जिल्हा ग्राहक तक्रार निवारण न्याय मंच,जळगाव यांचे समोर. . . . .
तक्रार क्रमांक 1510/2010
तक्रार दाखल करण्यात आल्याची तारीखः-29/12/2010.
तक्रार निकाली काढणेत आली तारीखः- 11/06/2013.
1. शरदचंद्र माधवराव भाल्डे,
उ.व.सज्ञान, धंदाः सेवानिवृत्त,
2. सौ.मृणालीनी शरदचंद्र भाल्डे,
उ.व.सज्ञान, धंदाः घरकाम,
दोघे रा.8, विद्यानगर, कजगांव रोड,पारोळा,
ता.पारोळा, जि.जळगांव. .......... तक्रारदार.
विरुध्द
1. श्री.मर्चंट नागरी सह.पतसंस्था मर्या,पारोळा,
1.गुजराथी गल्ली, पारोळा,जि.जळगांव.
2. श्री.मंगेश सुधाकर तांबे,चेअरमन,
रा.तांबेवाडा,प्रकाश टॉकीजजवळ,पारोळा,जि.जळगांव.
3. श्री.प्रकाश बाबुराव शिंपी,व्हा.चेअरमन,
रा.ओतार गल्ली, पारोळा,जि.जळगांव.
4. श्री.विलास एकनाथ वाणी,संचालक,
रा.बजरंग स्टोअर्स,बाजारपेठ, पारोळा,जि.जळगांव.
5. श्री.दिलीप बाजीराव पाटील,संचालक,
रा.तलाव गल्ली, पारोळा,जि.जळगांव.
6. श्री.पुंडलीक रामा पाटील,संचालक,
रा.व्यंकटेश पतसंस्थेजवळ,तलावगल्ली, पारोळा,जि.जळगांव.
7. श्री.सुनिल साहेबराव पाटील,संचालक,
रा.प्रकाश टॉकीजजवळ, पारोळा,जि.जळगांव.
8. श्री.पंकज भानुदास पाटील,संचालक,
रा.भास्करअप्पा कॉलनी, पारोळा,जि.जळगांव.
9. श्री.किशोर मगनलाल पटेल,संचालक,
रा.लवनगल्ली, पारोळा,जि.जळगांव.
10. श्री.भिमराव सखाराम जावळे,संचालक,
11. श्री.प्रमोद विठठल कासार,संचालक,
रा.कासार गल्ली, पारोळा,जि.जळगांव.
12. श्री.दिलीप दशरथ सोनार,संचालक,
रा.ओतार गल्ली, पारोळा,जि.जळगांव.
13. श्री.नंदकिशोर बाबुराव बागुल,संचालक,
रा.विद्यानगर,कजगांव रोड, पारोळा,जि.जळगांव.
14. सौ.सुलोचना गजानन वाणी,संचालीका,
15. सौ.सुमती बाळकृष्ण वाणी,संचालीका,
सामनेवाला क्र.10,14 व 15 चे समन्स सामनेवाला क्र.1 सोसायटी
चे पत्यावर बजावण्यात यावेत. ......... विरुध्द पक्ष
कोरम-
श्री.विश्वास दौ.ढवळे अध्यक्ष
श्रीमती पुनम नि.मलीक सदस्या.
तक्रारदार तर्फे श्री.विजय आर.शुक्ला वकील.
विरुध्द पक्ष क्र. 1 ते 15 एकतर्फा.
निकालपत्र
श्री.विश्वास दौ.ढवळे, अध्यक्षः तक्रारदार यांनी विरुध्द पक्ष सहकारी संस्थेत
मुदत ठेव पावती अन्वये गुंतविलेली रक्कम मागणी करुनही परत दिली नाही म्हणुन
त्यांनी प्रस्तुत तक्रार या मंचात दाखल केली आहे.
