Sunil kumar suman filed a consumer case on 08 Dec 2015 against Shreemalls in the Kota Consumer Court. The case no is CC/9/2012 and the judgment uploaded on 11 Dec 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
प्रकरण संख्या-0912
सुनील कुमार सुमन पुत्र दुर्गा लाल आयु 28 साल जाति माली निवासी ग्राण्ड होटल की गली, रामपुरा, कोटा, राजस्थान। -परिवादी।
बनाम
01. श्रीमाल्स रावत भाटा बस स्टेण्ड, गुमानपुरा, कोटा, जिला कोटा।(मालिक दुकान)
02. अंशुल ऐजेन्सीज एफ-3,दीपश्री परिसर, कोटा राज0 (मालिक फर्म)
03. स्पार्इस मोबार्इल्स लि0 डी-1 सेैक्टर-3 नोएडा, उत्तर प्रदेश, जर्ये मेनेजिंग डार्इरेक्टर। -विपक्षीगण
समक्ष :
अध्यक्ष : भगवान दास
सदस्य : हेमलता भार्गव
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपसिथत :-
1 श्री तेजमल जैन, श्री दिलीप शर्मा, अधिवक्तागण, परिवादी की ओर से।
2 विपक्षी सं. 1व 2 के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही।
3. श्री देवेन्द्र कुमार वर्मा, अधिवक्ता, विपक्षी सं.3 की ओर से।
निर्णय दिनांक 08.12.15
परिवादी ने विपक्षीगण के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद प्रस्तुत कर उनका संक्षेप में यह सेवा-दोष बताया है कि विपक्षी सं. 3 द्वारा निर्मित मोबार्इल नं. 5055 विपक्षी सं. 1 से दिनांक 02.11.10 को नकद 1,750- रूपये अदा करके खरीदा था, उसके बाद से ही उसमें काफी खराबी आने लगी, जिसे विपक्षी सं. 2 (अधिकृत सर्विस सेन्टर) को दिनांक 06.06.11,12.09.11 को दिखाया, लेकिन पूरी तरह ठीक नहीं हुआ। उसमें निर्माणदोष है, इससे परिवादी को मानसिक संताप हुआ।
विपक्षीसं. 1 व 2, मंच से प्रेषित नोटिस की विधिवत तामील होने के बावजूद उपसिथत नहीं हुये, इसलिये उनके विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही के आदेश दिये गये।
विपक्षी सं. 3 के जवाब का सार है कि उनके द्वारा निर्मित मोबार्इल पूरी तरह ठीक है, जिसमें कोर्इ निर्माणदोष नहीं है, इसकी कोर्इ साक्ष्य भी प्रस्तुत नहीं की गर्इ है। उनके अधिकृत सर्विस सेन्टर पर ठीक कराने का कोर्इ प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया है। वारंटी कार्ड भी प्रस्तुत नहीं किया गया है। परिवाद झूंठा पेश किया गया है।
परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा मोबार्इल खरीद बिल, जोबशीट 06.01.11 व 12.09.11 आदि की प्रतियां प्रस्तुत की हैं ।
विपक्षी सं. 3 की ओर से साक्ष्य में कोर्इ शपथ-पत्र या दस्तावेजात प्रस्तुत नही किये गये।
हमने दोनों पक्षों की बहस सुनी। पत्रावली का अवलोकन किया।
परिवादी ने विपक्षी सं. 3 द्वारा निर्मित मोबार्इल सेट विपक्षी सं. 1 से नकद 1,750- रूपये अदा करके खरीदा, इसकी पुषिट हेतु बिल की प्रति व शपथ-पत्र दिया गया है। मोबार्इल सेट ठीक नहीं हुआ, इस बाबत जोबशीट की प्रतियां प्रस्तुत की गर्इ है। अधिकृत सर्विस सेन्टर, बावजूद विधिवत तामील उपसिथत नहीं हुआ है, इससे परिवादी की कहानी अखंडित है। अधिकृत सर्विस सेन्टर के दोष के लिये निर्माता भी उत्तरदायी है। परिवादी के मोबार्इल की खराबी को ठीक नहीं करना सेवादोष है।
अत: परिवादी का परिवाद विपक्षी सं. 3 के विरूद्ध स्वीकार किये जाने योग्य है। परिवादी का परिवाद विपक्षी सं. 1 व 2 के विरूद्ध खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षी संख्या 3 के खिलाफ स्वीकार किया जाकर निर्देश दिये जाते है कि परिवादी के मोबार्इल को एक माह के अंदर उसकी संतुषिट के मुताबिक ठीक किया जावे व ठीक नहीं होने की सिथति में मोबार्इल की कीमत 1,750- रूपये परिवादी को लौटायी जावे। इसके अलावा मानसिक संताप के पेटे 1,000- रूपये, परिवाद व्यय के पेटे 1,000- रूपये भी अदा किये जावें। परिवादी का परिवाद विपक्षी सं. 1,2 के खिलाफ खारिज किया जाता है।
(हेमलता भार्गव) ( भगवान दास)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा।
निर्णय आज दिनांक 08.12.15 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा।
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