(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
पुनरीक्षण सं0- 07/2018
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, आजमगढ़ द्वारा परिवाद सं0- 95/2011 में पारित आदेश दि0 17.10.2017 के विरूद्ध)
- Sahara India pariwar Branch office, Budhanpur, District- Azamgarh. Through Branch Manager.
- Sahara India pariwar, Regional office, Azamgarh.
- Sahara India pariwar, Sahara India Bhawan, 1- Kapoorthala complex, Lucknow. Through their Authorized signatory
………Revisionists
Versus
Shivam panday adult son of Late Sri Ramakant pandey, R/o Mauza-Bahailiyapur, Post-Nandna, District- Azamgarh.
…………O.P.
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
पुनरीक्षणकर्तागण की ओर से उपस्थित : श्री सलिल त्रिपाठी,
विद्वान अधिवक्ता।
विपक्षी की ओर से उपस्थित : श्री पारसनाथ तिवारी,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक:- 02.11.2018
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
निर्णय
पुनरीक्षणकर्तागण्ा के विद्वान अधिवक्ता श्री सलिल त्रिपाठी उपस्थित हैं। विपक्षी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री पारसनाथ तिवारी ने वकालतनामा और आपत्ति प्रस्तुत किया। पुनरीक्षणकर्तागण की ओर से भी लिखित तर्क प्रस्तुत किया गया।
मैंने उभय पक्ष को सुना है।
वर्तमान पुनरीक्षण याचिका धारा 17(1)(b) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत राज्य आयोग के समक्ष परिवाद सं0- 95/2011 शिवम पाण्डेय बनाम शाखा प्रबंधक सहारा इंडिया परिवार आदि में जिला फोरम द्वारा पारित आदेश दि0 17.10.2017 के विरुद्ध प्रस्तुत की गई है जिसके द्वारा जिला फोरम ने पुनरीक्षणकर्तागण जो परिवाद के विपक्षी हैं की ओर से परिवाद बीमा कम्पनी को पक्षकार बनाये जाने हेतु प्रस्तुत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया है।
मैंने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्क को सुना है।
पुनरीक्षणकर्तागण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि पुनरीक्षणकर्तागण ने अपने निवेशकों के लिए सामूहिक बीमा पालिसी ओरियण्टल इंश्योरेंस कम्पनी से ली थी और उक्त पालिसी के अंतर्गत विपक्षी/परिवादी के पिता जिन्होंने पुनरीक्षणकर्तागण की प्रश्नगत योजना में धन जमा किया था को बीमित कराया था। परन्तु ओरियण्टल इंश्योरेंस कं0लि0 ने विपक्षी/परिवादी के पिता के बीमा दावा को स्वीकार नहीं किया है। इस कारण उसे भी परिवाद में पक्षकार बनाया जाना आवश्यक है, क्योंकि पुनरीक्षणकर्तागण की ओर से विपक्षी का बीमा दावा ओरियण्टल इंश्योरेंस कम्पनी लि0 को भेजा गया है।
विपक्षी जो परिवाद में परिवादी है के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि विपक्षी/परिवादी के पिता ने अपना धन पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षीगण की योजना में जमा किया है और योजना के अंतर्गत बीमा धनराशि देने का दायित्व पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षीगण पर है। अत: जिला फोरम ने पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षीगण द्वारा बीमा कम्पनी को पक्षकार बनाये जाने हेतु प्रस्तुत प्रार्थना पत्र निरस्त कर कोई गलती नहीं की है।
मैंने उभय पक्ष के तर्क पर विचार किया है।
पुनरीक्षणकर्तागण की ओर से ओरियण्टल इंश्योरेंस कम्पनी लि0 की बीमा पालिसी की फोटो प्रति प्रस्तुत की गई है। पुनरीक्षणकर्तागण की ओर से पुनरीक्षण याचिका सं0- 128/2010 सहारा इंडिया परिवार व अन्य बनाम श्री बनवारी लाल अग्रवाल में राज्य आयोग की पूर्ण पीठ द्वारा पारित निर्णय दि0 15.07.2010 और पुनरीक्षण सं0- 13/2009 सहारा इंडिया परिवार व अन्य बनाम श्रीमती दर्शना देवी में राज्य आयोग दिल्ली द्वारा पारित निर्णय दि0 29.01.2015 की प्रतियां प्रस्तुत की गयी हैं जिसमें दोनों राज्य आयोग ने बीमा कम्पनी को परिवाद में पक्षकार बनाया जाना उचित माना है। अत: सम्पूर्ण तथ्यों पर विचार करते हुए परिवाद के पूर्ण और प्रभावी निर्णय हेतु ओरियण्टल इंश्योरेंस कं0लि0 को परिवाद में पक्षकार बनाया जाना उचित प्रतीत होता है। अत: पुनरीक्षण याचिका स्वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित आदेश अपास्त कर विपक्षी/परिवादी को निर्देशित किया जाता है कि वह जिला फोरम के समक्ष परिवाद में ओरियण्टल इंश्योरेंस कम्पनी लि0 को पक्षकार बनाने हेतु 15 दिन के अन्दर आवेदन पत्र प्रस्तुत करे। इसके साथ ही जिला फोरम को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादी के प्रार्थना पत्र को ग्रहण कर विधि के अनुसार ओरियण्टल इंश्योरेंस कं0लि0 को पक्षकार बनाने हेतु आदेश पारित करे और परिवाद का निस्तारण यथाशीघ्र विधि के अनुसार सुनिश्चित करे।
पुनरीक्षणकर्ता जो परिवाद में विपक्षी है ओरियण्टल इंश्योरेंस कं0लि0 की प्रश्नगत पालिसी की स्व सत्यापित प्रति विपक्षी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को जिला फोरम के समक्ष हाजिरी हेतु निश्चित तिथि पर अवश्य उपलब्ध करावे।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
शेर सिंह आशु0,
कोर्ट नं0-1