2. तक्रारदार यांची थोडक्यात अशी तक्रार आहे की,
तक्रारदार यांनी विरुध्द पक्ष श्री.मर्चंट नागरी सह.पतसंस्था मर्या,पारोळा या संस्थेत मुदत ठेव पावतीत रक्कम गुंतवणूक केल्याचा तपशिल खालीलप्रमाणेः
अ.क्र. | पावती क्रमांक | ठेव दिनांक | रक्कम रुपये | देय दिनांक | देय रक्कम |
1. | 344 | 07/05/2007 | 20,000/- | 07/06/2008 | 20,000/- |
2. | 10042 | 12/03/2007 | 6,000/- | 14/02/2008 | 6,174/- |
3. | 10558 | 20/06/2007 | 2,058 | 29/12/2007 | 2,118/- |
4. | 10598 | 08/07/2007 | 20,000/- | 17/01/2009 | 20,580/- |
5. | 10717 | 20/07/2007 | 9,830/- | 18/04/2008 | 10,115/- |
6. | 10718 | 20/07/2007 | 9,830/- | 18/04/2008 | 10,115/- |
7. | 10719 | 20/07/2007 | 9,830/- | 18/04/2008 | 10,115/- |
8. | 10720 | 20/07/2007 | 9,830/- | 18/04/2008 | 10,115/- |
9. | 10714 | 21/07/2007 | 11,068/- | 21/10/2007 | 11,389/- |
10. | 10715 | 21/07/2007 | 11,068/- | 21/10/2007 | 11,389/- |
11. | 10716 | 21/07/2007 | 11,068/- | 21/10/2007 | 11,389/- |
12. | 10727 | 25/07/2007 | 11,083/- | 25/10/2007 | 11,404/- |
13. | 10728 | 25/07/2007 | 11,083/- | 25/10/2007 | 11,404/- |
14. | 10729 | 25/07/2007 | 3,542/- | 25/10/2007 | 3,645/- |
15. | 10742 | 26/07/2007 | 4,315/- | 26/10/2007 | 4,440/- |
16. | 10773 | 28/07/2007 | 17,126/- | 28/10/2007 | 17,622/- |
17. | 10774 | 28/07/2007 | 17,126/- | 28/10/2007 | 17,622/- |
18. | 10775 | 28/07/2007 | 17,126/- | 28/10/2007 | 17,622/- |
19. | 10776 | 28/07/2007 | 17,126/- | 28/10/2007 | 17,622/- |
20. | 10777 | 28/07/2007 | 17,126/- | 28/10/2007 | 17,622/- |
21. | 10778 | 28/07/2007 | 17,126/- | 28/10/2007 | 17,622/- |
22. | 10988 | 11/08/2007 | 25,930/- | 11/11/2007 | 26,682/- |
23. | 11115 | 27/08/2007 | 20,000/- | 27/11/2007 | 20,454/- |
24. | 11116 | 27/08/2007 | 20,000/- | 27/11/2007 | 20,454/- |
25. | 11117 | 27/08/2007 | 20,000/- | 27/11/2007 | 20,454/- |
26. | 11118 | 27/08/2007 | 20,000/- | 27/11/2007 | 20,454/- |
27. | 11119 | 27/08/2007 | 20,000/- | 27/11/2007 | 20,454/- |
28. | 11120 | 27/08/2007 | 20,000/- | 27/11/2007 | 20,454/- |
29. | 10991 | 28/08/2007 | 5,082/- | 28/11/2007 | 5,229/- |
30. | 11113 | 15/09/2007 | 23,294/- | 17/03/2008 | 23,822/- |
31. | 002153 | 17/05/2003 | 20,000/- | 17/08/2008 | 40,000/- |
32. | 002154 | 17/05/2003 | 20,000/- | 17/08/2008 | 40,000/- |
33. | 002155 | 17/05/2003 | 20,000/- | 17/08/2008 | 40,000/- |
34. | 002156 | 17/05/2003 | 20,000/- | 17/08/2008 | 40,000/- |
