Rajasthan

Ajmer

CC/68/2016

VEENA BULCHANDANI - Complainant(s)

Versus

SHIV MOBILES - Opp.Party(s)

SELF

07 Oct 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/68/2016
 
1. VEENA BULCHANDANI
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. SHIV MOBILES
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 07 Oct 2016
Final Order / Judgement

  जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

वीना बूलचन्दानी  पत्नी श्री दौलतराम देवानी, निवासी- 2-ग-39, हाउसिंग बोर्ड, अजयनगर, अजमेर । 
                                                -         प्रार्थिया
                            बनाम
1. षिव मोबाईल प्लेनेट, स्टेषन रोड़, अजमेर । 
2. आॅथराईज्ड स्पाईस सर्विस सेन्टर, जी.एल.ट्रेडर्स, षाॅप नम्बर 28, राॅयल काॅम्पलैक्स,स्टेषन रोड़, अजमेर । 
3. स्पाईस रिटेल लिमिटेड, एस. ग्लोबल  नाॅलेज पार्क, 19 । - 20 ठ सेक्टर 125, नोएडा-201201(उत्तरप्रदेष)
                                                -       अप्रार्थीगण
                 परिवाद संख्या 68/2016 

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य
                           उपस्थिति
                  1जितेन्द्र कुमार अधिवक्ता  प्रार्थिया  
                  2.श्री दीपक पाराषर,  अधिवक्ता अप्रार्थी सं.1
          3 ओम नारायण पालडिया अधिवक्ता अप्रार्थी सं.3                                
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः-27.10.2016
 
