जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम रायबरेली।
परिवाद संख्या: १११/२०१२
हरिकेश कुमार सिंह पुत्र रामप्यारे सिंह निवासी- गोडधरा रसेहटा मजरे पिण्डारी कलॉ परगना तहसील सदर जिला-रायबरेली।
परिवादी
बनाम
१. रिलायंस इंश्योरेन्स कम्पनी लि० शाखा रायबरेली प्रथम तल सम्राट बिल्डिंग निकट डबल फाटक रेलवे स्टेशन रोड शहर रायबरेली द्धारा शाखा प्रबंधक।
२. रिलायंस इंश्योरेन्स कम्पनी लि० एच ब्लाक फर्स्ट फ्लोर धीरू भाई अंबानी नालेज सिटी नवी मुम्बई महाराष्ट्र ४००७१०
३. इन्द्रजीत पुत्र भगयी निवासी मेदापुर पोस्ट- छतोह जनपद- रायबरेली वर्तमान जनपद- सी०एस०एम० नगर।
४. श्रीमती शकुन्तला देवी पत्नी स्व० रामप्यारे सिंह निवासी ग्राम गोडधरा रसेहटा मजरे पिण्डारी कलॉ परगना तहसील सदर जिला- रायबरेली।
विपक्षीगण
परिवाद अंतर्गत धारा-१२ उपभोक्ता संरक्षण १९८६
निर्णय
परिवादी हरिकेश कुमार ने यह परिवाद धारा-१२ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम १९८६ के अंतर्गत इस आशय का प्रस्तुत किया है कि उसके बड़े भाई स्व० छोटेलाल ने विपक्षी संख्या-०२ के अधिकृत अभिकर्ता विपक्षी संख्या-०३ के प्रेरित करने पर विपक्षी संख्या-०१ के द्धारा जीवन बीमा पालिसी संख्या १८३३७४९६ बीस वर्षीय रू० १२५००००.०० का दिनांक ३१.१२.२०१० को क्रय किया था जिसका वार्षिक प्रीमियम रू० ३६०२.७३ था। बीमित छोटे लाल की मृत्यु दिनांक ०३.०६.२०११ को रात में अपने निवास स्थान पर हो गई जिसकी सूचना विपक्षीगण को नियमानुसार उपलब्ध कराई गई। विपक्षी संख्या-०१ के निर्देशानुसार परिवादी ने मृत्यु दावा प्रपत्र व अन्य वांछित सूचनायें पूरा कर दिनांक ०६.०७.२०११ को विपक्षी के कार्यालय में भेजा। दावा प्रपत्र जमा करने के करीब छ: माह बाद विपक्षी संख्या-०२ के अधिकृत सर्वेयर श्री राज व ज्ञान सिंह के द्धारा परिवादी से मृतक के संबंध में मृत्यु आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की गई तो उन्होंनें सुविधा शुल्क की मॉग की गई। परिवादी के भाई द्धारा बीमा पालिसी क्रय करने के समय ही परिवादी को नामित किया गया था। परिवादी ने दिनांक २५.०३.२०१२ को अपने अधिवक्ता द्धारा एक वैधानिक नोटिस जरिये रजिस्ट्री भेजवायी जो विपक्षीगण पर तामील हुई परन्तु आज
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तक विपक्षीगण ने उसके बीमा क्लेम का भुगतान नहीं किया जिसके कारण परिवादी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। परिवादी ने याचना किया है कि उसे बीमा धनराशि रू० १२५००००.०० (रू० बारह लाख पचास हजार मात्र) मय ब्याज तथा क्षतिपूर्ति हेतु रू० ४०००.०० का भुगतान कराया जाय।
विपक्षी गण को नोटिस जारी की गई। विपक्षी संख्या-०१ व ०२ ने अपने प्रतिवाद पत्र में यह अभिकथन किया है कि छोटे लाल ने दिनांक ३१.१२.२०१० को रिलायंस टर्म प्लान के तहत रू० १२५००००.०० का बीमा पालिसी संख्या १८३३७४९६ ली थी जो बीस वर्ष की अवधि हेतु थी एंव वार्षिक प्रीमियम रू० ३६०२.०० था। बीमा धारक की मृत्यु पालिसी लेने के पॉच माह दो दिन बाद ही हो गई थी। बीमा पालिसी धारक ने पालिसी लेते समय भरे गये प्रपोजल फार्म की चरण संख्या-०१ में वार्षिक आय रू० १०००००.०० दर्शाई है तथा आय का स्रोत व्यापार दर्शाया है परन्तु जॉच करने पर यह तथ्य प्रकाश में आया कि पालिसी धारक गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करता है तथा वह वी० पी० एल० कार्ड धारक है और उसकी वार्षिक आय रू० ६०००.०० है। विपक्षी संख्या- ०१ व ०२ द्धारा कराई गई जॉच रिपोर्ट में यह भी तथ्य प्रकाश में आया कि पालिसी धारक को टी० वी० थी जिसका इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र फुरसतगंज रायबरेली में चल रहा था जबकि उसकी मृत्यु पेट दर्द से होना प्रदर्शित किया गया है उपरोक्त कारणों से परिवादी किसी भी प्रकार का अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है तथा परिवाद खारिज किये जाने की याचना की गई है।
