Chhattisgarh

Bilaspur

CC/08/193

SHRI ASHISH GUPTA - Complainant(s)

Versus

SHIVAM MOTORS - Opp.Party(s)

SHRI SALEEM KASHI

04 Jul 2015

ORDER

District Consumer Dispute Redressal Forum
Bilaspur (C.G.)
Judgement
 
Complaint Case No. CC/08/193
 
1. SHRI ASHISH GUPTA
VILLAGE SINDHI COLONY,PENDRA ROAD
BILASPUR
CHHATISGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. SHIVAM MOTORS
SIRGITTI BILASPUR
BILASPUR
CHHATTISGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. ASHOK KUMAR PATHAK PRESIDENT
 HON'BLE MR. PRAMOD KUMAR VARMA MEMBER
 
For the Complainant:
SHRI SALEEM KASHI
 
For the Opp. Party:
SHRI ANSHARI
 
ORDER

 

 

// जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोषण फोरम,बिलासपुर छ.ग.//

 

                                                                                 प्रकरण क्रमांक cc/2008/193

                                                                                 प्रस्‍तुति दिनांक 06/08/2008

 

आशीष कुमार गुप्‍ता,

आ0 श्री अशोक कुमार गुप्‍ता,निवास सिंधी कॉलोनी

पेण्‍ड्रारोड तहसील पेण्‍ड्रा रोड

जिला बिलासपुर छ0ग0                     ......आवेदकगण /परिवादीगण

                    विरूद्ध

  1. शिवम मोटर्स(पी.) लिमिटेड

     पी0ओ0नंबर 17,इण्‍डस्‍ट्रीयल एरिया,

    सिरगिट्टी बिलासपुर छ0ग0

    पिन 494004

 

  1. टाटा मोटर्स लि‍मिटेड,

  तीन हाथ नाका, ज्ञानसाधना कॉलेज सर्विस रोड

   थाने 400604 महाराष्‍ट्र                ..............अनावेदकगण/विरोधीपक्षकार

 

                               आदेश

          (आज दिनांक 04/07/2015 को पारित)

 

          १. आवेदक आशीष कुमार गुप्‍ता ने उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदकगण के विरूद्ध वारंटी अवधि में सेवा में कमी के लिए पेश किया है और अनावेदकगण से क्षतिपूर्ति  के रूप में 91,000/-रू. की राशि दिलाए जाने का निवेदन किया है ।

 2. परिवाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक दिनांक 30.01.2007 को अपने जीवकोपार्जन के लिए अनावेदक क्रमांक 1 के पास से हाईपोथिकेशन एग्रीमेंट के तहत एक टाटा वाहन 207 टी.आई. क्रय किया था, जिसको चलाने में प्रारंभ से ही कठिनाई आने लगी, उसे चलाने पर उसमें घटिया दर्जे का सामान लगा होने के कारण टूट-फूट हुई, जिसकी शिकायत करने पर अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा उन्‍हें बदला गया । दिनांक 25.06.2007 को पुन: उक्‍त वाहन रतनपुर बस स्‍टैण्‍ड के पास खडा हो गया और लगभग 6 दिन तक वहीं खडा रहा है । दिनांक 01.07.2007 को अनावेदक क्रमांक 1 का मैकेनिक आया और वाहन का पंप खोलकर ले गया तथा उसे बताया गया कि पंप में सुधार कार्य के लिए 25,000/-रू. जमा करना पडेगा । उसके बाद उसका वाहन अनावेदक क्रमांक 1 के संस्‍थान में ही खडा रहा, जिसके कारण वह उक्‍त वाहन में माल ढुलाई का काम नहीं कर सका और न ही किश्‍त का भुगतान कर सका, जिसके कारण फाईनेंसर द्वारा वाहन खींच लिया गया, अत: उसने यह अभिकथित करते हुए कि वारंटी अवधि में अनावेदकगण द्वारा वाहन का पंप न सुधार कर सेवा में कमी की गई, जिसके कारण उसे 91,000/-रू. का नुकसान उठाना पडा, उक्‍त नुकसानी के लिए यह परिवाद पेश करना बताया है ।      

3. अनावेदकगण पृथक-पृथक जवाब पेश कर समान रूप से परिवाद का विरोध इस आधार पर किए कि आवेदक द्वारा वाहन का संचालन समुचित सावधानी से नहीं किया गया और उसमें अपमिश्रित डीजल का प्रयोग किया गया, जिसके कारण वाहन के पंप में पानी आ गया फलस्‍वरूप संबंधित कंपनी द्वारा उसका वारंटी निरस्‍त कर आवेदक की सहमति से पंप में  सुधार कार्य किया गया, किंतु उसके बाद भी आवेदक न तो सुधार कार्य का भुगतान किया और न ही वाहन को लेकर गया, साथ ही मासिक किश्‍तों का भी भुगतान नहीं किया गया, जिसके कारण जनवरी 2008 में वाहन को अधिग्रहित किया गया और आवेदक के सूचना उपरांत उसको बिक्री कर दिया गया । आगे उन्‍होंने सेवा में कमी से इंकार करते हुए यह अभिकथित किया है कि आवेदक अपनी स्‍वयं की लापरवाही को उन पर मढने का प्रयास किया, जबकि वाहन में कोई यांत्रिक खराबी नहीं थी, उक्‍त आधार पर उन्‍होंने परिवाद निरस्‍त किए जाने का निवेदन किया है ।

