Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/183/2014

AKHILESHWARI DUBEY - Complainant(s)

Versus

SHOPPING PLAZA - Opp.Party(s)

RAM PRATAP SINGH

29 Dec 2020

ORDER

1

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 183 सन् 2014

                                                                                                                                                                      प्रस्तुति दिनांक 18.09.2014

                                                                                         निर्णय दिनांक 29.12.2020        

अखिलेश्वरी दुबे पुत्री लक्ष्मी नारायण दुबे, निवासी सी.डी.ओ. आवास के सामने हरबंशपुर जिला- आजमगढ़।

     ......................................................................................परिवादिनी।

बनाम

    शापिंग प्लाजा मेन रोड ताज काम्प्लेक्स तकिया, जिला आजमगढ़ द्वारा    प्रोपराइटर।

  •  

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादिनी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह विपक्षी के दुकान पर दिनांक 01.08.2014 को चार अदद कपड़ा (लेडीज सूट) मुo 1995/- में खरीदा। विपक्षी द्वारा करड़े की शुद्धता के विषय में काफी प्रशंसा की गयी। विपक्षी ने यह कहा यदि कपड़े की सिलाई हो गयी तो भी सिला-सिलाया कपड़ा खराब होने पर वापस कर लिया जाएगा। जब उसने कपड़ा घर लेजाकर उसे खोलकर देखा तो उसने पाया कि कपड़ा दो जगह कटा हुआ था तो उसने विपक्षी को दिखाया, लेकिन उसने कपड़ा वापस नहीं किया।

अतः परिवादिनी विपक्षी को नोटिस दिया। परिवादिनी को मुo1995/- रुपया मय ब्याज दिलवाया जाए।

परिवादिनी द्वारा अपने परिवाद-पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादिनी द्वारा कागज संख्या 5/1 शापिंग प्लाजा की रसीद की फोटोप्रति प्रस्तुत की गयी है।

दिनांक 27.10.2014 को विपक्षी की अनुपस्थिति में परिवाद उसके विरुद्ध एक पक्षीय योजित किया गया। परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। चूंकि परिवादिनी द्वारा परिवाद पत्र में किया गया कथन, उसके समर्थन में प्रस्तुत शपथ पत्र एवं प्रलेखीय साक्ष्य अखण्डित हैं। अतः परिवाद स्वीकार होने योग्य पाया जाता है।            

आदेश

    परिवाद-पत्र स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह 30 दिनों के अन्दर परिवादिनी को मुo 1995/- रुपया (रुo

P.T.O.

2

एक हजार नौ सौ पंचानवे मात्र) वापस कर दें, जिस पर वाद दाखिला के दिन से एवं उसके अन्तिम भुगतान की तिथि तक परिवादिनी 09% वार्षिक ब्याज पाने हेतु अधिकृत होगी। परिवादिनी को मानसिक व आर्थिक क्षति हेतु मुo 2000/- रुपया (रुo दो हजार मात्र) भी अदा करे।

 

 

 

 

                                                                    गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण  कुमार सिंह

                                                  (सदस्य)                         (अध्यक्ष)

 

           दिनांक 29.12.2020

 

                                             यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

                                     गगन कुमार गुप्ता                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                          (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

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