1.       प्रार्थिया  द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार  हंै कि उसके द्वारा अप्रार्थी संख्या 1 से  जरिए बिल संख्या 1507 के राषि रू. 8600/- में  दिनंाक 2.9.2014 को क्रय किया गया  मोबाईल  स्पाईस .एमआई 520 के दिनंाक 8.12.2014 को खराब होने पर उसने अप्रार्थी संख्या 1 को षिकायत की । जिसकी सलाह पर उसने कम्पनी के अधिकृत सर्विस सेन्टर पर दिखाया । जिसे दुरूस्त करके दे दिए जाने के बाद भी खराब होने पर पुनः  अप्रार्थी संख्या 1 को षिकायत की । जिसने उक्त सैट को दिनंाक 11.12.2014 से 25.1.2.2014 तक रखने के बाद भी  सैट दुरूस्त नहीं हो सका । प्रार्थिया का कथन है कि
सैट के साथ आई बैटरी तथा उसके द्वारा क्रय की गई बैटरी  भी  खराब हो गई है । प्रार्थिया ने परिवाद प्रस्तुत कर  उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है ।  परिवाद के समर्थन में स्वयं का ष्षपथपत्र पेष किया है । 
2.    अप्रार्थी संख्या 1 ने जवाब प्रस्तुत करते हुए प्रष्नगत सैट  क्रय किए जाने के तथ्य को स्वीकार करते हुए दर्षाया है कि  प्रार्थिया ने प्रथम बार  दिनंाक 15.07.02015 को प्रष्नगत सैट  सर्विस सेन्टर पर ठीक करने दिया था जिससे स्पष्ट है कि उससे पहले प्रार्थिया के सेट में किसी भी प्रकार की कोई खराबी नही ंथी ।  अपने अतिरिक्त कथन में उसके विरूद्व कोई लोकस स्टैण्डाई नहीं होने से प्रथम दृष्टया परिवाद खारिज किए जाने की प्रार्थना करते हुए जवाब के समर्थन में श्री धर्मेन्द भागवानी, प्रोपराईटर का ष्षपथपत्र पेष किया है । 
3.    अप्रार्थी  संख्या 2 बावजूद नोटिस तामील न तो मंच में उपस्थित हुए  और ना ही परिवाद का कोई जवाब ही पेष किया है। अतः अप्रार्थी संख्या 2  के विरूद्व दिनांक  28.3.2016 को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई । 
4.      अप्रार्थी संख्या 3 की ओर से  जवाब में प्रारम्भिक आपत्ति के रूप मे ंपरिवाद को भ्रामक, आधारहीन व विधि के प्रावधानों में नहीं टिकने योग्य बताते हुए परिवाद खारिज होने योग्य बताया है । स्वयं के स्तर पर किसी प्रकार की कोई सेवा में कमी नहीं किए जाना बाताया गया है । प्रार्थिया द्वारा  परिवाद प्रस्तुत कर  उन्हें ब्लेकमेल करने व धन प्राप्त करने हेतु प्रस्तुत किया गया है। आगे अपने पैरावाईज जवाब  में समस्त तथ्यों का खण्डन करते हुए अप्रार्थी संख्या 1 को स्वयं का अधिकृत डीलर होने से इन्कार किया है  तथा  उनके कृत्य के प्रति स्वयं को जिम्मेदार नहीं बताया है । परिवाद गलत  तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत करना बताया है । वारण्टी अवधि समापत हो जाने के बाद परिवाद प्रस्तुत करने के कारण इसका पोषणीय नहीं होना भी बताया है । 
5.    प्रार्थी का तर्क है कि  उसके द्वारा मोबाईल क्रय किए जाने के 15-20 दिन बाद से ही सही तरीके से काम नहीं करने पर इसे दिनंाक 8.12.2014  को   अधिकृत सर्विस सेन्टर पर दिखाया गया था  एवं 2 दिन के बाद ठीक करना बताते हुए उसे वापस दे दिया गया । वास्तव में वह मोबाईल सही रूप से काम नहीं कर रहा था । पुनः अप्रार्थी संख्या 1 को दिखाया गया तो  उसके द्वारा भी बताया गया कि उक्त मोबाईल सर्विस सेन्टर पर भिजवाया गया है ।  यह दिनंाक 11.12.2014 से 25.12.2014 तक रखने के बाद भी सही रूप से काम नहीं कर रहा था ।  कुछ दिन  ठीक काम करने के बाद दिनांक  16.7.2015 से  3.8.2015 तक  भिजवाया गया । उक्त सैट के साथ आई बैटरी व अन्य बैटरी भी खराब हो गई ।   कम्पनी  को षिकायत किए जाने पर कम्पनी द्वारा कहा गया कि वो मोबाईल को सर्विस सेन्टर  को भेज रहा है । इस प्रकार उक्त मोबाईल  के  क्रए किए जाने के तुरन्त बाद एक वर्ष की वारण्टी अवधि में इसके बार बार खराब हो जाने से उसे  अत्यधिक परेषनी का सामना करना पड़ा है । ऐसा  कर अप्रार्थीगण ने अनुचित व्यापार व्यवहार का परिचय देते हुए सेवा में कमी कारित की है । वांछित अनुतोष सहित परिवाद स्वीकार किया जाना चाहिए । 
6.    खण्डन में अपा्रर्थी संख्या 1 की ओर से  मोबाईल का क्रय किया जाना स्वीकार किया गया।  किन्तु इसके बाद  दिनांाक 15.7.2015 को सर्विस सेन्टर पर दिया जाना बताया ।   । इससे पहले  किसी प्रकार की कोई त्रटि नहीं होना बताया गया । अन्य सभी तथ्यों को अस्वीकार करते हुए इनका प्रमुख तर्क रहा है कि प्रार्थी को कोई लोकस न्सटेण्डाई नहीं है । उसके द्वारा भ्रामक तथ्यों के आधार पर  ब्लैकमेल करने की नियत से झूठा परिवाद पेष किया गया है । 