4. उभय पक्ष अधिवक्‍ता का तर्क सुन लिया गया है । प्रकरण का अवलोकन किया गया ।

5. देखना यह है कि क्‍या आवेदक, अनावेदकगण से वांछित अनुतोष प्राप्‍त करने का अधिकारी है \

                      सकारण निष्‍कर्ष

6. इस संबंध में कोई विवाद नहीं कि आवेदक दिनांक 30.01.2007 को अनावेदक क्रमांक 1 के पास से हाईपोथिकेशन एग्रीमेंट के तहत एक टाटा वाहन 207 टी.आई. क्रय किया था । यह भी विवादित नहीं है कि वर्तमान में उक्‍त वाहन किश्‍तों में अदायगी में चुक करने के कारण अनावेदक क्रमांक 2 द्वारा अधिग्रहित कर बिक्री कर दिया गया है ।

7. आवेदक का कथन है कि अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा वाहन की खरीदी पर उसे तीन वर्ष की वारंटी प्रदान की गई थी, किंतु वाहन को चलाने पर उसे शीघ्र आभास हो गया कि वाहन में निर्माण दोष है, वह आए दिन खराब होने लगा, जिसके कारण वह समय पर ग्राहकों के सामान की डिलवरी करने में असमर्थ हो गया और उसकी छवि मार्केट में खराब हो गई । वारंटी पीरियेड में अनावेदकगण द्वारा वाहन रिपेयरिंग के संबंध में उसकी राशि की मांग की गई, जिसे वह अदा करने में असमर्थ हो गया और उसे भारी नुकसानी का सामना करना पडा, जिसके कारण उसने क्षतिपूर्ति वसूली का यह परिवाद पेश करना बताया है ।

8. इसके विपरीत अनावेदकगण का कथन है कि वाहन में कोई यांत्रिक खराबी नहीं थी तथा वारंटी अवधि में जो भी समस्‍या आई उसे वारंटी शर्तों के अधीन सुधार किया गया, किंतु आवेदक द्वारा  वाहन में अपमिश्रित डीजल का प्रयोग किया गया, जिसके कारण उसके फ्यूल इंजेक्‍शन पंप में समस्‍या आना पाया गया और वाहन का पंप खराब हो गया, चूँकि उक्‍त पंप निर्माता माइको कंपनी था, अत: उक्‍त कंपनी द्वारा पंप की जॉच की गई और वारंटी शर्तों के विपरीत अपमिश्रित डीजल के प्रयोग से पंप में खराबी आने के कारण वारंटी निरस्‍त करते हुए आवेदक की सहमति पर सशुल्‍क सुधार किया गया, किंतु आवेदक ने राशि का भुगतान नहीं किया और न ही वाहन को वापस ले गया ।

9. आवेदक के अनुसार  फ्यूल इंजेक्‍शन पंप वारंटी अवधि में खराब हुई थी, अत: उसे नि:शुल्‍क सुधार करने का दायित्‍व अनावेदकगण का था, किंतु   अनावेदकगण की ओर से पेश वारंटी नियम व शर्त की कण्डिका 4 में यह स्‍पष्‍ट उल्‍लेख है कि वाहन के फ्यूल इंजेक्‍शन पंप की सप्‍लाई अन्‍य कंपनी का होने के कारण उस पर अनावेदकगण द्वारा आवेदक को कोई वारंटी प्रदान नहीं की गई थी । आवेदक द्वारा संबंधित कंपनी को मामले में पक्षकार नहीं बनाया गया है । ऐसी स्थिति में उक्‍त के संबंध में आवेदक, अनावेदकगण से कोई वारंटी लाभ प्राप्‍त करने का अधिकारी नहीं ।

10. उपरोक्‍त कारणों से हम इस निष्‍कर्ष पर पहुंचते है कि आवेदक, अनावेदकगण के विरूद्ध सेवा में कमी का तथ्‍य प्रमाणित कर पाने में असफल रहा है । अत: आवेदक, अनावेदकगण से कोई अनुतोष प्राप्‍त करने का अधिकारी नहीं पाया जाता फलत: उसका परिवाद निरस्‍त किया जाता है।

       11. उभय पक्ष अपना-अपना वाद-व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे ।

 

                     (अशोक कुमार पाठक)                              (प्रमोद वर्मा)

                                 अध्‍यक्ष                                        सदस्‍य

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. ASHOK KUMAR PATHAK]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. PRAMOD KUMAR VARMA]
MEMBER

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