंर की रूलिंग इस मामले में लागू नहीं होती। जोगेन्‍द्र सिंह की रूलिंग में तथ्‍य यह थे कि ट्रैक्‍टर चोरी की एफ0आई0आर0 पुलिस में 10 दिन  बाद लिखायी गयी और बीमा कम्‍पनी को लूट  की सूचना 13  दिन बाद मिली। इस रूलिंग के तथ्‍य भी वर्तमान मामले में आई0आर0डी0ए0 के सकुर्लर दिनांकित 20/09/2011 पर विचार ही नहीं किया गया। इस प्रकार यह रूलिंग भी इस  मामले में विपक्षीगण के लिए सहायक नहीं है।

19 -   क्‍लेम अस्‍वीकृत किऐ जाने विषयक विपक्षीगण के पत्र दिनांकित 13/09/2011 के सन्‍दर्भ में की गयी उपरोक्‍त विवेचना के आधार पर हम इस निष्‍कर्ष पर पहुँचे हैं कि विपक्षीगण द्वारा परिवादी का दावा अस्‍वीकृत करके त्रुटि की गयी और यह सेवा में कमी का मामला है।

20 -   विपक्षीगण का एक तर्क यह है कि ट्रक के वित्‍त पोषक- कोटक महिन्‍द्रा बैंक लि0 को परिवादी ने पक्षकार नहीं बनाया, वह परिवादी में आवश्‍यक पक्षकार था अत: आवश्‍यक पक्षकार के असंयोजन के कारण परिवाद खारिज होने योग्‍य  है। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने प्रतिवाद किया और कहा कि क्‍लेम विपक्षीगण ने अस्‍वीकृत किया था अत: परिवादी के लिए वित्‍त पोषक को पक्षकार बनाया जाना आवश्‍यक नहीं था। हम परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता के उक्‍त कथन से सहमत हैं। विपक्षीगण यह भी नहीं दर्शा पाये कि किस प्रकार मामले के प्रभावी एवं अन्तिम निस्‍तारण हेतु वित्‍त पोषक की उपस्थिति इस परिवाद में आवश्‍यक थी। वित्‍त पोषक के असंयोजन विषयक विपक्षीगण का तर्क स्‍वीकार होने योग्‍य नहीं है।

21 -   प्रतिवाद पत्र के पैरा सं0-11 की ओर हमारा ध्‍यान आकर्षित करके विपक्षीगण की ओर से एक तर्क यह दिया गया कि यह परिवाद कालबाधित है। इसके उत्‍तर में परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा परिवाद के पैरा सं0- 6 ए की ओर हमारा आकर्षित किया गया और कहा गया कि यह परिवाद पहले जिला उपभोक्‍ता फोरम, रामपुर के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया था। उक्‍त फोरम से इस फोरम के समक्ष दायर करने हेतु अनुमति प्राप्‍त कर परिवादी ने इस फोरम के समक्ष यह परिवाद योजित किया है। परिवाद के पैरा सं0-6 ए में उल्लिखित तथ्‍यों से विपक्षीगण ने स्‍पष्‍ट इन्‍कार किया। परिवादी ने चॅूंकि जिला उपभोक्‍ता  फोरम, रामपुर से दिनांक 10/10/2013 को परिवाद वापिस लेने की अनुमति प्राप्ति कर 29/11/2013 को इस फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत किया है अत: परिवाद कालबाधित नहीं है।

22 -   उपरोक्‍त सम्‍पूर्ण विवेचना के आधार पर हम इस निष्‍कर्ष पर पहुँचे हैं  कि क्‍लेम अस्‍वीकृत किऐ जाने विषयक विपक्षीगण का पत्र दिनांक 13/9/2011 स्थिर रहने योग्‍य नहीं है, परिवादी का बीमा दावा अस्‍वीकृत कर विपक्षीगण  ने त्रुटि की और सेवा में कमी की है।  परिवादी को ट्रक की बीमित राशि  9  प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित विपक्षीगण से दिलाया जाना हम न्‍ययोचित समझते हैं।  तदानुसार परिवाद स्‍वीकार होने योग्‍य है।

                                                                     

                                                                                           आदेश

  परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज  की दर से ट्रक की बीमित राशि 12,00,000/- (बारह लाख  रूपया) की वसूली हेतु यह परिवाद परिवादी के पक्ष में और  विपक्षीगण के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। परिवादी विपक्षीगण से 2,500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) परिवाद व्‍यय  के रूप में अतिरिक्‍त  पाने का अधिकारी होगा। इस आदेशानुसार धनराशि का भुगतान दो माह में किया जाये।

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)     (सुश्री अजरा खान)     (पवन कुमार जैन)

      सामान्‍य सदस्‍य             सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  • 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     02.07.2015            02.07.2015         02.07.2015

     हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 02.07.2015 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)     (सुश्री अजरा खान)     (पवन कुमार जैन)

      सामान्‍य सदस्‍य             सदस्‍य               अध्‍यक्ष

  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     02.07.2015           02.07.2015           02.07.2015

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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