7.    अप्रार्थी संख्या 3 की ओर से खण्डन में परिवाद को आधारहीन होना तथा खारिज होने योग्य बताते हुए स्वयं के द्वारा  किसी प्रकार की  कोई सेवा में  कमी कारित नहीं किए जाने का तर्क प्रस्तुत किया गया व यह भी बताया कि अप्रार्थी संख्या 1 उसका अधिकृत डीलर नहीं है । अतः ऐसे डीलर के कृत्यों के फलस्वरूप  यदि किसी प्रकार की कोई हानि अथवा क्षति कारित हुई है तो इसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार नहीं है । प्रार्थी द्वारा मनगढन्त व असत्य तथ्य प्रस्तुत किए गए है । परिवाद वादकरण  वारण्टी अवधि के बाहर उत्पन्न हुआ है ।  कुल मिलाकर  उनका तर्क रहा है कि परिवाद किसी भी सूरत में स्वीकार किए जाने योग्य नही ंहै ।  अपने तर्को के समर्थन ने  अपील संख्या  804/2004  मनोज कुमार बनाम  मैसर्स रूप वांच  एण्ड मोबाईल कम्पनी   में दिए गए निर्णय दिनांक  23.01.2015  पर अवलम्ब लिया है । 
8.    हमने परस्पर तर्क सुन लिए हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का भी ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है । 
9.    प्रष्नगत मोबाईल को सर्वप्रथम  खरीद किए जाने के बाद 15-20 दिन बाद खराब होने,दिनांक 8.12.2012 को अधिकृत सर्विस सेन्टर पर दिखाने, जिसका   2 दिन बाद ठीक होना बताते हुए दिए जाने, किन्तु सैट के ठीक नही ंहोने पर पुनः अप्रार्थी संख्या 1 को दिखाए जाने तथा दिनंाक 11.12.2014 से 25.1.2014  तक रखने के बाद सहीं रूप से काम नहींे करने , इसके फिर कुछ दिन ठीक चलने के बाद  दिनंाक 16.7.2015 से 3.8.2015 तक ठीक चलना व फिर कम्पनी को भेजा जाना, अभिकथित है , के संबंध में इन तथ्यों के खण्डन से सर्विस सेन्टर का कोई जवाब नहीं आना इस बात का द्योतक  एवं प्रमाण है कि उक्त सैट क्रय किए जाने के 1 वर्ष की अवधि के अन्दर अन्दर अर्थात वारण्टी अवधि में 3-4 बार खराब हुआ तथा  संतोषप्रद ठंग से उसे सहीं कर सर्विस सेन्टर द्वारा उपभोक्ता को नहीं लौटाया गया  है।   इन्हीं तथ्यों की आंषिक पुष्टि अप्रार्थी संख्या 1  के प्रतिउत्तर में आई इस स्वीकारोक्ति से भी होती है, जिसमें उसने प्रार्थी द्वारा  उसके समक्ष प्रथम बार  उक्त मोबाईल को सर्विस सेन्टर  पर दिया जाना बताया है ।  जो नजीर प्रस्तुत हुई है, में दोबारा  सैट खराब होने की कोई साक्ष्य तथा तथ्य उपलब्ध नहीं थे । अतः उक्त परिवाद खारिज किया गया था। जबकि हस्तगत प्रकरण में इस प्रकार के तथ्य नहीं है । अतः तथ्यों की भिन्नता में यह नजीर उनके लिए सहायक  नहीं है । 
10.    इस प्रकार  प्रष्नगत  मोबाईल क्रय किए जाने के बाद वारण्टी अवधि के अन्दर 3-4 बार खराब हुआ है  तथा संतोषप्रद तरीके से उपभोक्ता को ठीक कर नहीं लौटाया  गया है । अतः ऐसा मोबाईल विक्रय करते हुए अप्रार्थी संख्या 1 व 2 ने अनुचित व्यापार व्यवहार प्रकिया अपनाते हुए सेवा में कमी का परिचय दिया है । परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि 
                         :ः- आदेष:ः-
11.         (1)    प्रार्थिया अप्रार्थी संख्या 1 व 2 से संयुक्त  एवं  पृथक पृथक रूप से  प्रष्नगत मोबाईल सैट की कीमत रू. 8600/- प्राप्त करने की अधिकारिणी होगी । 
        (2)       प्रार्थिया अप्रार्थी संख्या 1 व 2 से संयुक्त  एवं  पृथक पृथक रूप से ं परिवाद व्यय के पेटे रू.  5000/-भी  प्राप्त करने की  अधिकारिणी होगी ।               
         (3)    क्रम संख्या 1 लगायत 2  में वर्णित राषि अप्रार्थी संख्या 1 व 2 संयुक्त  एवं  पृथक पृथक रूप से प्रार्थिया को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें   अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।  
          आदेष दिनांक 27.10.2016 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

                
(नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    

 


           
                         

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.