विपक्षी संख्या-०३ द्धारा प्रतिवाद पत्र योजित किया गया है जिसमे यह अभिकथन किया गया है कि विपक्षी संख्या-०३ कम्पनी की योजनाओं के अनुरूप जीवन बीमा का कार्य नियमानुसार करता है। विपक्षी संख्या-०३ द्धारा एक बीमा पालिसी संख्या १८३३७४९६ बीस वर्षीय अवधि के लिये रू० १२५००००.०० के लिये किया था जिसका वार्षिक प्रीमियम रू० ३६०२.७३ थी। छोटे लाल बीमा धारक बीमा के समय स्वस्थ्य थे एंव उन्हें कोई बीमारी नहीं थी तथा परचून की दुकान करते थे। दिनांक ०३.०६.२०११ को बीमा धारक छोटे लाल की उनके निवास स्थान पर मृत्यु हो गई तब उनके उत्तराधिकारी श्री हरिकेश कुमार सिंह ने हमे सूचित किया तब शाखा रायबरेली से मृत्यु दावा पत्र आदि दिया गया और परिवादी ने सम्पूर्ण औपचारिकतायें पूरी कर मृत्यु दावा प्रपत्र शाखा में जमा किया। बीमित राशि भुगतान करने का कार्य रिलायंस इंश्योरेन्स कम्पनी का है। उत्तरदाता द्धारा मृतक उपरोक्त बीमा धारक का बीमा पूरी औपचारिकतायें पूरी कर बीमा कम्पनी के दिशा निर्देश में किया गया। परिवादी का परिवाद विपक्षी के विरूद्ध निरस्त किये जाने योग्य है।
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परिवादी ने परिवाद पत्र के कथन के समर्थन में स्वयं का शपथ पत्र तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में परिवार रजिस्टर मृत्यु दावा आवेदन पत्र दिनांक ०५.०७.२०११ मय १३ संलग्नक प्रार्थना पत्र दिनांक १०.०८.२०११ २४.१०.२०११ ०५.१२.२०११ १२.१२.२०११ राशन कार्ड व वैधानिक नोटिस की फोटो प्रतिलिपि प्रस्तुत किया है।
विपक्षी संख्या-०३ द्धारा प्रतिवाद पत्र के समर्थन में शपथपत्र योजित किया गया है। विपक्षी संख्या- ०१ व ०२ द्धारा प्रतिवाद पत्र के समर्थन में कोई शपथपत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है।
हमने परिवादी तथा विपक्षी संख्या-०३ के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुना तथा पत्रावली का भलीभांति परिशीलन किया। विपक्षी संख्या-०१ व ०२ द्धारा लिखित बहस दाखिल किया है विपक्षी संख्या-०१ ०२ व ०३ को परिवादी के भाई मृतक छोटे लाल सिंह का बीमा किया जाना स्वीकार है तथा यह भी स्वीकार है कि मृतक छोटेलाल सिंह ने बीमा कराते समय सभी औपचारिकतायें पूर्ण की थी। विपक्षी संख्या-०१ व ०२ ने लिखित बहस में यह भी तर्क किया है कि बीमा पालिसी लेते समय बीमा प्रपोजल फार्म संख्या डी की चरण संख्या-०१ में वार्षिक आय रू० १०००००.०० का स्रोत ब्यापार तथा आय की प्रकृति बीमा कर्ता द्धारा जनरल स्टोर दर्शाया गया था लेकिन मृत्यु क्लेम दावा के जॉच के दौरान यह तथ्य पाया गया कि वी० पी० एल० कार्ड धारक था तथा उसकी वार्षिक आय रू० ६०००.०० थी। यहॉ पर यह उल्लेख करना उचित होगा कि विपक्षी संख्या-०३ द्धारा मृतक छोटे लाल सिंह का बीमा किया गया था तथा विपक्षी संख्या-०३ का प्रतिवाद पत्र एंव शपथपत्र में यह अभिकथन है कि मृतक छोटेलाल सिंह का बीमा पालिसी में वर्णित शर्तो के अनुसार किया गया था तथा पालिसी कराते समय वह कम्पनी की सभी शर्तो को पूरा करता था। बीमा कम्पनी या उसके अभिकर्ता का यह दायित्व था कि यदि उन्हें बीमा धारक के आय के स्रोत के संबंध में कोई शंका थी तो इस संबंध में जॉच कराते परन्तु उनके कथनानुसार बीमाधारक मृतक ने पालिसी में निहित समस्त शर्तो का पालन करते हुये बीमा कराया था। अत: हमारे मतानुसार विपक्षी संख्या ०१ व ०२ के इस तर्क में कोई बल नहीं है।
