राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील सं0- 1685/2014
जी0ई0 मनी फाइनेंसियल सर्विसेज प्रा0लि0 व एक अन्य।
बनाम
श्री प्रकाश चन्द पुत्र स्व0 आर0बी0 लाल।
समक्ष:-
मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री कुमार सम्भव,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक:- 20.09.2024
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
परिवाद सं0- 261/2011 श्री प्रकाश चन्द बनाम जी0ई0 मनी फाइनेंसियल सर्विसेज प्रा0लि0 व एक अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग, प्रथम, आगरा द्वारा पारित निर्णय व आदेश दि0 14.03.2014 के विरुद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने प्रश्नगत निर्णय व आदेश के माध्यम से परिवाद स्वीकार करते हुये निम्नलिखित आदेश पारित किया है:-
‘’परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध अंकन- 720586 की वसूली हेतु स्वीकार किया जाता है। इस धनराशि पर परिवाद योजित करने की तिथि 09.05.2011 से वास्तविक वसूली तक 7 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज की दर से ब्याज भी परिवादी को विपक्षीगण से प्राप्त होगा। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह उपरोक्त धनराशि आदेश के एक माह के अन्दर परिवादी को अदा करे।‘
हमारे द्वारा अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री कुमार सम्भव को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय व आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का सम्यक परीक्षण व परिशीलन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
प्रश्नगत निर्णय के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने परिवाद पत्र के प्रस्तर 7, 10 तथा 11 में यह बिन्दु उठाया है कि अपीलार्थी/विपक्षी ने उससे 6,95,586/-रू0 अतिरिक्त लिये जो प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा देय नहीं थे। इस सम्बन्ध में चाटर्ड अकाउंटेंट या अन्य किसी विशेषज्ञ की आख्या परिवाद के स्तर पर नहीं ली गई है। प्रश्नगत निर्णय के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि प्रत्यर्थी/परिवादी के कथन के अनुसार विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा प्रत्यर्थी/परिवादी के कथनों को सत्य मानते हुये अपीलार्थीगण/विपक्षीगण की अनुपस्थिति में परिवाद निस्तारित किया गया है। अत: विचारण के स्तर पर यह उचित होगा कि इसमें किसी चाटर्ड अकाउंटेंट विशेषज्ञ की आख्या इस सम्बन्ध में ले ली जाये जो भारतीय रिजर्व बैंक की गाइड लाइन के अनुसार प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा देय धनराशि का आंकलन करके अपनी आख्या प्रस्तुत करे। अत: पीठ इस मत की है कि अपील स्वीकार करते हुये विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय व आदेश अपास्त किया जाये और विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित की जाये कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग उपरोक्त परिवाद अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित करे और तदोपरांत विधि के अनुसार परिवाद में अग्रिम कार्यवाही करते हुये परिवाद का निस्तारण सुनिश्चित करे।
आदेश
प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत आदेश दि0 14.03.2014 अपास्त किया जाता है तथा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित की जाती है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग उपरोक्त परिवाद अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित करे और विधि के अनुसार परिवाद में अग्रिम कार्यवाही करते हुये परिवाद का निस्तारण सुनिश्चित करे।
उभयपक्ष दि0 08.11.2024 को जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष उपस्थित हों।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थीगण द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थीगण को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाये।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुधा उपाध्याय)
सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नं0- 3