राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील सं0- 900/2010
N.S. Ice and Cold Storage Pvt. Ltd. Dalupur Road, Sothra Barnahal Dist. Mainpuri through Director Mukul Yadav, Resident of Kothi Haivera Dist. Etawah and three others.
…………Appellants
V/s
Shiv Nath, S/p/S.P. Singh R/o Sarai Molpur Post Kurnahal Mainpuri and another.
…….Respondent
समक्ष:-
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री एस0के0 श्रीवास्तव,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक:- 09.11.2022
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद सं0- 329/2003 शिवनाथ बनाम मैसर्स एन0एस0 आइस एण्ड कोल्ड स्टोरेज प्रा0लि0 व चार अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग, मैनपुरी द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 18.03.2010 के विरुद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है।
2. विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए निम्नलिखित आदेश पारित किया है:-
''परिवादी का परिवाद विपक्षी सं0- 01 लगायत 4 के विरुद्ध संयुक्त रूप से एवं पृथक-पृथक आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को रू0 48,400/- (अड़तालीस हजार चार सौ रू0) मय 06 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के जो परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक से अन्तिम भुगतान की दिनांक तक देय होगा एक माह के अन्दर अदा करें। इसके अतिरिक्त रू0 5,000/- मानसिक कष्ट हेतु व रू0 2,000/- वाद व्यय हेतु भी उपरोक्त समय अवधि में अदा किए जाए।
विपक्षीगण को यह भी आदेशित किया जाता है कि उपरोक्त समस्त धनराशि का चेक/ड्राफ्ट अध्यक्ष, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, मैनपुरी के पद नाम बनाकर एक माह के अन्दर दाखिल करें।
विपक्षी सं0- 5 दि ओरियण्टल इंश्योरेंस कं0लि0 को उत्तरदायित्व से मुक्त किया जाता है।''
3. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि प्रत्यर्थी सं0- 1/परिवादी ने अपीलार्थीगण/विपक्षी के कोल्ड स्टोरेज में कुल 484 बोरा आलू भण्डारित किया था जिस हेतु रू0 10 प्रति बोरा के हिसाब से कुल रू0 4810/- किराया भी जमा किया था तथा शेष धनराशि आलू निकालते समय देना था। प्रत्यर्थी सं0- 1/परिवादी जब बीज का आलू निकालने गया तो अपीलार्थीगण/विपक्षी ने प्रत्यर्थी सं0- 1/परिवादी को दिनांक 24.08.003 को एक पैकेट आलू निकालकर दिया और कहा कि प्रत्यर्थी सं0- 1/परिवादी का आलू बाद में निकाला जायेगा। इसके बाद प्रत्यर्थी सं0- 1/परिवादी पुन: आलू लेने गया तो उन्होंने कहा कि आपका आलू सड़ गया है और आलू देने से मना कर दिया। इसलिए आलू की कीमत दिलाये जाने हेतु परिवाद योजित किया गया है।
4. हमने अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री एस0के0 श्रीवास्तव को सुना। प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का सम्यक परिशीलन किया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
5. निर्णय के अवलोकन से जाहिर होता है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने आलू जमा करने तथा पैसा वापस न लौटाये जाने का साक्ष्य पर आधारित करते हुए प्रश्नगत निर्णय व आदेश पारित किया है जिसमें हस्तक्षेप करने हेतु कोई उचित आधार प्रतीत नहीं होता है। तदनुसार अपील खारिज किए जाने योग्य है।
आदेश
6. अपील खारिज की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय व आदेश की पुष्टि की जाती है।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
अपील में धारा 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अपीलार्थीगण द्वारा जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित इस निर्णय व आदेश के अनुसार जिला उपभोक्ता आयोग को निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नं0- 3