35. | 002157 | 17/05/2003 | 20,000/- | 17/08/2008 | 40,000/- |
36. | 002158 | 17/05/2003 | 20,000/- | 17/08/2008 | 40,000/- |
37. | 002269 | 11/08/2003 | 5,000/- | 11/08/2008 | 10,000/- |
38. | 002270 | 11/08/2003 | 5,000/- | 11/08/2008 | 10,000/- |
39. | 002271 | 11/08/2003 | 5,000/- | 11/08/2008 | 10,000/- |
40. | 002272 | 11/08/2003 | 5,000/- | 11/08/2008 | 10,000/- |
41. | 6651 | 26/04/2005 | 1,000/- | 26/04/2010 | 1,650/- |
42. | 970 | 26/03/2006 | 2,200/- | 26/09/2012 | 4,400/- |
43. | 001854 | 28/11/2003 | 5,000/- | 28/08/2007 | 10,000/- |
44. | बचत खाते क्र.659 | 31/08/2007 | 5,207/- | - | 5,207/- |
45. | बचत खाते क्र.5/285 | 11/07/2005 | 172/- | - | 172/- |
46. | बचत खाते क्र.990 | 13/07/2005 | 112/- | - | 112/- |
47. | बचत खाते क्र.6/207 | 13/01/2006 | 122/- | - | 122/- |
48. | बचत खाते क्र.2297 | 24/07/2006 | 111/- | - | 111/- |
49. | आवर्त खाते क्र.501 | 10/10/2003 | 100/- | - | 100/- |
3. तक्रारदार यांनी गुंतविलेल्या रक्कमेची मागणी विरुध्द पक्ष संस्थेत केली असता पतसंस्थेने रक्कम देण्यास नकार दिला अशी तक्रारदार यांची तक्रार आहे. सबब विरुध्द पक्ष यांचेकडे गुंतवणुक केलेली रक्कम व्याजासह होणारी संपुर्ण रक्कम तसेच मानसिक त्रास व अर्जाच्या खर्चापोटी नुकसान भरपाई मिळावी अशी विनंती तक्रारदार यांनी केलेली आहे.
4. सदरची तक्रार दाखल करुन, विरुध्द पक्ष यांना ग्राहक
संरक्षण कायदा, 1986 चे कलम 13(1) ब प्रमाणे नोटीसा काढण्यात आल्या. विरुध्द पक्ष क्र. 1 ते 15 हे या मंचाची नोटीस प्राप्त होऊनही याकामी गैरहजर राहील्याने त्यांचेविरुध्द एकतर्फा आदेश पारीत करुन तक्रार निकालासाठी घेतली.
5. तक्रारदार यांची तक्रार, त्यांनी दाखल केलेले कागदपत्रे तसेच तक्रारदाराचा युक्तीवाद याचे सुक्ष्म अवलोकन केले असता न्यायनिवाडयासाठी पुढील मुद्ये उपस्थित होतात व त्याची उत्तरे आम्ही सकारण खालीलप्रमाणे देत आहोत.
मुद्ये उत्तर
1) विरुध्द पक्ष यांनी तक्रारदार यांना द्यावयाच्या
सेवेत त्रृटी केली आहे काय ? होय.
2) आदेश काय ? खालीलप्रमाणे.
वि वे च न
6. मुद्या क्र.1 - प्रस्तुत प्रकरणांत तक्रारदार यांनी तक्रारीचे अनुषंगाने दाखल केलेली कागदपत्रे पाहता त्यांनी संस्थेत मुदत ठेव पावत्यामध्ये रक्कम गुंतविलेली होती ही बाब सिध्द होते. तक्रारदार यांनी सदरची रक्कम मिळणेसाठी मागणी केली असता, सदर रक्कम त्यांना देण्यात आलेली नाही. वास्तविक तक्रारदार यांनी मागणी केल्यानंतर तात्काळ विरुध्द पक्ष यांच्याकडील जमा असलेली रक्कम त्यांना परत करणे संस्थेचे कर्तव्य होते. परंतू मागणी करुनही संस्थेने रक्कम न देऊन सेवेत त्रृटी केली आहे या मतास आम्ही आलो आहोत. सबब मुद्या क्रमांक 1 चे उत्तर आम्ही होकारार्थी देत आहोत.
