राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(सुरक्षित)
अपील संख्या:-2632/2018
(जिला फोरम, चित्रकूट द्धारा परिवाद सं0-48/2017 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 07.4.2018 के विरूद्ध)
Airtel Money Office, Airtel Money Commerce Service Ltd., Bharti Cresent, 1 Nelson Mandella Road, Vasant Kunj, Phase-II, New Delhi 110070.
........... Appellant/ Opp. Party
Versus
1- Shivam Gupta, S/o Shri Basant Lal Gupta, R/o Village-Bargarh, Post-Bargarh, Tehsil-Mau, District-Chitrakoot.
…….. Respondent/ Complainant
2- State Bank of India, Branch-Mau, District-Chitrakoot through its Branch Manager.
……..Formal Respondent/ Opp. Party
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष
अपीलार्थी के अधिवक्ता : श्रीमती सुचिता सिंह
प्रत्यर्थी सं0-2 के अधिवक्ता : श्री साकेत श्रीवास्तव
दिनांक 26/11/2019
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या-48/2017 शिवम गुप्ता बनाम भारतीय स्टेट बैंक व एक अन्य में जिला फोरम, चित्रकूट द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 07.4.2018 के विरूद्ध यह अपील धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्तर्गत राज्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गई है।
आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है:-
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“परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है एवं प्रतिपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी के खाते से रू0 9999.00 की गयी कटौती की भरपाई एक माह के अन्दर कटौती की तिथि से भुगतान की तिथि तक 09 प्रतिशत ब्याज सहित करेगे, इसके अतिरिक्त प्रतिपक्षीगण परिवादी को रू0 2000.00 मानसिक क्षतिपूर्ति व रू0 1000.00 वाद व्यय भी अदा करेगे। प्रतिपक्षीगण को अनुचित व्यापार प्रथा के सम्बन्ध में भविष्य में पुनरावृत्ति न करने का आदेश दिया जाता है।”
जिला फोरम के निर्णय व आदेश से क्षुब्ध होकर परिवाद के विपक्षी सं0-2 ने यह अपील प्रस्तुत की है।
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्रीमती सुचिता सिंह उपस्थित आयीं है। प्रत्यर्थी सं0-2 की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री साकेत श्रीवास्तव उपस्थित आये है।
प्रत्यर्थी सं0-1 की ओर से नोटिस का तामीला पर्याप्त माने जाने के बाद भी कोई उपस्थित नहीं हुआ है।
मैंने अपीलार्थी व प्रत्यर्थी सं0-2 के विद्वान अधिवक्तागण के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
प्रत्यर्थी सं0-2 की ओर से लिखित तर्क प्रस्तुत किया गया है। मैंने प्रत्यर्थी सं0-2 की ओर से प्रस्तुत लिखित तर्क का भी अवलोकन किया है।
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अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्त सुसंगत तथ्य इस प्रकार है कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष अपीलार्थी और प्रत्यर्थी सं0-2 के विरूद्ध इस कथन के साथ प्रस्तुत किया है कि प्रत्यर्थी सं0-2 के बैंक में खाता संख्या-20376981462 का वह धारक है। उसने प्रत्यर्थी सं0-1 के क्रेडिट कार्ड से 9,999.00 रू0 का एयरटेल पेमेंट क्रेडिट कराया था।
परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्यर्थी/परिवादी का कथन है कि उसके मोबाइल पर एयरटेल पर पेमेंट का संदेश आया, जिसका TXN 010009871365 बताया गया, परन्तु कटा हुआ बैलेंस एयलटेल पेमेंट बैंक में क्रेडिट नहीं हुआ, जबकि दिनांक 22.01.2017 को ही पास बुक में यह धनराशि डेविट होना दर्शाया गया है। परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्यर्थी/परिवादी के द्वारा कस्टमर केयर से बात करने पर उसे सर्वर फेल होने की बात कहते हुए यह कहा गया कि एकाउण्ट क्रेडिट नहीं हो सका है। डेविट की गई धनराशि पुन: वापस हो जायेगी, फिर भी बैलेंस उसके खाते में क्रेडिट नहीं हुआ। इस प्रकार परिवाद पत्र के अनुसार उसका 9,999.00 रू0 अपीलार्थी एवं प्रत्यर्थी सं0-2 ने हड़प कर लिया है, जिससे वह एयरटेल पेमेंट बैंक की सुविधा से वंचित रहा है। अत: क्षुब्ध होकर उसने परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रस्तुत किया है।
जिला फोरम के आक्षेपित निर्णय से स्पष्ट है कि अपीलार्थी एवं प्रत्यर्थी सं0-2 जिला फोरम द्वारा नोटिस प्रेषित किये जाने पर
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उपस्थित हुए हैं, परन्तु कोई जवाब दावा प्रस्तुत नहीं किया है। अत: जिला फोरम ने परिवाद की कार्यवाही एक पक्षीय रूप से करते हुए आक्षेपित निर्णय और आदेश पारित किया है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि अपीलार्थी को एस0एम0एस0 के माध्यम से किया गया भुगतान रिचार्ज आदि के लिए था। एयरटेल मनी के लिए नहीं। 9,999.00 रू0 की कथित धनराशि अपीलार्थी को बैंक द्वारा अंतरित नहीं की गई है। यह धनराशि अपीलार्थी को रिचार्ज हेतु अदा की गई है। अपीलार्थी की सेवा में कोई कमी नहीं है। जिला फोरम ने जो अपीलार्थी के विरूद्ध आदेश पारित किया है वह उचित नहीं है। उसे निरस्त किया जाना आवश्यक है।
प्रत्यर्थी सं0-2 के विद्वान अधिवक्ता का भी तर्क है कि जिला फोरम ने साक्ष्य पर सही ढंग से विचार नहीं किया है। जिला फोरम का निर्णय दोषपूर्ण है।
मैंने अपीलार्थी और प्रत्यर्थी सं0-2 के विद्वान अधिवक्तागण के तर्क पर विचार किया है।
प्रत्यर्थी सं0-2 ने जिला फोरम द्वारा पारित आदेश के विरूद्ध अपील प्रस्तुत नहीं की है। अत: प्रत्यर्थी सं0-2 जिला फोरम के आदेश की वैधता को वर्तमान अपील में कानूनन चुनौती नहीं दे सकता है।
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अपीलार्थी के अनुसार प्रत्यर्थी/परिवादी को प्राप्त एस0एम0एस0 का मैसेज निम्न है:-
“Thank you for using your SBI debit card 459xx7228 for a purchase worth of Rs. 9,999/- on POS Payust 000001653 at airtel 20/upe/Prepaid txn #010009871356”
अत: अपीलार्थी का यह कथन उचित नहीं है कि उसे एस0एम0एस0 के माध्यम से उपरोक्त धनराशि एयरटेल मनी के रूप में नहीं वरन रिचार्ज के रूप में प्राप्त हुई है। जिला फोरम ने प्रश्नगत धनराशि प्रत्यर्थी/परिवादी के एयरटेल एकाउण्ट में क्रेडिट न किये जाने के सम्बन्ध में अपीलार्थी की सेवा में जो कमी माना है, उसे साक्ष्य और विधि के विरूद्ध नहीं कहा जा सकता है।
उपरोक्त विवेचना के आधार पर जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश तथ्य और विधि के विरूद्ध मानने हेतु उचित आधार नहीं है। अपील बलरहित है अत: निरस्त की जाती है।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
हरीश आशु.,
कोर्ट सं0-1