ORDER | द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष - इस परिवाद के माध्यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षीगण से उसे बीमा राशि 6,48,000/- (छ: लाख अड़तालिस हजार रूपया) 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित दिलाऐ जाये। मानसिक कष्ट व आर्थिक हानि की मद में 50,000/- (पचास हजार रूपया) क्षतिपूर्ति तथा परिवाद व्यय की परिवादी ने अतिरिक्त मांग की।
- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार है कि परिवादी ट्रक सं0- यू0पी021एन-9943 का पंजीकृत स्वामी है। उसका यह ट्रक विपक्षीगण से दिनांक 21/10/2012 से 20/10/2013 तक की अवधि के लिऐ बीमित था। बीमा राशि 6,48,000/- (छ: लाख अड़तालिस हजार रूपया) थी। परिवादी का यह ट्रक दिनांक 1/2 अप्रैल,2013 की मध्य रात्रि में पक्का बाग मन्दिर के आगे चकली रोड से चोरी हो गया। घटना की सूचना उसने दिनांक 02/04/2013 को विपक्षीगण के कार्यालय में तथा पुलिस को दी। थाना हायातनगर की पुलिस ने परिवादी से कहा कि पहले वह अपने ट्रक की खोजबीन कर ले्ं न मिलने पर एफ0आई0आर0 दर्ज कर ली जायेगी। परिवादी को जब ट्रक नहीं मिला तो धारा- 379 भारतीय दण्ड विधान के अधीन उसकी एफ0आई0आर0 पुलिस में दर्ज कर ली गई। विपक्षीगण ने भी परिवादी से कहा कि जॉचकर्ता से जॉंच कराकर परिवादी को बीमा राशि अदा कर दी जायेगी। विपक्षीगण के एक जॉंचकर्ता ने आकर मामले की जॉंच की और कुछ खाली कागजों पर परिवादी के हस्ताक्षर कराऐ। परिवादी विपक्षीगण के सैकड़ों चक्कर लगा चुका है, परन्तु यह कहकर की जॉंच अभी चल रही है, परिवादी को वे टालते रहे अन्तत: दिनांक 15/08/2013 को उन्होंने बीमा राशि देने से इन्कार कर दिया। परिवादी ने विपक्षीगण को कानूनी नोटिस भी दिया था उस पर भी उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। परिवादी ने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्वीकार किऐ जाने की प्रार्थना की।
- विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-7/1 लगायत 7/6 दाखिल हुआ। विपक्षीगण ने परिवादी का ट्रक दिनांक 21/10/2012 से 20/10/2013 तक की अवधि के लिए बीमित होना और कथित चोरी की घटना की एफ0आई0आर0 थाने पर दिनांक 05/04/2013 को दर्ज होना तो स्वीकार किया है, किन्तु शेष परिवाद कथनों से इन्कार किया। विपक्षीगण ने अग्रेत्तर कथन किऐ कि दिनांक 01/04/2013 को हुई ट्रक चोरी की एफ0आई0आर0 थाने में दिनांक 05/04/2013 को दर्ज करायी गई और चोरी की घटना की सूचना विपक्षीगण को दिनांक 06/04/2013 को दी गई। परिवादी ने बीमा पालिसी की शर्त सं0-1 का उल्लंघन किया। इस शर्त के अनुसार चोरी की दशा में परिवादी के लिए आवश्यक था कि वह घटना की तत्काल पुलिस में रिपोर्ट कराता और तत्काल बीमा कम्पनी को सूचित करता, किन्तु उसने ऐसा नहीं किया। विपक्षीगण ने यह भी कहा कि परिवादी ने कोई दस्तावेज बीमा कम्पनी को उपलब्ध नहीं कराये। उससे पत्र दिनांकित 26/06/2013, 02/07/2013, 26/06/2013 द्वारा दस्तावेजों की मांग की गयी, किन्तु परिवादी ने दस्तावेज नहीं दिऐ और बीमा कम्पनी का सहयोग नहीं किया। विपक्षीगण ने परिवादी का बीमा दावा दिनांक 24/10/2013 के पत्र द्वारा बीमा पालिसी की शर्तों के उल्लंघन किऐ जाने के आधार पर खारिज कर दिया और इसकी सूचना परिवादी को पत्र द्वारा दे दी। विपक्षीगण ने यह कहते हुऐ कि उन्होंने सेवा देने में कोई कमी अथवा त्रुटि नहीं की, परिवाद को सव्यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
- परिवाद के साथ परिवादी ने बीमा कवरनोट, एफ0आई0आर0 तथा विपक्षीगण को अभिकथित रूप से भेजे गये कानूनी नोटिस की नकलें तथा नोटिस भेजने की असल रसीदात को दाखिल किया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0- 3/4 लगायत 3/6 हैं।
- परिवादी ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0- 9/1 लगायत 9/4 दाखिल किया।
- विपक्षीगण की ओर से बीमा कम्पनी के लीगल आफिसर श्री संजय तिवारी ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-12/1 लगायत 12/8 दाखिल किया। साक्ष्य शपथ पत्र के साथ कागजात उपलब्ध कराये जाने विषयक परिवादी को भेजे गये पत्र दिनांकित 10/04/2013, 22/05/2013, 02/07/2013 एवं पत्र दिनांकित 26/08/2013, परिवादी द्वारा प्रस्तुत क्लेम इन्टीमेंशन स्लिप दिनांकित 06/04/2013, बीमा कवरनोट, बीमा की शर्तें तथा परिवादी को भेजे गये क्लेम अस्वीकृति के पत्र दिनांकित 24/10/2013 की प्रतियों को संलग्नक सं0-1 लगायत 7 के रूप में दाखिल किया गया है, यह संलग्नक पत्रावली के कागज सं0-12/9 लगायत 12/17 हैं।
- दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी लिखित बहस दाखिल की।
- हमने पक्षकरों के विद्वान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
- परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि ट्रक चोरी की प्रथम सूचना रिपोर्ट पुलिस में दर्ज करा दी थी और चोरी की सूचना विपक्षीगण को परिवादी द्वारा दे दी गयी थी। इसके विपरीत विपक्षीगण ने परिवादी का बीमा दावा अस्वीकृत किया और ऐसा करके उन्होंने त्रुटि की तथा सेवा में कमी की है। विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता ने प्रत्युत्तर में कहा कि घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट थाना हयातनगर जिला सम्भल में दिनांक 05/04/2013 को दर्ज करायी गई जबकि चोरी की घटना 1/2 अप्रैल, 2013 की है। परिवादी ने चोरी की सूचना विपक्षीगण को दिनांक 06/04/2013 को दी। इस प्रकार प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखाने में 4 दिन और विपक्षीगण को सूचना देने में पांच दिन का विलम्ब किया गया और ऐसा करके परिवादी ने बीमा पालिसी की शर्त सं0-1 का उल्लंघन किया। इसके अनुसार परिवादी के लिए आवश्यक था कि वह कथित चोरी के बाद इमीजेटली पुलिस में प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखाता और विपक्षीगण को सूचित करता, किन्तु ऐसा नहीं किया गया। विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता ने हमारा ध्यान परिवादी को भेजे गये पत्रों की ओर भी आकर्षित किया और कहा कि बार-बार अनुरोध के बावजूद परिवादी ने विपक्षीगण को कागजात उपलब्ध नहीं कराऐ। विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि कागजात उपलब्ध न कराऐ जाने और बीमा पालिसी की शर्तों का उल्लंघन किऐ जाने के आधार पर परिवादी का बीमा दावा पत्र दिनांकित 24/10/2013 (कागज सं0- 12/16) द्वारा अस्वीकृत करके विपक्षीगण ने कोई त्रुटि नहीं की।
- परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने विपक्षीगण के उपरोक्त तर्कों का प्रतिवाद करते हुऐ परिवाद के पैरा सं0-4 और अपने साक्ष्य शपथ पत्र के पेरा सं0-7 की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करते हुऐ कहा कि चोरी की इस घटना की सूचना परिवादी ने पुलिस और विपक्षीगण को दिनांक 02/04/2013 को दे दी थी इस प्रकार परिवादी ने सूचना देने में कोई विलम्ब नहीं किया तथा उसने बीमा पालिसी की शर्त सं0-1 का उल्लंघन नहीं किया है। विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता ने परिवादी के इस कथन का कि पुलिस और विपक्षीगण को परिवादी ने चोरी की सूचना दिनांक 02/04/2013 को दे दी थी, का खण्डन किया और कहा कि परिवादी का यह कथन कि दिनांक 02/04/2013 को उसने पुलिस और विपक्षीगण को सूचना दे दी थी मिथ्या है।
- मामले की प्रथम सूचना रिपोर्ट की नकल पत्रावली का कागज सं0-3/5 है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में इस बात का कोई उल्लेख नहीं है कि परिवादी ने घटना की सूचना पुलिस को अथवा विपक्षीगण को दिनांक 02/04/2013 को दे दी थी। पत्रावली पर अन्य ऐसा कोई अभिलेख नहीं है जिससे प्रकट हो कि परिवादी द्वारा पुलिस और विपक्षीगण को घटना की सूचना दिनांक 02/04/2013 को दे दी गयी थी, अत: परिवादी का यह कथन स्वीकार किऐ जाने योग्य नहीं है कि चोरी की सूचना उसने पुलिस और विपक्षीगण को दिनांक 02/04/2013 को दे दी थी। प्रथम सूचना रिपोर्ट की नकल पत्रावली का कागज सं0- 3/5 के अनुसार परिवादी ने घटना की सूचना पुलिस में दिनांक 05/04/2013 को दर्ज करायी। क्लेम इन्फोरमेंशन स्लिप कागज सं0-12/13 के अवलोकन से प्रकट है कि विपक्षीगण को चोरी की सूचना दिनांक 06/04/2013 को दी गई।
- IV (2012) सीपीजे पृष्ठ-441 (एनसी), न्यू इण्डिया एश्योरेंस कम्पनी लि0 बनाम त्रिलोचन जाने के मामले में मा0 राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्ली द्वारा यह व्यवस्था दी गयी है कि चोरी के मामलों में चोरी की सूचना पुलिस को घटना के 24 घण्टे के भीतर और बीमा कम्पनी को 1-2 दिन में दे दी जानी चाहिऐ ऐसा न किया जाना बीमा पालिसी की शर्तों का उल्लंघन है। यह निर्णयज विधि वर्तमान मामले के तथ्यों पर पूर्णत: लागू होती है। परिवादी ने पुलिस को सूचना देने में 4 दिन और विपक्षीगण को सूचित करने में 5 दिन का विलम्ब किया है। इस विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण भी परिवादी की ओर से नहीं आया है। इस प्रकार परिवादी ने बीमा पालिसी की शर्त सं0-1 का उल्लंघन किया है। विपक्षीगण ने उसका बीमा दावा अस्वीकृत करके न तो कोई त्रुटि की और न ही सेवा में कमी की।
- उपरोक्त विवेचना के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुँचे है कि परिवाद खारिज होने योग्य है।
परिवाद खारिज किया जाता है। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सदस्य सदस्य अध्यक्ष जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद। जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद 14.07.2015 14/07/2015 14.07.2015 हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 14.07.2015 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद। जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
14.07.2015 14/07/2015 14.07.2015 | |