7. मुद्या क्र.2 – तक्रारदार यांनी त्यांची संपुर्ण रक्कम देण्याची जबाबदारी संस्थेची व संचालक यांची वैयक्तीक व संयुक्तीक आहे असे नमुद करुन त्याबाबत आदेश व्हावा अशी विनंती केली आहे. यासंदर्भांत आम्ही मा.मुंबई उच्च न्यायालयातील रिट याचिका क्रमांक 5223/09 सौ.वर्षा रविंद्र ईसाई // विरुध्द // राजश्री राजकुमार चौधरी या न्यायीक दृष्टांताचा आधार घेत आहोत. सदर निकालात पुढीलप्रमाणे तत्व विषद करण्यात आलेले आहे.
As has been recorded above, I am of the view that a society registered under the provision of Maharashtra Co-operative Societies Act 1960, although can be proceeded against and a complaint under the provision of Consumer Protection Act is entertainable against the society, the Directors or members of the managing committee cannot be held responsible in view of the scheme of Maharashtra Co-operative Societies Act. To hold the Directors of the banks/ members of the managing committee of the societies responsible, without observing the procedure prescribed under the Act, would also be against the principles of co-operation, which is the very foundation of establishment of the co-operative societies.
वरील न्यायीक दृष्टांतातील तत्व पाहता संचालकांची महाराष्ट्र सहकारी संस्था अधिनियम, 1960 च्या कलम 88 नुसार चौकशी होऊन जबाबदारी निश्चित होत नाही तोपर्यंत संचालकांना वैयक्तीकरित्या जबाबदार ठरवता येणार नाही असे म्हटले आहे त्यामुळे रक्कम देण्यास संचालकांना वैयक्तीकरित्या जबाबदार ठरवता येणार नाही व तक्रारदार यांची रक्कम देण्याची जबाबदारी ही विरुध्द पक्ष क्र. 1 संस्थेची आहे या मतास आम्ही आलो आहोत. सबब आम्ही खालीलप्रमाणे आदेश पारीत करीत आहोत.
आ दे श
( अ ) तक्रारदार यांचा तक्रारी अर्ज अंशतः मंजूर करण्यात येतो.
( ब ) विरुध्द पक्ष क्रं.1 संस्था यांना असे निर्देशित करण्यात येते की, त्यांनी या निकालपत्राच्या परिच्छेद क्र. 2 मध्ये नमुद केलेल्या मुदत ठेव पावत्या मॅच्युअर्ड झालेल्या असल्याने त्यावरील मुदती अंती देय असलेल्या रक्कमा त्या त्या पावतीवरील देय तारखेनंतर ( मुदत ठेवीचा कालावधी संपल्यापासून ) एकत्रित रक्कमेवर द.सा.द.शे. 6 टक्के व्याजासह तक्रारदार यांना या आदेशाच्या प्राप्तीपासुन 30 दिवसाचे आंत द्यावेत., तसेच अनुक्रमे बचत खाते क्र. 659, 5/285, 990, 6/207, 2297 व आवर्त खाते क्र.501 मध्ये शिल्लक असलेल्या रक्कमा त्या त्या खात्यावर प्रचलीत असलेल्या व्याजदरासह तक्रारदारास त्वरीत अदा कराव्यांत.
( क ) विरुध्द पक्ष क्रं.1 संस्था यांना असेही निर्देशित करण्यात येते की, त्यांनी तक्रारदार यास झालेल्या मानसिक, शरिरिक व आर्थिक त्रासापोटी रक्कम रुपये 3,000/- व तक्रार अर्जाचे खर्चापोटी रु.500/- या आदेशाच्या प्राप्तीपासुन 30 दिवसाचे आंत द्यावेत.
( ड ) वर नमुद आदेश अनुक्रमांक (ब) मधील मुदत ठेवीच्या रक्कमेपैकी काही रक्कम अगर व्याज दिले असल्यास त्यावर कर्ज दिले असल्यास सदरची रक्कम वजावट करुन उर्वरीत रक्कम अदा करावी.
ज ळ गा व
दिनांकः- 11/06/2013.
( श्रीमती पुनम नि.मलीक ) (श्री.विश्वास दौ.ढवळे )
सदस्या अध्यक्ष
जिल्हा ग्राहक तक्रार निवारण न्यायमंच,जळगांव.