इसके अतिरिक्त विपक्षी संख्या-०१ और ०२ ने मुख्य रूप से यह तर्क किया है कि बीमा कम्पनी द्धारा कराये गई जॉच से यह तथ्य प्रकाश में आया कि पालिसी धारक को टी० बी० की बीमारी थी जिसका इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र फुरसतगंज रायबरेली में चल रहा था और बीमा पालिसी लेने से पूर्व वह टी० बी० से ग्रसित था तथा संलग्नक के रूप में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र फुरसतगंज के पर्चे दिनांक २४.०५.२०११ व ०१.०६.२०११ को दाखिल किया है तथा यह भी कहा है कि डाक्टर द्धारा यह समस्त दवायें टी०
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वी० के निवारण हेतु लेने की सलाह दी गई है जबकि परिवादी द्धारा बीमा कम्पनी को दिये गये क्लेम फार्म में पालिसी धारक की मृत्यु पेट दर्द व बुखार के कारण होना बताया गया है। इसके विपरीत परिवादी ने दिनांक २४.०५.२०११ व ०१.०६.२०११ के पर्चे को दाखिल किया है जिसमे अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र फुरसतगंज अमेठी द्धारा यह वर्णित किया गया है कि पर्चे दिनांक २४.०५.२०११ व ०१.०६.२०११ में उल्लिखित सन्दर्भित दवायें टी० वी० के इलाज से संबंन्धित नहीं है। ऐसी स्थिति में विपक्षी संख्या ०१ व ०२ का यह कथन भी बलहीन है। परिवादी ने क्लेम फार्म-बी भी प्रस्तुत किया है जिसमे भी पालिसी धारक की मृत्यु बुखार तथा पेट दर्द से होना उल्लिखित है। यहॉ यह भी उल्लेखनीय है कि विपक्षी संख्या-०१ व ०२ ने अपने जिस जॉच रिपोर्ट का उल्लेख परिवाद में किया है न तो उसको दाखिल किया है और न ही जॉच अधिकारी का कोई शपथपत्र प्रस्तुत किया है जिससे यह प्रमाणित हो सके कि उनकी जॉच रिपोर्ट सत्य है। हमारे मतानुसार बीमा धारक की मृत्यु पेट दर्द तथा बुखार के कारण होना परिलक्षित होता है बीमा धारक मृतक द्धारा किसी तथ्य को छुपाया जाना प्रमाणित नहीं होता है। हमारे मतानुसार परिवादी परिवाद को सिद्ध करने में पूर्ण रूप से सफल रहा है तथा वह बीमा की धनराशि प्राप्त करने का अधिकारी है। परिवादी ने विपक्षी संख्या-०१ व ०२ को सूचना प्रेषित किया तथा प्रतिकर हेतु प्रार्थना किया परन्तु विपक्षी संख्या-०१ व ०२ द्धारा परिवादी के सन्दर्भित आवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं करते हुये सेवा में कमी तथा लापरवाही की गई। जिससे विवश होकर उसे यह परिवाद प्रस्तुत करना पड़ा। अत: हम इस निश्चित मत के है कि परिवादी बीमा धनराशि क्षतिपूर्ति तथा वाद व्यय पाने का अधिकारी है।
आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। परिवादी विपक्षी संख्या-०१ व ०२ से मृतक छोटे लाल सिंह के बीमा की धनराशि रू० १२५००००.०० (रूपया बारह लाख पचास हजार मात्र) तथा इस पर मृत्यु की तिथि ०३.०६.२०११ से आठ प्रतिशत वार्षिक ब्याज व क्षतिपूर्ति के रूप में रू० ५०००.०० तथा वाद व्यय के रूप में रू० १०००.०० प्राप्त करने का अधिकारी है। विपक्षी संख्या-०१ व ०२ यह धनराशि निर्णय की तिथि से दो माह के अंदर परिवादी को अदा करें। समस्त धनराशि दो माह के अंतर्गत अदा न करने पर परिवादी समस्त धनराशि पर आठ प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से ब्याज अदायगी की तिथि तक विपक्षी संख्या-०१ व ०२ से पाने का अधिकारी होगा।
(शैलजा यादव) (राजेन्द्र प्रसाद मयंक) (लालता प्रसाद पाण्डेय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
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यह निर्णय आज फोरम के अध्यक्ष एंव सदस्यों द्वारा हस्ताक्षारित एंव दिनांकित कर उद्घोषित किया गया।
(शैलजा यादव) (राजेन्द्र प्रसाद मयंक) (लालता प्रसाद पाण्डेय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
दिनांक १०.१२.२०१५