राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील सं0- 318/2015
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, कानपुर नगर द्वारा वाद सं0- 337/2013 में पारित आदेश दि0 12.01.2015 के विरूद्ध)
M/S Computer international Showroom: UGB-25, Somdutt Plaza, The Mall Kanpur, Through its proprietor.
…………..Appellant/Opp. Party
Versus
Shiv Shankar S/o Late Shri Babu lal, R/o Quarter no. 114/9, Vijay nagar, Kanpur.
………. Respondent/Complainant
समक्ष:-
1.मान्नीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
2.मान्नीया श्रीमती बाल कुमारी, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री आलोक सिन्हा, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री एस0पी0 पाठक, विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक:- 14.02.2017
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
निर्णय
परिवाद सं0- 337/2013 शिव शंकर बनाम मेसर्स कम्प्यूटर इंटरनेशनल में जिला फोरम, कानपुर नगर द्वारा पारित निर्णय और आदेश दि0 12.01.2015 के विरूद्ध यह अपील उपरोक्त परिवाद के विपक्षी मेसर्स कम्प्यूटर इंटरनेशनल की ओर से धारा 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गई है।
आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने उपरोक्त परिवाद विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से व आंशिक रूप से इस सीमा तक स्वीकार किया है कि विपक्षी परिवादी को निर्णय में ‘’बी’’ टेबल पर उपलब्ध Configuration वाला लैपटाप निर्णय की तिथि से 30 दिन के अन्दर परिवादी द्वारा पूर्व में क्रय किये गये लैपटाप को वापस करने के बाद प्राप्त करायें तथा वाद व्यय के रूप में 5,000/-रू0 अदा करें। जिला फोरम ने यह भी आदेशित किया है कि अन्यथा स्थिति में परिवादी को यह अधिकार होगा कि डिक्री की धनराशि राजस्व वसूली की भांति जरिए फोरम प्राप्त करे।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री आलोक सिन्हा उपस्थित आये। प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री एस0पी0 पाठक उपस्थित आये।
हमने उभयपक्ष के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय व आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि अपीलार्थी पर नोटिस का तामीला हुए बिना आक्षेपित निर्णय और आदेश जिला फोरम ने एकपक्षीय रूप से पारित किया है जो तथ्य और विधि के विरूद्ध है।
प्रत्यर्थी परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश तथ्य और विधि के अनुकूल है। अपीलार्थी नोटिस के तामीला के बाद भी जिला फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ है। अत: जिला फोरम ने उसके विरूद्ध जो एकपक्षीय रूप से कार्यवाही की है वह विधि सम्मत है।
हमने उभयपक्ष के तर्क पर विचार किया है।
परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्यर्थी परिवादी का कथन है कि उसने अपीलार्थी से डेल कम्पनी का लैपटाप थर्ड जेनरेशन क्रय किया जिसे उसने 34800/-रू0 में दिया और उसकी खरीदारी की रसीद भी उसे दिया, जिसमें उक्त लैपटाप का सर्विस टैग नम्बर 2QB5YMV1 अंकित है, परन्तु जब परिवादी ने क्रय किये गये लैपटाप की सील्ड पैकिंग खोलकर लैपटाप निकाला तो लैपटाप पर अंकित नम्बर 8T7ZLV1 पाया गया जो अपीलार्थी विपक्षी द्वारा दी गई रसीद में अंकित सर्विस टैग से भिन्न है और उक्त लैपटाप की कीमत प्राइस लिस्ट के अनुसार 33,490/-रू0 से 13 प्रतिशत की राहत के पश्चात 29130/-रू0 आती है। इस प्रकार अपीलार्थी विपक्षी ने प्रत्यर्थी परिवादी को वह लैपटाप नहीं दिया है जिसका मूल्य उसने प्रत्यर्थी परिवादी से लिया है। अत: प्रत्यर्थी परिवादी ने जिला फोरम के समक्ष परिवाद प्रस्तुत कर यह निवेदन किया है कि लैपटाप की कीमत 34,800/-रू0 उसे विपक्षी से दिलायी जाए साथ ही उसने मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक क्षति तथा अन्य मदों में हुए व्यय और वाद व्यय की भी मांग की है।
जिला फोरम के आक्षेपित निर्णय और आदेश से यह स्पष्ट है कि अपीलार्थी विपक्षी को नोटिस पंजीकृत डाक से भेजी गई है, फिर भी वह उपस्थित नहीं आया है। अपीलार्थी विपक्षी की ओर से अपील में इस बात से स्पष्ट रूप से इनकार नहीं किया गया है कि उस पर रजिस्ट्री तामील नहीं हुई है। अत: अपीलार्थी पर नोटिस का तामीला मानने हेतु उचित आधार है। अत: हम इस मत के हैं कि जिला फोरम ने अपीलार्थी विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से कार्यवाही की है वह अनुचित और अवैधानिक नहीं कही जा सकती।
अपीलार्थी जिला फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ है और प्रत्यर्थी परिवादी ने जिला फोरम के समक्ष कम्प्यूटर खरीद की रसीद अपीलार्थी द्वारा दिये गये लैपटाप पर चस्पा स्टीकर पर अंकित सर्विस टैग की प्रति, वारण्टी एवं Configuration की प्रति प्रस्तुत किया है, जिससे स्पष्ट है कि अपीलार्थी विपक्षी ने प्रत्यर्थी परिवादी को बिक्री रसीद में अंकित लैपटाप थर्ड जेनरेशन के स्थान पर दूसरी श्रेणी का लैपटाप दिया है जो प्रत्यर्थी परिवादी द्वारा चाहे गये थर्ड जेनरेशन लैपटाप से कम मूल्य व निम्न श्रेणी का रहा है। अत: सम्पूर्ण तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के उपरांत हम इस मत के हैं कि जिला फोरम ने जो निष्कर्ष निकाला है कि अपीलार्थी विपक्षी ने प्रत्यर्थी परिवादी द्वारा चाहे गये लैपटाप के स्थान पर दूसरा लैपटाप उसे दिया है वह उपलब्ध साक्ष्यों से प्रमाणित है। अत: हम इस मत के हैं कि जिला फोरम ने जो निष्कर्ष निकाला है उसमें किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश से स्पष्ट है कि जिला फोरम ने अपीलार्थी विपक्षी द्वारा आपूर्ति किये गये लैपटाप को बदलकर उसके स्थान पर प्रत्यर्थी विपक्षी द्वारा खरीदे गये लैपटाप की आपूर्ति किये जाने का आदेश दिया है जो वाद के तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर उचित है।
जिला फोरम ने जो 5,000/-रू0 वाद व्यय प्रत्यर्थी परिवादी को दिलाया है वह भी अनुचित और अधिक नहीं कहा जा सकता।
अत: उपरोक्त निष्कर्षों के आधार पर हम इस मत के हैं कि जिला फोरम के आक्षेपित निर्णय और आदेश में किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। हमारी राय में अपील बल रहित है और निरस्त किये जाने योग्य है।
आदेश
अपील निरस्त की जाती है। अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे। धारा 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अपील में जमा धनराशि जिला फोरम को विधि के अनुसार निस्तारण हेतु भेजी जाये।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान) (बाल कुमारी)
अध्यक्ष सदस्य
शेर सिंह आशु0
कोर्ट नं0-1